ढींगरा आयोग की रिपोर्ट तैयार, हुड्डा के बहाने वाड्रा को घेरने की कोशिश
हरियाणा सरकार द्वारा गुड़गांव के भूमि सौदे की जांच के लिए गठित जस्टिस ढींगरा आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। इस रिपोर्ट के जरिये सरकार राबर्ट वाड्रा पर निशाना साधना चाहती है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 28 Jun 2016 02:54 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के एनसीआर इलाके में हुड्डा सरकार के कार्यकाल में सामान्य और वाणिज्यिक कालोनियों के लिए जारी लाइसेंस की जांच कर रहा जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। आयोग राज्य सरकार को शीघ्र अपनी रिपोर्ट साैंप देगी। हरियाणा सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर हुड्डा के बहाने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा पर निशाना साधना चाहती है।
जस्टिस एसएन ढींगरा की रिपोर्ट तैयार, चंडीगढ़ में सीएम को सौंपेंगे जस्टिस ढींगरा आयोग का गठन छह माह के लिए किया गया था, लेकिन रिपोर्ट तैयार करने में एक साल 23 दिन का समय लग गया है। जस्टिस ढींगरा की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ सकती हैैं।कालोनियों के लाइसेंस और सीएलयू की जांच के लिए भाजपा सरकार ने किया था आयोग का गठन
जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग का गठन 7 मई 2015 को हुआ था, लेकिन काम 30 जून से ही शुरू हो पाया था। इसके बाद आयोग को तीन बार एक्सटेंशन मिली। सरकार ने शुरू में गुडग़ांव के सेक्टर 83 में वाणिज्यिक कालोनियों के विकास के लिए जारी लाइसेंस की जांच के लिए आयोग बनाया था।पढ़ें : जस्टिस ढींगरा करेंगे वाड्रा भूमि सौदों की जांच
बाद में गुडग़ांव के चार गांवों सिही, शिकोहपुर, खेड़की दौला और सिकंदरपुर बड़ा में सभी प्रकार की कालोनियों के लिए जारी लाइसेंसों की जांच भी आयोग को सौंप दी गई। इन गांवों में सेक्टर 78 से 86 तक का एरिया शामिल है। इस क्षेत्र में वाड्रा की कंपनी को भी लाइसेंस जारी हुए हैैं।
बाद में गुडग़ांव के चार गांवों सिही, शिकोहपुर, खेड़की दौला और सिकंदरपुर बड़ा में सभी प्रकार की कालोनियों के लिए जारी लाइसेंसों की जांच भी आयोग को सौंप दी गई। इन गांवों में सेक्टर 78 से 86 तक का एरिया शामिल है। इस क्षेत्र में वाड्रा की कंपनी को भी लाइसेंस जारी हुए हैैं।
पढ़ें : सलमान खान को भारी पड़ रहा बयान, दुष्कर्म पीड़िता ने मांगा 10 करोड़ का हर्जाना जस्टिस एसएन ढींगरा के चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल को 30 जून अथवा उससे पहले किसी भी दिन अपनी रिपोर्ट सौंप सकते हैं। जस्टिस ढींगरा ने इस अवधि के बाद अपना कार्यकाल बढ़वाने से इन्कार कर दिया है। उनका कहा, मैं कार्यकाल नहीं बढ़वा रहा तो इसका मतलब आप समझ जाइए कि रिपोर्ट तैयार है।
वाड्रा से नहीं हुई पूछताछ, हुड्डा भी नहीं गए आयोग जस्टिस एसएन ढींगरा ने राबर्ट वाड्रा से इस मामले में कोई पूछताछ नहीं की है। हालांकि उन्होंने हुड्डा को समन किया था, लेकिन उन्होंने खुद न आकर अपने वकील को भेजकर उन्हें बुलाने का कारण पूछा था। बाद में न हुड्डा आए और न ही आयोग ने उन्हें बुलाया।
प्रकाश सिंह के बाद अब ढींगरा आयोग की रिपोर्ट से मचेगा बवाल प्रदेश में हुए जाट आरक्षण आंदोलन पर प्रकाश सिंह की रिपोर्ट के बाद अब ढींगरा आयोग की रिपोर्ट से राजनीतिक संग्राम होने की आशंका है। सरकार इस रिपोर्ट के जरिए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधेगी तो इनेलो भी हुड्डा को घेरने का कोई मौका नहीं जाने देगी। हुड्डा अभी से बचाव की मुद्रा में हैैं। हुड्डा के विरुद्ध पहले ही तीन सीबीआइ जांच चल रही है।
26 गवाहों के साथ कई डीटीपी के बयान किए दर्ज जस्टिस एसएन ढींगरा ने 26 गवाहों के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। आयोग को जिन क्षेत्रों के लिए चेंज आफ लैैंड यूज और लाइसेंस जारी करने की जांच का जिम्मा मिला था, उन क्षेत्रों के सभी डीटीपी को तलब किया गया था। सभी ने अपने-अपने पक्ष रखे हैैं।
1996 की प्रक्रिया से दिए गए सीएलयू और लाइसेंस
जस्टिस एसएन ढींगरा ने हुड्डा के शासनकाल में पावरफुल राज्य के तीन वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत की है। इन अफसरों ने जस्टिस ढींगरा को बताया कि लाइसेंस व सीएलयू देने की जो प्रक्रिया 1996 से जारी है, उसी प्रक्रिया के आधार पर ही हुड्डा सरकार में सीएलयू और लाइसेंस दिए गए हैैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।वाड्रा से नहीं हुई पूछताछ, हुड्डा भी नहीं गए आयोग जस्टिस एसएन ढींगरा ने राबर्ट वाड्रा से इस मामले में कोई पूछताछ नहीं की है। हालांकि उन्होंने हुड्डा को समन किया था, लेकिन उन्होंने खुद न आकर अपने वकील को भेजकर उन्हें बुलाने का कारण पूछा था। बाद में न हुड्डा आए और न ही आयोग ने उन्हें बुलाया।
प्रकाश सिंह के बाद अब ढींगरा आयोग की रिपोर्ट से मचेगा बवाल प्रदेश में हुए जाट आरक्षण आंदोलन पर प्रकाश सिंह की रिपोर्ट के बाद अब ढींगरा आयोग की रिपोर्ट से राजनीतिक संग्राम होने की आशंका है। सरकार इस रिपोर्ट के जरिए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधेगी तो इनेलो भी हुड्डा को घेरने का कोई मौका नहीं जाने देगी। हुड्डा अभी से बचाव की मुद्रा में हैैं। हुड्डा के विरुद्ध पहले ही तीन सीबीआइ जांच चल रही है।
26 गवाहों के साथ कई डीटीपी के बयान किए दर्ज जस्टिस एसएन ढींगरा ने 26 गवाहों के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है। आयोग को जिन क्षेत्रों के लिए चेंज आफ लैैंड यूज और लाइसेंस जारी करने की जांच का जिम्मा मिला था, उन क्षेत्रों के सभी डीटीपी को तलब किया गया था। सभी ने अपने-अपने पक्ष रखे हैैं।
1996 की प्रक्रिया से दिए गए सीएलयू और लाइसेंस
जस्टिस एसएन ढींगरा ने हुड्डा के शासनकाल में पावरफुल राज्य के तीन वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत की है। इन अफसरों ने जस्टिस ढींगरा को बताया कि लाइसेंस व सीएलयू देने की जो प्रक्रिया 1996 से जारी है, उसी प्रक्रिया के आधार पर ही हुड्डा सरकार में सीएलयू और लाइसेंस दिए गए हैैं।