SIT ने कहा- मुरथल कांड में छात्रा व महिला की शिकायतें मिलीं, FIR में गैंगरेप की धारा जोड़ी
जाट आरक्षण अांदोलन के दौरान सोनीपत के मुरथल में जीटी रोड पर महिला यात्रियों से गैंगरेप के मामलेकी जांच कर रही एसआइटी ने कहा कि उसे गैंग रेप की दो शिकायतें मिली हैं। इसके बाद इस मामले में दर्ज एफआइआर में गैंगरेप की धारा जोड़ दी गई है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 12 Apr 2016 06:29 PM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मुरथल में गैंगरेप की घटना से इंकार करने वाली हरियाणा सरकार की दावों की पोल सोमवार को एसआइटी द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट ने खोल कर रख दी। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि उसे गैंगरेप से जुड़ी दो शिकायतें मिली हैं। पहली शिकायत एक छात्रा की है तो वहीं दूसरी शिकायत एक एनआरआई महिला ने दी है। दोनों का कहना है कि उनक साथ गैंग रेप किया गया।
एसआइटी ने माना, एक छात्रा तथा एक एनआरआई महिला ने दी गैंगरेप की शिकायत इस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए पूर्व में दर्ज एफआइआर में गैंगरेप की धारा 376 डी को जोड़ दिया गया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में जांच को आगे बढ़ाकर इस दिशा में कार्रवाई के आदेश दिए हैं। मुरथल मामले पर सोमवार को सुनवाई आरंभ होते ही हरियाणा सरकार की ओर से स्पेशल सेक्रेटरी होम और एसआइटी की ओर से एफिडेविट सौंपते हुए बताया गया कि गैंगरेप से जुड़ी दो शिकायतें उन्हें प्राप्त हुई हैं।शिकायत मिलने के बाद एफआइआर में गैंगरेप की धारा जोड़ी गई
उन्होंने बताया कि एक शिकायत डिग्री कोर्स की फाइनल इयर डिग्री की छात्रा ने दी है और दूसरी शिकायत एक एनआरआइ की है जो गैंगरेप वाली घटना से एक दिन पहले ही भारत आई थी। हलफनामे में बताया गया कि छात्रा की ओर से शिकायत को फरीदाबाद के मथुरा रोड स्थित डाकघर से पोस्ट किया गया था।पढ़ें : हाई कोर्ट ने उठाया प्रकाश सिंह कमेटी की कानूनी वैधता पर सवाल
हलफनामे के अनुसार, यह शिकायत पुलिस कमिश्नर को मिली थी और उन्होंने इस शिकायत को सोनीपत के एसपी को भेजा गया था। साेनीपत के एसपी ने इस शिकायत को मुरथल कांड की जांच के लिए गठित एसआइटी को सौंप दिया था। छात्रा ने अपनी शिकायत में लिखा कि वह हॉस्टल में रहती है और उसके पिता उसे घर ले जाने के लिए आए थे। छात्रा ने अपनी श्ािकायत में लिखा है कि दिल्ली की ओर जाते हुए मुरथल में उसे अौर उसके पिता को उपद्रवियों ने रोका व उससे सामूहिक दुष्कर्म किया गया। हलफनामे में कहा गया है कि ऐसे में पुलिस ने अंबाला, पानीपत, सोनीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, कैथल, पंचकूला, चंडीगढ़ स्थित ऐसे संस्थानों से संपर्क किया जा रहा है जिनमें हॉस्टल की सुविधा उपलब्ध है। इन संस्थानों में उस छात्रा के बारे में जानकारी लेकर उससे संपर्क करने का प्रयास किया जाएगा ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके। हलफनामे में कहा गया है कि इसके साथ ही अंबाला, पानीपत और मुरथल से जाने वाले नंबरों की डंप ली गई है जिससे 161 मुसाफिरों की पहचान की गई है। इन नंबरों का मिलान फरीदाबाद के मथुरा रोड पर मौजूद पोस्ट ऑफिस से शिकायत की तिथि पर मौजूद नंबरों से किया जाएगा। दूसरी शिकायत एक एनआरआइ महिला की है। वह मुरथल कांड से एक दिन पहले ही भारत लौटी थी और अपने घर जा रही थी। एनआरआइ ने एक चैनल को भेजे ई मेल में गैगरेप होने की बात कही। एसआइटी ने चैनल से इस ई मेल को प्राप्त किया और इस ई मेल की विश्वसनीयता और सोर्स को पता लगाने की जिम्मेदारी साईबर सेल को दी है।गवाहों पर उठाए सवाल एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट में इस मामले में गवाहों बॉबी जोशी और पीपी कपूर के रवैये पर सवाल उठाए हैं। रिपेार्ट में बताया गया है कि जोशी को दो बार फोन किया गया तथा मैसेज भी किया गया लेकिन वह जांच में शामिल नहीं हुए। वहीं दूसरी ओर पीपी कपूर ने आउट ऑफ स्टेशन होने की बात कहते हुए 14 अप्रैल से जांच में जुडऩे की बात कही है। बताया गया कि पीपी कपूर ने बताया था कि रमेश और बलवान नाम दो व्यक्तियों ने बातचीत के दौरान गैंगरेप की बात कही गई थी। रिपोर्ट में बताया गया है कि कुरार और हसनपुर में वोटर लिस्ट के सहारे इन लोगों की तलाश की गई। कुरार में 13 रमेश और पांच बलवान मिले तो वहीं हसनपुर में 8 रमेश तथा 7 बलवान। इनमें से 22 लोगों से बात कर उनके बयान दर्ज किए गए हैं। किसी ने भी गैंगरेप की बात नहीं कही। एसआइटी ने बताया कि बाकी के लोगों से भी बात की जा रही है। कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने बताया कि दोनों के निजी कामों के चलते गवाह जांच में शामिल नहीं हो पाए थे और जल्द ही वे जांच से जुड़ जाएंगे।ऐसे बढ़ रही है जांच हरियाणा सरकार ने बताया कि ढाबे के मालिकों और कर्मियों को मिलाकर 46 लोगों के बयान दर्ज किए हैं। इसकक अलावा, पेट्रोलपंपों के 21 कर्मियों तथा आस-पास के संस्थानों के 21 सिक्योरिटी गार्ड के बयान भी लिए गए हैं। किसी भी प्रकार की गैंगरेप की कोई बात इन बयानों में सामने नहीं आई है। हलफनामे के अनुसार, टीवी चैनलों पर खुद को चश्मदीद बताने वाले चार लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं और उन्होंने भी गैंगरेप की घटना देखने से इंकार किया है। इसके अलावा पुलिस के 100, 101 तथा 1073 नंबरों पर 21 तथा 22 फरवरी को किए गए फोन कॉल के ब्यौरे भी खंगाले गए हैं। इनमें किसी भी प्रकार के यौन अपराध की शिकायत नहीं दी गई है।
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