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क्‍लेम कमिश्‍नर ने कहा, जाट आंदोलनकारियों से हो नुकसान की भरपाई

हरियाणा सरकार द्वारा नियुक्‍त क्‍लेम कनिश्‍नर ने प्रदेश में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से करने की सिफारिश की है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 02 Sep 2016 06:32 PM (IST)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से की जानी चाहिए। यह सिफारिश राज्य क्लेम कमिश्नर आरसी बंसल ने अपनी रिपोर्ट में की है। इससे जाट आंदोलनकारियों और हिंसा के आरोप में घिरे लोगों की मुसीबत बढ़ सकती है। सके साथ ही जाट संगठनों को त्योरी चढ़ने की भी संभावना है।

बता दें कि मनोहर लाल सरकार ने रिटायर्ड जिला एवं सत्र न्यायधीश आरसी बंसल को राज्य में 2010, 2011 और 2012 हुए जाट आंदोलनों के दौरान नुकसान की जांच का जिम्मा सौंपा गया था। जिसकी रिपोर्ट उन्होंने प्रदेश के गृह सचिव रामनिवास को सौंप दी है।

रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि पिछली हुड्डा सरकार के समय प्रदेश में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान करीब 13 करोड़ रुपये की सरकारी और प्राइवेट संपत्ति का नुकसान हुआ था। जबकि मनोहर सरकार के कार्यकाल में यह नुकसान 800 करोड़ रुपये से अधिक का हुआ। बंसल ने पिछली सरकार के कार्यकाल में हुए इस नुकसान की भरपाई आंदोलनकारियों से किए जाने की सिफारिश की है।

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हरियाणा में 15 जनवरी से 26 जनवरी 2011 की अवधि के दौरान 11 दिन तक सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ था। आयोग ने तमाम साक्ष्य जुटाकर 13 सितंबर 2010 से 16 सितंबर 2010 के दौरान, 6 मार्च 2011 से 26 मार्च 2011 और 19 फरवरी से 12 मार्च 2012 के बीच जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान संपत्ति के नुकसान का आंकलन किया है।

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क्लेम आयुक्त आरसी बंसल की रिपोर्ट के मुताबिक नुकसान की राशि 4.45 करोड़ रुपये है। इसमें से 2.92 करोड़ रुपये की 10 क्लेम याचिकाएं हैं जबकि 1.52 करोड़ रुपये राज्य के विभिन्न विभागों से संबधित हैं।

आयोग ने 15 जनवरी से 26 जनवरी 2011 तक हुए आंदोलन के दौरान संपत्ति के नुकसान का आंकलन किया है, जिसकी राशि 8.72 करोड़ रुपये हैं। क्लेम आयुक्त ने लोगों के नुकसान और अन्य संपत्ति के नुकसान की राशि की वसूली आंदोलनकारियों से करने के लिए सिफारिश भी की है।

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