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मानसून सत्र में ही दिखेगी गोल्डन जुबली की झलक

हरियाणा विधानसभा का गोल्डन जुबली सत्र अधर में लटक गया है। प्रदेश सरकार अब मानसून सत्र के साथ ही गोल्डन जुबली सत्र करेगी।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 05 Jul 2016 09:43 AM (IST)
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा का गोल्डन जुबली सत्र अधर में लटक गया है। प्रदेश सरकार अब मानसून सत्र के साथ ही गोल्डन जुबली सत्र करेगी। मानसून सत्र अमूमन दो से तीन दिन का होता है, लेकिन गोल्डन जुबली सत्र के मर्ज होने के बाद मानसून सत्र पांच दिन का किया जा सकता है। मानसून सत्र में आधा दर्जन बिल पास कराने की तैयारी है।

एक नवंबर को हरियाणा की गोल्डन जुबली है। सरकार जीन-जान से राज्य की गोल्डन जुबली मनाने की तैयारियों में जुटी हुई है। इस दिन किसी सेंट्रल प्वाइंट पर रैली का आयोजन कर करीब 50 नई योजनाओं की शुरुआत की जाएगी। सरकार का मुख्य फोकस ग्रामीण विकास की योजनाएं शुरू करने पर अधिक है।

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प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले लोगों से करीब डेढ़ सौ वादे कर रखे हैैं। सरकार की कोशिश है कि गोल्डन जुबली पर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करीब एक तिहाई वादे पूरे कर दिए जाएं, ताकि विपक्ष को अंगुली उठाने का मौका न मिल सके।

प्रदेश सरकार ने बजट सत्र में हरियाणा की गोल्डन जुबली मनाने के लिए विधायकों तथा पूर्व विधायकों की राय जानने को गोल्डन जुबली सत्र बुलाने का ऐलान किया था। इस दो दिवसीय सत्र में राज्य के सभी 289 पूर्व विधायकों को भी बुलाने की योजना है, लेकिन बजट सत्र के बाद छह माह के अंतराल में मानसून सत्र बुलाना अनिवार्य होता है, लिहाजा सरकार ने स्पेशल सत्र को मानसून सत्र में ही मर्ज करने का निर्णय ले लिया है।

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पिछले दिनों मंत्री समूह की बैठक में इसका औपचारिक निर्णय हो चुका है। मानसून सत्र हालांकि अगस्त में प्रस्तावित है, लेकिन विधानसभा स्पीकर कंवरपाल गुर्जर और डिप्टी स्पीकर संतोष यादव के शिकागो दौरे की वजह से इस सत्र को सितंबर के पहले सप्ताह में किया जा सकता है। मानसून सत्र में किसी एक दिन सभी विधायकों के साथ-साथ पूर्व विधायकों के भी बैठाने का इंतजाम किया जाएगा।

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