जाट आरक्षण पर रोक जारी, संगठनों को नोटिफिकेशन पेश करने के आदेश
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा में जाट आरक्षण पर रोक जारी रखते हुए मामले की सुनवाई मंगलवार तक स्थगित कर दी।
चंडीगढ़ [वेब डेस्क]। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बुधवार को जाट आरक्षण मामले में सुनवाई हुई। कोर्ट ने आरक्षण पर लगी रोक जारी रखते हुए मामले की सुनवाई मंगलवार तक स्थगित कर दी।
जाट संगठनों ने सुनवाई के दौरान इंदिरा साहनी केस का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रीमीलेयर को पिछड़ी जातियों की श्रेणी में आरक्षण लाभ से वंचित रखने की बात कही गई थी। हरियाणा में जाटों को आरक्षण देते हुए भी क्रीमीलेयर की शर्त को शामिल किया गया है।
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संगठनों ने कहा कि ऐसे में याची की यह दलील गलत है कि जाटों को आरक्षण गलत तरीके से दिया गया है। बुधवार को इन दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और जाट संगठनों से वो नोटिफिकेशन पेश करने को कहा है जिसके तहत जाटों को आरक्षण देते हुए क्रीमीलेयर को बाहर करने का प्रावधान किया है। अगली सुनवाई 16 अगस्त को होगी।
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बता दें, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सरकार आरक्षण पर रोक लगाने वाली की याचिका को कमजोर ठहरा चुकी है। सरकार का कहना है कि जाटों के आरक्षण संबंधी विधेयक को विधानसभा से पास कराया गया है। ऐसे में इस पर कोई कानूनी अड़चन नहीं है।
हरियाणा सरकार हाई कोर्ट से मांग कर रही है कि आगामी भर्तियों और शिक्षण संस्थानों में होने वाले प्रवेश को देखते हुए आरक्षण पर से अंतरिम रोक हटा दे क्योंकि इससे भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। सरकार की दलील है कि कोर्ट चाहे तो इसे याचिका पर आने वाले अंतिम निर्णय पर निर्भर कर सकती है।
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