तीन मंत्रियों की नियुक्ति पर सरकार काे हाई कोर्ट का नाेटिस
हरियाणा में पिछले दिनों शामिल किए गए मंत्रियों के मामले में पेंच फंस गया है। इसके खिलाफ दायर याचिका पर हाई कोर्ट ने हरियाणा व केंद्र सरकार और तीनों मंत्रियों को नेाटिस जारी किया है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Fri, 29 Jul 2016 12:50 PM (IST)
चंडीगढ़, [वेब डेस्क]। हरियाणा की मनोहर लाल सरकार में तीन नए मंत्रियाें को शामिल किए जाने के खिलाफ के मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले में दायर हुई याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस पर हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार और तीनों मंत्रियों को नोटिस जारी कर इस जवाब मांगा है।
हरियाणा मंत्रिमंडल में तीन नए मंत्रियों को शामिल करने के खिलाफ एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने जनहित याचिका दायर की है। हाई कोर्ट मे इस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। भट्टी की ओर से कहा गया कि इन तीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल मेें शामिल करना असंवैधानिक है और इससे जनता पर बोझ बढ़ेगा। इसके बाद हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के साथ इन नए मंत्रियों को भी नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा है। याचिका में कहा गया है कि हरियाणा सरकार ने तीन नए मंत्री बनाकर संविधान के 91वें संशोधन का उल्लंघन किया है। इस कारण ये नियुक्तियां अवैध और असंवैधानिक हैं।पढ़ें : हरियाणा के तीन नए मंत्रियों की नियुक्ति को हाईकोर्ट में चुनौती
याचिका में केंद्र सरकार, केंद्रीय विधि विभाग, केंद्रीय चुनाव आयोग, हरियाणा सरकार और तीन नए मंत्रियों को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि हरियाणा सरकार ने विपुल गोयल, बनवारी लाल और महेश ग्रोवर को मंत्री पद देकर जनता पर भी बोझ बढ़ाया है।
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याचिका में कहा गया है कि तीन नए मंत्रियों की नियुक्ति के साथ ही हरियाणा का मंत्रिमंडल तय सीमा से 15 फीसदी बड़ा हो गया है। याचिका में तीनों मंत्रियों को पद से हटाने की मांग करते हुए मुख्य संसदीय सचिव के रूप में भी दी जा रही सभी सुविधाएं वापस लेने की मांग भी की गई है।हरियाणा की ताजा और बड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें