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हरियाणा के चारों सीपीएस की कुर्सी बचाने की तैयारी

हरियाणा की मनाेहर लाल सरकार ने अपने चार संसदीय सचिवों की कुर्सियां बचाने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए वह विधानसभा में संशोधन बिल लाएगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2016 10:13 AM (IST)

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के 18 मुख्य संसदीय सचिवों की भले ही छुट्टी हो गई, लेकिन हरियाणा के चार मुख्य संसदीय सचिवों की कुर्सी बचाने के लिए सरकार ने तैयारी कर ली है। प्रदेश सरकार इसी मानसून सत्र में मुख्य संसदीय सचिवों के पद को लाभ के दायरे से बाहर निकालने का संशोधन बिल ला सकती है।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के 18 मुख्य संसदीय सचिवों के पद को लाभ वाला मानते हुए पद से हटाया था। हाईकोर्ट के न्यायाधीश एसएस सरो पर आधारित दो सदस्यीय जिस खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया था, वही पीठ हरियाणा के चार मुख्य संसदीय सचिवों को हटाने के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है।

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हाईकोर्ट ने हरियाणा के सीपीएस के मामले में सिर्फ इसलिए फैसला रोका हुआ था, ताकि पंजाब के मुख्य संसदीय सचिवों के फैसले को हरियाणा के मामले में लागू किया जा सके। भाजपा सरकार ने फरीदाबाद के बडख़ल से सीमा त्रिखा, करनाल के असंध से बख्शीस सिंह, यमुनानगर के रादौर से श्याम सिंह राणा और हिसार से डॉ. कमल गुप्ता को सीपीएस बनाया था।

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चारों मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को संविधान विरुद्ध बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि विधानसभा के कुल सदस्यों के 15 फीसद को ही मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन सीपीएस की नियुक्ति के बाद इनकी संख्या बढ़कर अधिक हो गई है।

हरियाणा के चारों सीपीएस के मामले में अब 7 सितंबर को सुनवाई होनी है, लेकिन इससे पहले ही राज्य सरकार ने उन्हें बचाने के लिए कानून में बदलाव का खाका तैयार कर लिया है। प्रदेश सरकार कानून में संशोधन करते हुए सीपीएस के पद को लाभ के पद के दायरे से बाहर कर देगी और इस संशोधित कानून की प्रति एडवोकेट जनरल के माध्यम से हाईकोर्ट में पेश कर चारों सीपीएस की कुर्सी बचाने का आग्रह किया जा सकता है।

अधिक नहीं बढ़ेगा विधायकों का वेतन और पूर्व विधायकों की पेंशन

हरियाणा के विधायकों, पूर्व विधायकों, मुख्य संसदीय सचिवों तथा मंत्रियों के वेतन तथा भत्तों में इसी सत्र में बढ़ोतरी तो होगी लेकिन उम्मीद से कम ही रहेगी। सरकार पूर्व विधायकों की पेंशन और भत्तों में भी बढ़ोतरी करेगी मगर यह भी ज्यादा नहीं होगी।

विधानसभा में इस संबंध में दो अलग-अलग संशोधन विधेयक पेश होंगे। इनकी जानकारी सदन को दी जा चुकी है। विधानसभा सूत्रों के अनुसार वेतन में मात्र 10 से 20 हजार रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। कुछ भत्ते बढ़ेंगे तो कुछ की कटौती भी संभव है। पूर्व विधायकों ने राज्य में संगठन बना रखा है।

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