हरियाणा में भी सीपीएस की नियुक्ति पर विवाद, मामला हाई कोर्ट में
हरियाणा में भी मुख्य संसदीय सचिव की नियुक्ति पर विवाद पैदा हो गया है। मामला हाई कोर्ट में पहुंच गया है।
By Test1 Test1Edited By: Updated: Thu, 07 Jul 2016 11:03 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। दिल्ली के बाद हरियाणा में भी मुख्य संसदीय सचिवाें की नियुक्ति पर विवाद पैदा हो गया है। मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पहुंच गया है। हरियाणा की भाजपा सरकार ने चार मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति की थी।
इस मामले में वकील जगमोहन भट्टी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर हरियाणा सरकार द्वारा श्याम सिंह राणा, बख्शीश सिंह विर्क, सीमा त्रिखा और डॉ. कमल गुप्ता को मुख्य संसदीय सचिव नियुक्त किए जाने को चुनौती दी है। उनके अनुसार मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति का कोई प्रावधान ही नहीं है। सिर्फ चहेतों को खुश करने के लिए सरकारें मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियां कर रही हैं, जो कि नियमों के खिलाफ है।पढ़ें : काउंसिल ऑफ होम्योपैथी का पुनर्गठन, विज के जिलेे का डॉक्टर चेयरमैनयाचिका में हिमाचल प्रदेश का हवाला देते हुए कहा गया है कि वहां भी इसी तरह से सरकार ने मुख्य संसदीय सचिव और संसदीय सचिव की नियुक्ति की थी। जिसे शिमला हाईकोर्ट ने वर्ष 2004 में अवैध करार देते हुए खारिज कर दिया था। ऐसे में किस आधार कर पंजाब और हरियाणा में मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियां की गई हैंं। यह नियुक्तियां भी पूरी तरह से असंवैधानिक हैं। वहीं इन नियुक्तियों से सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ बढ़ा है।
जगमोहन भट्टी ने पंजाब सरकार द्वारा नियुक्त ससदीय सदस्यों की नियुक्तियों को भी हाई कोर्ट में चुनौती दी हुई है जिस पर हाई कोर्ट ने पिछले साल 28 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
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