हरियाणा की खाप पंचायतों ने कहा, मिले लोक अदालत का दर्जा
हरियाणा की खाप पंचायतें अपनी छवि बदलना चाहती हैं। इसके लिए वे सक्रिय हो गई हैं। इसी क्रम में खाप पंचायतों ने मांग की है कि उन्हें लोक अदालत का दर्जा दिया जाए।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 28 Jun 2016 02:23 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। अपने तुगलकी फरमानों की वजह से देशभर में चर्चित रह चुकी हरियाणा की खाप पंचायतें अब भाईचारे व आपसी सहमति के बूते सामाजिक बदलाव चाहती हैं। इसके साथ वे अपनी छवि बदलना चाहिती हैं। खाप पंचायतों की मांग है कि उन्हें लोक अदालतों का दर्जा दिया जाए। इसके लिए सर्वजातीय खाप पंचायत के संयोजक एवं कंडेला खाप के प्रधान टेक राम के नेतृत्व में खाप प्रतिनिधियों ने राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी से मुलाकात की है।
हरियाणा में लगभग 175 खाप पंचायतें सक्रिय हैं। ऐसी ही पंचायतें उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी चल रही हैं। टेकराम कंडेला का कहना है कि खाप-पंचायतों को यदि लोक अदालत का दर्जा मिल जाए तो इससे अदालतों पर मुकदमों का बोझ कम होगा।पढ़ें : सलमान खान को भारी पड़ रहा बयान, दुष्कर्म पीड़िता ने मांगा10 करोड़ का हर्जाना उन्होंने बताया कि अकेले जींद जिले की कंडेला खाप साल भर में दो से ढाई हजार मामले निपटा देती है। कंडेला के मुताबिक खाप पंचायतों को लोक अदालत का दर्जा देने के बाद इसमें में एक सरकारी प्रतिनिधि भी होना चाहिए। इनकी जिला स्तर से लेकर प्रदेश और फिर राष्ट्रीय स्तर पर कमेटी बनाई जाए।
पढ़ें : रेहड़ी पर फल-सब्जी बेचने वाला बना नप चेयरमैन खाप पंचायतों के प्रतिनधियाें ने राज्यपाल के समक्ष हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव की मांग सहित कई मुद्दे उठाए। खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दे -
- हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव किया जाए। एक ही गांव, गोत्र, आपस में सटे गांवों में शादी नहीं होनी चाहिए।
- कृषि के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए।
- हिंदू मैरिज एक्ट में बदलाव किया जाए। एक ही गांव, गोत्र, आपस में सटे गांवों में शादी नहीं होनी चाहिए।
- कृषि के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू की जाए।
- एसवाईएल नहर से हरियाणा के हिस्से का पानी मिले।
- जींद जिले के विकास के लिए वहां रेल कोच फैक्ट्री और पीजीआइ बनाया जाए।
- किसानों की हालत को देखते हुए उन्हें मुआवजे मिले व गन्ने का बकाया का भुगतान किया जाए।पढ़ें : जाट आरक्षण को लेकर खुद उलढे जाट, कंडेला खाप दोफाड़
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- किसानों की हालत को देखते हुए उन्हें मुआवजे मिले व गन्ने का बकाया का भुगतान किया जाए।पढ़ें : जाट आरक्षण को लेकर खुद उलढे जाट, कंडेला खाप दोफाड़