जाट आरक्षण को लेकर क्रीमीलेयर नोटिफिकेशन जारी
हरियाणा सरकार ने जाट समेत 6 जातियों को पिछड़े वर्ग के तहत दिए गए आरक्षण को लेकर क्रीमीलेयर संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Wed, 17 Aug 2016 01:35 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने जाट समेत 6 जातियों को पिछड़े वर्ग के तहत दिए गए आरक्षण को लेकर क्रीमीलेयर संबंधी अधिसूचना जारी कर दी है। बता दें कि जाट आरक्षण का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। पिछली दो सुनवाई से मामला क्रीमीलेयर नोटिफिकेशन को लेकर अटका हुआ था। इसकी वजह से सरकार का पक्ष कमजोर पड़ रहा था। अब सरकार आगामी सुनवाई पर 24 अगस्त को नोटिफिकेशन पेश कर पाएगी।
प्रदेश के जाट व खाप संगठनों के भारी विरोध तथा हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद हरियाणा सरकार ने बुधवार को पिछड़े वर्ग के आरक्षण में क्रीमीलेयर की अधिसूचना जारी कर दी है। अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव टीसी गुप्ता की ओर से जारी अधिसूचना की प्रतियां प्रकाशन के लिए भेज दी गई हैैं।पढ़ें : जाट आरक्षण पर अंतरिम रोक जारी, अब नोटिफिकेशन पर फंसी सरकार
6 लाख से ज्यादा कमाने वालों को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ
नोटिफिकेशन के अनुसार सरकार ने पिछड़े वर्ग में शामिल जाटों समेत छह जातियों के उन लोगों को साधन संपन्न (क्रीमीलेयर) की श्रेणी में रखा है, जिनकी वार्षिक आय छह लाख रुपये से अधिक है। ऐसे लोगों को राज्य सरकार द्वारा पिछड़े वर्ग को दिए दस फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। पहले यह सीमा साढ़े चार लाख रुपये थी, लेकिन सिर्फ ए व बी श्रेणी में शामिल लोग ही इसके दायरे में आते थे। पढ़ें : हरियाणा में जाटों को मिला आरक्षण, राज्यपाल ने लगाई मुहर
अधिसूचना के खास पहलू
- 3 लाख रुपये तक की सकल वार्षिक आय वाले व्यक्तियों के बच्चे सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। - इसके बाद रह गए कोटे का लाभ पिछड़े वर्गों के उस वर्ग को दिया जाएगा, जिसकी आय प्रति वर्ष 3 लाख रुपये से अधिक और 6 लाख रुपये से कम है। - हर साल 6 लाख रुपये से अधिक कमाने वाले पिछड़े वर्गों के लोगों को क्रीमीलेयर की श्रेणी में रखा गया है और उनके बच्चों को अधिनियम की धारा 5 के तहत आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। हरियाणा की ताजा और बड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।