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बच्चों को रास आने लगी Online Study, शिक्षाविदों का पैनल देगा अबूझ सवालों का जवाब

बच्चों को आनलाइन स्टडी पसंद आने लगी है। सेट पर कठिन सवालों का जवाब देने के लिए शिक्षाविदों और विशेषज्ञों के पैनल बनाए गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 27 Apr 2020 08:45 PM (IST)
बच्चों को रास आने लगी Online Study, शिक्षाविदों का पैनल देगा अबूझ सवालों का जवाब
चंडीगढ़ [सुधीर तंवर]। Corona virus covid-19 pandemic में लॉकडाउन (Lockdown) के चलते ऑनलाइन पढ़ाई (Online Study) का सिस्टम धीरे-धीरे बच्चों को रास आने लगा है। हालांकि इस दौरान कई सवालों को लेकर छात्रों में संशय की स्थिति बन जाती है जिसके समाधान के लिए शिक्षा विभाग ने अब पैनल बनाए हैं। हर रविवार को दोपहर एक बजे एजुसेट पर विशेषज्ञ और शिक्षाविदों के यह पैनल विद्यार्थियों के लिए अबूझ सवालों का जवाब देंगे।

शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में सभी जिला और खंड शिक्षा अधिकारियों तथा जिला मौलिक शिक्षा और खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किए हैं। प्रदेश में इस समय करीब 52 लाख विद्यार्थी घरों में रहकर ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। केबल टीवी के जरिये दिखाए जा रहे एजुसेट के चारों चैनलों पर पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के छात्रों के लिए विषयवार तथा कक्षावार कार्यक्रम दिखाए जा रहे हैं।

इस दौरान विद्यार्थियों के मन मे कुछ ऐसे प्रश्न उठते हैं जिनका उन्हें तुरंत जवाब नहीं मिल पाता। बच्चों की इस समस्या को सुलझाने के लिए शिक्षा विभाग ने खास पैनल बनाए हैं। इनके जवाबों पर आधारित कार्यक्रम प्रत्येक रविवार को दोपहर एक बजे प्रसारित होगा।

पूरे प्रदेश से छात्र टेक्स्ट मैसेज, वीडियो क्लिप या ऑडियो क्लिप से शिक्षा विभाग के पास वह सवाल भेज सकते हैं जो उन्हें समझ नहीं आए। विशेष प्रसारण के जरिए इनका जवाब दिया जाएगा। सभी छात्र हिंदी या अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में अपने प्रश्न भेज सकते हैं। इसके लिए फॉर्मेट बनाया गया है जिसमें विद्यार्थी को अपना नाम, स्कूल, पता और एसआरएन नंबर भी भेजना होगा।

प्रसारण के आधार पर ही मिलेगा होमवर्क

जो छात्र किसी कारण प्रसारण नहीं देख पाते, उनके लिए पुनः प्रसारण की व्यवस्था की गई है। इसी के आधार पर बच्चों को गृह कार्य भी दिया जा रहा है। अध्यापकों और विद्यार्थियों के बीच समन्वय तथा पठन-पाठन में सहभागिता का आकलन करने के लिए उत्कर्ष सोसायटी द्वारा निरंतर रिपोर्ट मंगाई जा रही है। अध्यापक सुनिश्चित करेंगे कि जो विद्यार्थी प्रसारण नहीं दे पाते हैं, वह पुनः प्रसारण देखें। पूरे प्रसारण की निगरानी के लिए विद्यालय, क्लस्टर, खंड और जिला स्तर पर स्कूल मुखिया से लेकर खंड शिक्षा अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई है।

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