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हरियाणा सरकार ने लगाया एस्‍मा, लेकिन बिजलीकर्मी हड़ताल पर अड़े

हरियाणा में बिजली कर्मचारियों की 29 व 30 जून को हड़ताल की घोषणा के मद्देनजर शुक्रवार का राज्‍य सरकार ने एस्‍मा लगा दिया। दूसरी ओर, कर्मचारी नेता हड़ताल करने पर अड़े हुए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 24 Jun 2016 06:00 PM (IST)
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जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने बिजली कर्मियों की दो दिन की हड़ताल की घोषणा के बाद राज्य में छह महीने के लिए एस्मा लगा दिया है। इससे प्रदेश में किसी तरह की हड़ताल करने पर रोक लगा दी गई है। दूसरी ओर, हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी (पॉवर) ने घोषणा की है कि एस्मा के बावजूद बिजलीकर्मियों की 29 और 30 जून को प्रस्तावित हड़ताल होकर रहेगी।

बिजली कर्मचारी संगठनों से वार्ता विफल रहने पर राज्य सरकार न उठया कदम

राज्य सरकार ने एस्मा लगाने का कदम बिजली कर्मियों से समझौता वार्ता विफल रहने के बाद उठाया है। बृहस्पतिवार और शुक्रवार सुबह अाला अधिकारी बिजली कर्मचारी संगठनाें के नेताओं से बातचीत हुई, लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका। बृहस्पतिवार को हड़ताल पर अड़े बिजली कर्मचारियों के साथ प्रबंध निदेशकों की तीन अलग-अलग समझौता वार्ताएं फेल हो गई थी। शुक्रवार को भी कर्मचारी नेतााअों के साथ वार्ता हुई, लेकिन यह भी विफल रही।

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बिजली निगमों के प्रबंध निदेशकों ने हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी (पावर) के नेताओं से 29 व 30 जून की हड़ताल वापस लेने का आग्रह तो किया, लेकिन 23 सब डिविजन को निजी हाथों में सौंपने के फैसले पर सरकार द्वारा पुनर्विचार किए जाने का कोई भरोसा नहीं दिलाया। ऐसे में समझौता वार्ताएं सिरे नहीं चढ़ पाई।

दूसरी आेर, सरकार के एस्मा लगाने के आदेश को खारिज करते हुए हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी के नेता देवेंद्र सिंह हुड्डा, कंवर सिंह यादव और सुभाष लांबा ने 29 व 30 जून को हर हाल में हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है। बिजली विभाग में करीब 30 हजार कर्मचारी हैैं, जिनमें कच्चे व ठेके पर लगे कर्मचारियों की संख्या लगभग 12 हजार है। बिजली कर्मचारी 23 सब डिविजन को निजी हाथों में सौंपने का विरोध कर रहे हैैं।

बिजली कर्मचारियों की मांग है कि समान काम के लिए समान वेतन दिए जाए तथा नए थर्मल प्लांट लगाने के साथ ही 1995 की रोजगार नीति को बहाल किया जाए। खाली पदों पर नई भर्तियां किए जाने की भी लड़ाई लड़ी जा रही है।

पहले हो गई थी एस्मा लगाने की तैयारी

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के मद्देनजर राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगाने की तैयारी कर ली थी। एस्मा लगाए जाने के बाद कोई कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकता। बिजली निगम की ओर से इस संबंध में पहले ही प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया था।

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हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी (पावर) के प्रतिनिधिमंडल की बृहस्पतिवार को उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक नितिन यादव, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अरुण वर्मा और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के प्रबंध निदेशक रामाराव के साथ अलग-अलग बैठकें हुई। प्रतिनिधिमंडल में एक्शन कमेटी की ओर से देवेंद्र हुड्डा, कंवर सिंह यादव, सुभाष लांबा, नरेश कुमार, बाल कुमार, वेद प्रकाश शर्मा, एनपी सिंह चौहान, आजाद पूनिया और रामपाल मलिक शामिल हुए।

196 ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

बिजली निगमों के प्रबंध निदेशकों की बातचीत के चलते-चलते हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम ने 196 ठेका कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के 127 ठेका कर्मचारियों को पहले ही हटाया जा चुका है।

10 हजार ठेका कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल नहीं होने के नोटिस दिए गए हैं। जिन 7471 ठेका कर्मचारियों को हटाया गया था, उस आदेश के अनुपालन पर सर्व कर्मचारी संघ के विरोध के बाद रोक लग गई थी। वहीं अब भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि यदि वे हड़ताल में शामिल हुए तो बिना कारण बताए हटा दिए जाएंगे। बिजली विभाग में 30 हजार कर्मचारी हैैं, जिनमें कच्चे कर्मचारियों की संख्या 12 हजार है।

बिना किसी वारंट के गिरफ्तार किए जा सकते हैं कर्मचारी

आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिए लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पूर्व इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को सूचित किया जाता है। एस्मा अधिकतम छह माह के लिए लगाया जा सकता है।

एस्मा लागू होने के उपरांत यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैैं तो वह अवैध एवं दंडनीय मानी जाती है। क्रीमनल प्रोसीजर 1898 (5 आफ 1898) के अंतर्गत एस्मा लागू होने के उपरांत इस आदेश से संबंधित किसी भी कर्मचारी को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।

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गृह सचिव ने डीसी-एसपी से तैयार रहने को कहा

गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रामनिवास ने पुलिस महानिदेशक डा. केपी सिंह व सीआईडी के आईजी अनिल राव के साथ शुक्रवार को राज्य के सभी डीसी-एसपी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर उन्हें हड़ताल से निपटने तथा तमाम वैकल्पिक बंदोबस्त करने के निर्देश जारी किए हैैं।

राज्य सरकार ने सभी डीसी और डीजीपी को अलग से परिपत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वह सभी एसपी और विद्युत विभाग के एसई के साथ बैठकें कर बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न नहीं होने देने के तमाम प्रयास करें। गृह सचिव ने डीसी-एसपी से कहा कि किसी सूरत में जनता को परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कोई हड़ताल पर जाता है और लोगों को परेशानी पैदा करता है तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाए।

कर्मचारी नेताओं ने कहा, सरकार पहल तो करे बातचीत को तैयार

हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी (पावर) के नेता देवेंद्र हुड्डा, कंवर सिंह यादव, सुभाष लांबा, नरेश कुमार, बाल कुमार, वेद प्रकाश शर्मा, एनपी सिंह चौहान, आजाद पूनिया और रामपाल मलिक ने कहा, कर्मचारी 29 व 30 जून को बिजली आपूर्ति भी बाधित नहीं करेंगे। हम जनता के सहयोग से यह लड़ाई जीतेंगे।

उन्हाेंने कहा, बिजली निगम आज 400 करोड़ के घाटे से 30 हजार करोड़ के नुकसान में पहुंच गए हैैं। इसके बावजूद सरकार सब डिविजन को निजी हाथों में सौंप रही है। सरकार को इन मसलों पर बातचीत की पहल करनी चाहिए। हम बातचीत करने को तैयार हैैं। बातचीत करने की बजाय कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा और उनके तबादले किए जा रहे हैैं।

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'' बिजली आपूर्ति में नहीं आएगी दिक्कत ''

'' 29 व 30 जून को बिजली आपूर्ति में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न न हो, इसके पूरे इंतजाम किए गए हैैं। धान रोपाई के लिए किसानों को पूरी बिजली मिलेगी। बिजली की कुल उपलब्धता 10,937 मेगावाट है। मांग के समय 9300 मेगावाट की आवश्यकता पड़ती है।
- राजन गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव, बिजली विभाग।

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