हरियाणा के पूर्व डीजीपी यशपाल सिंघल व एडीजीपी (सीआईडी) शत्रूजीत कपूर को मुरथल गैंग रेप कांड में सरकार को सही जानकारी नहीं दे पाने के कारण गाज गिरी है। जाट आरक्षण के दौरान हिंसा पर काबू न पाने के लिए दोनों पहले से ही निशाने पर थे।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 14 Apr 2016 12:03 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। जाट अांदोलन के दौरान सोनीपत के मुरथल में गैंगरेप की दो पीडि़तों के सामने आने के बाद पुलिस-प्रशासन की मुश्किलें बढ़ी हैं। पुलिस महानिदेशक यशपाल सिंघल और एडीजीपी (सीआईडी) शत्रुजीत सिंह कपूर को हटाने के पीछे भले ही उनकी नाकामी बड़ी वजह है, लेकिन मुरथल गैंगरेप में पुलिस व खुफिया तंत्र की गलत सूचनाएं दोनों बड़े अफसरों की रवानगी का प्रमुख कारण बनी हैं। अब इस मामले पर राजनीतिक दलों के बीच भी आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज हो गई है। इसके साथ ही इस मामले में एसआइटी कीे पूर्व प्रधान डा. राजश्री पर भी सवला उठाए जा रहे हैं।
मुरथल गैंगरेप मामले में सही सूचनाएं सरकार को नहीं देने पर की गई कार्रवाई मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में तत्कालीन डीजीपी यशपाल सिंघल व डीआईजी राजश्री की हाईकोर्ट में दाखिल रिपोर्ट के आधार पर दावा किया था कि मुरथल गैंगरेप में कोई पीडि़त सामने नहीं आया है। इसे उस समय हजकां प्रमुख कुलदीप बिश्नोई ने खारिज कर दिया था। दूसरी ओर, इनेलो नेता व विधानसभा में विपक्ष के नेता अभय सिंह चौटाला समेत अन्य नेताओं ने भी जाति विशेष को बदनाम करने की मंशा से मुरथल गैंगरेप मामले को जानबूझकर तूल देने के आरोप लगाए थे।एसआइटी की पूर्व प्रधान डा. राजश्री पर भी उठाए गए सवाल
मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी की पूर्व प्रधान डा. राजश्री के हटने के बाद जिस तरह से फरीदाबाद की छात्रा व आस्ट्रेलियन महिला की 2 मार्च व 5 मार्च को दी गईं शिकायतों को सामने लाया गया है, उससे मुरथल गैंगरेप मामले में सरकार के दावे की हवा निकल गई। मीडिया रिपोर्टों के बावजूद तत्कालीन डीजीपी यशपाल सिंघल लगतार कहते रहे कि गैंग रेप को लेकर न तो कोई शिकायत आई है अाैर न ही इस तरह के कोई सुबूत नहीं मिला है। मुरथल गैैंगरेप मामले को हाईकोर्ट तक पहुंचाने वाले चंडीगढ़ के युवा अधिवक्ता उत्सव बैंस ने बुधवार को यहां कहा कि पूर्व डीजीपी यशपाल सिंघल, डीजीआई राजश्री तथा एडीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर ने जिस तरह से गलत सूचनाओं के आधार पर न्यायपालिका व सरकार के साथ-साथ लोगों को गुमराह करने की कोशिश की है, उसकी व्यापक जांच होनी चाहिए।
उत्सव बैंस ने कहा कि फरीदाबाद की छात्रा व आस्ट्रेलियाई में रहनेवाली एनआअाइ महिला ने अपनी शिकायतें राजश्री को दे रखी थी, लेकिन फिर भी वह उन शिकायतों को दबाकर हाईकोर्ट में गलत सूचनाएं देती रहीं। उनके विरुद्ध हाईकोर्ट में अवमानना केस दायर किया जाएगा। उत्सव बैैंस ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देश पर मुख्यमंत्री ने देरी से डीजीपी सिंघल और खुफिया प्रमुख कपूर को हटाया है। इतने भर से काम नहीं चलेगा। उनके विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। बैंस ने मुरथल गैैंगरेप मामले में गवाह समालखा के पीपी कपूर और बाबी जोशी को सम्मानित किए जाने की मांग की है, जो तमाम दबाव व डर के बावजूद डटे हुए हैैं।
संवेदनशील मामला है, टिप्पणी करते समय बचें
मुरथल गैैंगरेप मामला संवेदनशील है। तरह-तरह की बातें सामने आई। किसी भी व्यक्ति या नेता को इस तरह के संवेदनशील मामले में टिप्पणी करते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। जांच चल रही है। फरीदाबाद की छात्रा व आस्ट्रेलियन महिला की शिकायतों को यदि नजर अंदाज किया गया तो यह गलत है। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए।
- सुभाष बराला, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा।---------------मुरथल के साथ झज्जर में भी दुष्कर्म के आरोप सही
मुरथल गैंगरेप मामले में तथ्यहीन दावे करने वाले सांसद दुष्यंत चौटाला व कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ को अपने पदों से इस्तीफे देने चाहिए। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में मुरथल में गैंगरेप होने की बात स्वीकार की है। विभिन्न ताकतों ने घटना पर पर्दा डालने की कोशिश की है। सरकार ने इस घटना को दबाने का कोई मौका नहीं चूका। कई नेता स्वयं जज बन गए। अब यह साबित हो गया कि कुलदीप बिश्नोई ने विधानसभा में सदैव तथ्यों के आधार पर सही बात कही है। झज्जर में भी दुष्कर्म के उनके आरोप सही हैैं। - रेणुका बिश्नोई, विधायक, हजकां।
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