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हरियाणा में 1 वर्ष में 6,500 सरकारी कर्मचारियों की छंटनी, करीब 20 विभागों में गई नौकरी

हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन सर्व कर्मचारी संघ ने पिछले एक साल के भीतर साढ़े छह हजार से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिए जाने का आरोप लगाया है। यह आरोप संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा ने लगाया है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 17 May 2021 07:12 AM (IST)
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हरियाणा में एक वर्ष में 6500 कर्मचारियों की नौकरी गई। सांकेतिक फोटो
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन सर्व कर्मचारी संघ ने पिछले एक साल के भीतर साढ़े छह हजार से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिए जाने का आरोप लगाया है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुभाष लांबा और महासचिव सतीश सेठी ने निकाले गए कर्मचारियों के ब्योरे के साथ मुख्य सचिव विजयवर्धन को एक पत्र लिखा है और साथ ही नौकरी से निकाले गए इन कर्मचारियों को वापस नौकरी पर लेने की मांग की है।

हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा, इनेलो महासचिव व हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता अभय सिंह चौटाला और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अलग-अलग बयानों में सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के अनुसार छंटनी का सबसे ज्यादा शिकार आउटसोर्सिंग पर लगे कम वेतन वाले तृतीय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हो रहे हैं।

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सुभाष लांबा व सतीश सेठी ने आरोप लगाया कि मई 2020 से 1983 पीटीआइ व खेल कोटे में भर्ती हुए 1518 ग्रुप डी के कर्मचारियों की बर्खास्तगी से शुरु हुआ छंटनी का यह सिलसिला पांच मई 2021 तक जारी रहा। इस दिन वन विभाग पंचकूला मुख्यालय से पांच डाटा एंट्री आपरेटर को नौकरी से बर्खास्त किया गया है।

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संघ ने मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा कि एक तरफ सीएम मनोहर लाल निजी कारखाना मालिकों से कोरोना में किसी मजदूर को नौकरी से नहीं निकालने की अपील करते हैं और दूसरी तरफ सरकार स्वयं अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का काम कर रही है। नौकरी बहाली की मांग को लेकर 1983 पीटीआइ व कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के 65 सफाई कर्मचारी पिछले एक साल से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं, लेकिन अधिकारी व सरकार के प्रतिनिधि उनसे बातचीत तक करने को तैयार नहीं हैं। हसन खान मेवाती राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय से 119 अनुभव प्राप्त स्टाफ नर्स व ग्रीन फील्ड मेडिकल कालेज छायंसा से निकाले गए 200 मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ को भी नए खुलने वाले अस्पतालों में एडजस्ट नहीं किया जा रहा है।

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करीब 20 विभागों के इन 6408 कर्मचारियों की गई नौकरी 

सुभाष लांबा व सतीश सेठी के अनुसार कोरोना योद्धा कहे जाने वाले स्वास्थ्य ठेका कर्मचारियों को कई जिलों में दो से तीन महीने का वेतन नहीं मिला है। कुल मिलाकर प्रदेश के करीब 20 विभागों से 6408 कर्मचारियों की बर्खास्तगी या छंटनी कोरोना काल में की गई है। स्वास्थ्य विभाग के 300 से ज्यादा कोरोना योद्धा ठेका कर्मचारी अलग-अलग जिलों में नौकरी बहाली के लिए आंदोलन पर हैं।

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सरकार ने 2019 में खेल कोटे से ग्रुप डी में भर्ती हुए 1518, ग्रुप डी की भर्ती होने पर सरकारी कालेजों सहित दर्जनों विभागों से करीब 200 ठेका कर्मचारी, नगर निगम गुरुग्राम, रोहतक, हिसार, कैथल, पलवल व अंबाला से 930, टूरिज्म विभाग से 262, पशुपालन विभाग से 115, पीटीआइ 1983, वन विभाग से पांच डाटा एंट्री आपरेटर, ड्राइंग टीचर 816, हसन खान मेवाती राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय नल्हड़ ( मेवात) से 119 स्टाफ नर्स, आइटीआइ से 22, कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड से 65 सफाई कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग में जिला भिवानी, यमुनानगर, कैथल, झज्जर, सिरसा, कुरुक्षेत्र, रोहतक से 367 ठेका कर्मचारी, मार्केट कमेटी करनाल से तीन, ईएसआइसी यमुनानगर, सीडीपीओ आफिस हांसी व तहसील नूंह में एक-एक कर्मचारी को नौकरी से निकाला गया है।

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