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हरियाणा में रास चुनाव हुआ दिलचस्‍प, कोई पार्टी जारी नहीं करेगी व्हिप

हरियाणा से राज्‍यसभा की दो सीटों के चुनाव में से एक पर मुकाबला दिलचस्‍प हो गया है। दो सीटों में से एक पर केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह का सर्वसम्‍मति से चुना जाना तय हो गया हे। दूसरी सीट पर सुभाष चंद्रा और आरके आनंद के बीच मुकाबला है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2016 12:36 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटाें के होने वाला चुनाव दिलचस्प हो गया है। राज्यसभा की दो सीटों के लिए कुल तीन उम्मीदवार चुनाव में मैदान में रह गए हैं। नाम वापसी के बाद बीरेंद्र सिंह का सर्वसम्मति से चुना जाना और तीसरी बार राज्यसभा में तय हो गया है, लेकिन दूसरी सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी सुभाष चंद्रा और आरके आनंद के बीच मुकबला है। उनके बीच मुकाबला दिलचस्प हो गया है। एक प्रत्याशी का नामांकन पत्र रद हो गया। चुनाव में कोई भी दल अपने विधायकों को व्हिप नहीं जारी करेगा।

बीरेंद्र सिंह की राज्यसभा में एंट्री तय, चंद्रा और आनंद में होगी टक्कर

राज्यसभा की दूसरी सीट पर भाजपा समर्थित उम्मीदवार सुभाष चंद्रा और इनेलो समर्थित आरके आनंद के बीच टक्कर होगी। राष्ट्रीय टोला पार्टी के उम्मीदवार डा. केपी सिंह का नामांकन पत्र रद हो गया है। राज्यसभा की दूसरी सीट के लिए 11 जून को मतदान होगा और 13 जून को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे।

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सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एक मुकदमे में दिए गए फैसले के कारण इस चुनाव में कोई भी पार्टी अपने विधायकों के लिए न तो व्हिप जारी कर सकेगी और न ही क्रास वोटिंग करने पर उनके ऊपर दलबदल कानून लागू होगा। दल अपने विधायकों को विशेष उम्मीदवार के पक्ष में मतदान के निर्देश जरूर दे सकते हैैं, लेकिन कानूनी रूप से उन्हें बाध्य नहीं कर सकते।

नजीर बन गया है कुलदीप नैयर बनाम केंद्र सरकार का केस

कुलदीप नैयर बनाम केंद्र सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि राष्ट्रपति और राज्यसभा के चुनाव में पार्टियां व्हिप जारी नहीं करेंगी। न ही उन पर दलबदल कानून लागू होगा। हरियाणा विधानसभा के सचिव राजेंद्र सिंह नांदल ने सुप्रीम कोर्ट के इसी फैसले की पुष्टि करते हुए बताया कि विधायकों की मर्जी पर निर्भर करेगा कि राज्यसभा के लिए वह किस उम्मीदवार को अपना वोट देंगे।

विधायकों के वोट की आजादी से दिलचस्प हुआ मुकाबला

विधायकों को वोट डालने की आजादी की वजह से सुभाष चंद्रा अपनी जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैैं। चंद्रा दावा कर चुके कि इनेलो के दो और एक अकाली विधायक उनके समर्थन में वोट डालने के लिए तैयार हैं, जबकि कांग्रेस से उनकी बात चल रही है। भाजपा के 16 विधायकों, पांच आजाद व एक बसपा विधायकों का समर्थन उन्हें पहले से है। इनेलो के आरके आनंद भी विधायकों को मिली इसी छूट का फायदा उठाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देंगे। भाजपा के 31 विधायकों का वोट चौधरी वीरेंद्र सिंह के समर्थन में चला जाएगा।

कांग्रेस के हाथ में राज्यसभा चुनाव का पूरा गेम

सुभाष चंद्रा या आरके आनंद में से जीत किसकी होगी, इसकी चाबी कांग्रेस के हाथ में है। कांग्रेस ने अभी पत्ते नहीं खोले हैैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा व विधायक दल की नेता किरण चौधरी की पार्टी हाईकमान से बैठकें चल रही हैं। कांग्र्रेस विधायक यदि चुनाव से गायब रहते हैैं तो सुभाष चंद्रा को फायदा मिलेगा और यदि गायब नहीं रहकर क्रास वोटिंग होती है तो आरके आनंद और सुभाष चंद्रा में किस्मत का खेल चलेगा। यानि जो जीतना गुड़ डालेगा, उसे जीत का स्वाद उतना मीठा लगेगा।

क्रास वोटिंग नहीं रोक सकेंगे पार्टी एजेंट

'' कोई पार्टी व्हिप जारी नहीं कर सकेगी। चुनाव में उनके एजेंट जरूर बैठ सकते हैैं। अधिकृत एजेंट को अपनी पार्टी के विधायकों द्वारा डाले जाने वाले वोट देखने का अधिकार होगा लेकिन वह क्रास वोटिंग होती नहीं रोक सकेंगे। पार्टी यदि ऐसे विधायकों पर कोई कार्रवाई करना चाहे तो वह उसका अंदरूनी मामला है।
-राजेंद्र सिंह नांदल, सचिव, हरियाणा विधानसभा।

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