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सरकारी नैतिकता का पाठ 'फेल', शिक्षा के नाम पर अवैध वसूली का 'खेल'

हरियाणा सरकार के नैतिकता के पाठों को तीन विश्वविद्यालय ठेंगा दिखा रहे हैं। ये विश्वविद्यालय शिक्षा के नाम पर अवैध वसूली करने में लगे हैं।

By Test1 Test1Edited By: Updated: Sat, 09 Jul 2016 05:14 PM (IST)
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जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। एक ओर हरियाणा सरकार नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने और नैतिकता को लेेकर नए-नए पाठ पढ़ा रही है तो दूसरी ओर तीन यूनिवर्सिटीज़ ने शिक्षा देने के नाम पर लूट मचाई हुई है। अब मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है और तीनों विश्वविद्यालयों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।

दरअसल, हरियाणा की एसोसिएशन ऑफ एनसीटीई (अप्रूव्ड कॉलेज ट्रस्ट) ने पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय और महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय पर पढ़ाई में नियमों की अवहेलना और डेवलपमेंट फंड के नाम पर अवैध वसूली करने का आरोप लगाया है।

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याचिका के बाद अब हाईकोर्ट ने इन तीनों विश्वविद्यालयों समेत हरियाणा सरकार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अब याचिका पर अगली सुनवाई 2 अगस्त को होगी।

शिक्षा पद्धति के नियमों का उल्लंघन

एडवोकेट पंकज मैनी ने बताया कि तीनों विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों से विपरीत है। तीनों विश्वविद्यालय बीएड की परीक्षा में एनसीटीई की ओऱ से लागू नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। एनसीटीई की ओऱ से जारी डायरेक्शन के अनुसार बीएड का दो वर्षीय कोर्स चार सेमेस्टर में परीक्षा कराया जाना तय किया गया है, जबकि ये तीनों विश्वविद्यालय वार्षिक परीक्षा की पद्धति ही अपना रहे हैं।

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फंड्स के नाम पर अवैध वसूली

आरोप है कि तीनों विश्वविद्यालयों विद्यार्थियों से डेवलपमेंट फंड, स्पोर्टस, यूथ वेलफेयर, एलिजिबिलिटी आदि के नाम पर अवैध रूप से पैसे वसूल रहे हैं। ये स्ववित्त पोषित संस्थानों की फीस के अलावा हैं।

कुरुक्षेत्र विवि विद्यार्थियों से डेवलपमेंट फीस के नाम पर 1000 रुपये वसूलता है। जिसमें से 60 फीसदी राशि अपने पास रखकर शेष राशि संबद्ध कालेजों को दे देता है।

वहीं, बाकी दो विश्वविद्यालयों चौधरी देवीलाल विवि सिरसा और महार्षि दयानंद विवि 2190 रुपये और 2500 रुपये वसूल रहे हैं। खास बात यह भी है कि ये दोनों विश्वविद्यालय सारी रकम अपने पास ही रख लेते हैं।

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