चंडीगढ़ पर हरियाणा ने बनाई मजबूत पकड़
चंडीगढ़ प्रशासन पर हरियाणा की पकड़ मजबूत होने लगी है। राज्य के तीन एचसीएस अधिकारियों का डेपुटेशन के लिए चयन हो गया है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 07 Jul 2016 07:23 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ । चंडीगढ़ प्रशासन में हरियाणा और पंजाब के अफसरों का अनुपात बढ़ाने की लड़ाई के बीच राज्य के तीन एचसीएस अधिकारियों का डेपुटेशन के लिए चयन हो गया है। हरियाणा के 2011 और 2013 काडर के तीन एचसीएस अधिकारी अब चंडीगढ़ प्रशासन में अपनी सेवाएं देंगे। राज्य सरकार की ओर से भेजे गए पैनल के तीनों नामों को चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से मंजूरी प्रदान की जा चुकी है।
हरियाणा सरकार की ओर से 2011 बैच के एचसीएस अधिकारी मनोज कुमार, 2013 बैच की एचसीएस शिल्पा पातडा और राधिका सिंह के नाम डेपुटेशन पर नियुक्ति के लिए चंडीगढ़ प्रशासन को भेजे गए थे। चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से तीन नाम हरियाणा और तीन नाम पंजाब से मांगे गए थे। हरियाणा की ओर से भेजे गए इन नामों को मंजूरी मिलने के बाद इन अफसरों की सेवाएं किसी भी समय चंडीगढ़ प्रशासन को सौंपी जा सकती हैैं।पढ़ें : पुलिस भर्ती में अव्यवस्था पर मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, डीजीपी को नेाटिसचंडीगढ़ में गृह सचिव और डीसी सरीखे अहम पदों पर हरियाणा काडर के आईएएस अधिकारी तैनात हैैं। गृह सचिव अनुराग अग्रवाल और डीसी अजीत बालाजी जोशी दोनों ही हरियाणा काडर हैैं और दोनों अधिकारियों की गिनती ईमानदार अफसरों में होती है।
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पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के अफसरों का अनुपात 60-40 करने को लेकर पिछले लंबे समय से जद्दोजहद चल रही है। तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि चंडीगढ़ प्रशासन के विभागों में यह अनुपात संभव नहीं है। यह मांग एक तरह से पहले ही खारिज हो चुकी है। न सिर्फ प्रशासन इसे खारिज कर चुका है बल्कि अलग अलग अदालतों के फैसले भी चंडीगढ़ के कर्मचारियों के हक में गए है। चंडीगढ़ प्रशासन के कई विभाग अपने अपने भर्ती नियम बना चुके हैं जिनमें इस तरह का अनुपात रखना संभव नहीं है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में दोनों राज्यों के अफसरों का अनुपात 60-40 करने को लेकर पिछले लंबे समय से जद्दोजहद चल रही है। तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि चंडीगढ़ प्रशासन के विभागों में यह अनुपात संभव नहीं है। यह मांग एक तरह से पहले ही खारिज हो चुकी है। न सिर्फ प्रशासन इसे खारिज कर चुका है बल्कि अलग अलग अदालतों के फैसले भी चंडीगढ़ के कर्मचारियों के हक में गए है। चंडीगढ़ प्रशासन के कई विभाग अपने अपने भर्ती नियम बना चुके हैं जिनमें इस तरह का अनुपात रखना संभव नहीं है।