हरियाणा में जाटों को मिला आरक्षण, राज्यपाल ने लगाई मुहर
हरियाणा में जाटों सहित छह जातियों के आरक्षण बिल पर राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने मुहर लगा दी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में जाटों सहित छह जातियों के आरक्षण बिल पर राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने मुहर लगा दी है। राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही जाट आरक्षण विधेयक अब कानून का रूप ले चुका है। राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाडी अब राज्य सरकार कभी भी आरक्षण की नई अधिसूचना जारी कर सकती है।सरकार पुरानी अधिसूचना वापस ले चुकी है।
जाटों के अलावा जट सिख, त्यागी, रोड़ , बिश्नोई, मुल्ला जाट/मूला जाट जाति के लोगों को पिछड़ा वर्ग में आरक्षण देने का फैसला मनोहर सरकार ने लिया था। इन छह जातियों के लिए अलग से बीसी-सी की कैटेगरी बनाई गई है। आरक्षण विधेयक 29 मार्च को हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
आरक्षण विधेयक विधानसभा में पास करने के बाद इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा गया था। राज्यपाल ने अब आरक्षण विधेयक पर अपनी मुहर लगा दी है। राज्यपाल के हस्ताक्षर होते ही अब राज्य में इन छह जातियों को आरक्षण मिलना तय हो गया है।
आरक्षण का प्रारुप
जाटों सहित इन छह जातियों को बीसी-सी कैटेगरी के तहत तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। इसी तरह से प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में इन जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। सरकार ने जाटों सहित इन छह जातियों को आरक्षण देने के साथ-साथ पहले से आरक्षण ले रही जातियों को भी अतिरिक्त फायदा दिया था।
आरक्षण विधेयक में ही इसका प्रावधान किया गया है। बीसी-ए कैटेगरी में शामिल 71 जातियों को अब क्लास-वन और क्लास-टू की नौकरियों में 10 की जगह 11 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। इसी तरह से बीसी-बी कैटेगरी में शामिल पांच जातियों को प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में 5 की बजाय 6 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा।
आर्थिक पिछड़े लोगों को करना होगा इंतजार
ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य व राजपूत सहित बाकी सभी सामान्य जाति के लोगों के आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में 10 और प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण मिला हुआ है। सरकार इस वर्ग के लोगों को प्रथम व द्वितीय श्रेणी की नौकरियों में 5 की जगह 7 प्रतिशत आरक्षण का फैसला ले चुकी है लेकिन इसकी अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है। अभी तक ढाई लाख रुपये सालाना आय तक के परिवार ही आरक्षण के दायरे में है।