भ्रष्ट अफसरों से जुड़ी जानकारी जनता से नहीं छिपा सकती सरकार : हाई कोर्ट
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकार भ्रष्ट अफसरों से जुड़ी जानकारी को जनता से नहीं छिपा सकती।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट कर दिया कि भ्रष्टाचार में संलिप्त आइएएस, आइपीएस, एचसीएस व एचपीएस अधिकारियों के नाम व उनके खिलाफ कार्रवाई से संबंधित सूचना जनता से नहीं छिपाई जा सकती। जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया ने भ्रष्टाचार में संलिप्त हरियाणा कैडर के अधिकारियों के बारे में जानकारी सूचना के अधिकार के अंर्तगत न देने के राज्य सूचना आयोग के फैसले को रद करते हुए यह फैसला सुनाया।
मामले में रोहतक निवासी सुभाष चंद्र ने हरियाणा सरकार से भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के बारे में सूचना मांगी थी, लेकिन सूचना आयोग व हरियाणा सरकार ने यह कहते हुए सूचना देने से मना कर दिया था कि यह अधिकारियों की व्यक्तिगत सूचना है। यह अधिकारी और सरकार के बीच का मामला है। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने सूचना आयोग के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
पढ़ें : चौटाला ने फिर की पैरोल के लिए अर्जी दायर, दिल्ली सरकार को नोटिस
याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप रापडि़या ने कोर्ट को बताया कि सभी सरकारी अधिकारी जनता के नौकर हैं और जनता को यह जानने का पूरा हक है कि कौन अधिकारी भ्रष्टाचार के मामलों में संलिप्त हैैं और उनके खिलाफ सरकार ने क्या कार्रवाई की। ऐसी सूचना व्यक्तिगत हो ही नहीं सकती।
याचिका में भी कहा गया है कि जब किसी आम आदमी के खिलाफ केस दर्ज होता है तो मीडिया और अन्य लोग खुलकर केस के बारे में बोल सकते हैं, लेकिन भ्रष्ट अधिकारियों के बारे में सूचना देने से मना करके ऐसे अधिकारियों के मीडिया व अन्य लोगों का मुंह बंद कर दिया गया है, ऐसे में एक आम आदमी व भ्रष्ट अधिकारी के बीच भेदभाव किया जा रहा है।
पढ़ें : गोद लिया बच्चा भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी का हकदार