खेमका फिर निशाने पर : मनोहर सरकार ने भी थमाई चार्जशीट, समर्थन में आए विज
हरियाणा के चर्चित आइएएस डा. अशोक खेमका अब हरियाणा की भाजपा सरकार के निशाने पर भी आ गए हैं। खेमका ने जिले गेहूं बीज घोटाले का पर्दाफाश किया था, मनाेहर सरकार ने चार्जशीट थमा दिया है।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 12 Jul 2016 07:05 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के वरिष्ठ आइएएस अधकिारी डा. अशोक खेमका एक बार फिर मुसीबत में हैं। अब तक उनका बचाव करती रही मनोहर लाल सरकार ने ही इस बार उनके लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। मनाेहर सरकार ने उन्हें उस घोटाले में चार्जशीट थमा दी है, जिसका पर्दाफाश खेमका ने ही किया है। मामला गेहूं बीज घोटाले का है और भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के कार्यकाल में इसका खुलासा हुआ था। दूसरी ओर , राज्य के वरिष्ठ मंत्री अनिल विज उनके समर्थन में सामने आ गए हैं। विज ने कहा है कि ईमानदारों काे दुनिया झूठा साबित करना चाहती है।
जिस गेहूं बीज घोटाले का खुलासा किया, उसी में मिली चार्जशीट इससे पहले डा. अशोक खेमका को पिछली हुड्डा सरकार द्वारा दी गई चार्जशीट को मनोहरलाल सरकार ने करीब आठ माह पहले वापस लिया था, लेकिन गेहूं बीज घोटाले में अब उसने उन्हें नई चार्जशीट थमा दी है। खेमका को ईमानदार अफसर बताकर भाजपा नेताओं ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कठघरे में खड़ा किया था। भाजपा सरकार ने उन्हें नए साल पर प्रमोशन का तोहफा भी दिया था और प्रधान सचिव बना दिया था। प्रमोशन के साढ़े छह माह बाद ही खेमका को चार्जशीट सौंप दी गई है।पढ़ें : क्लीनचिट के बावजूद खेमका को नहीं मिल रही है जांच रिपोर्ट
आश्चर्यजनक पहलू यह है कि जिस गेहूं बीज घोटाले में खेमका को चार्जशीट किया गया है, उसका खुलासा खुद खेमका ने किया था। कैग ने भी खेमका के खुलासे पर मुहर लगाई थी। हरियाणा बीज विकास निगम और कृषि विभाग के तत्कालीन अधिकारियों ने 2010 में प्राइवेट डीलर्स का गेहूं बाजार से महंगे दामों पर खरीदा था। इससे सरकार को 2.95 करोड़ की चपत लगी थी। खेमका ने 2013 में यह खुलासा किया था। कैग की रिपोर्ट में खेमका के आरोपों पुष्टि के बाद इसे विधानसभा के पटल पर रखा गया था।
आश्चर्यजनक पहलू यह है कि जिस गेहूं बीज घोटाले में खेमका को चार्जशीट किया गया है, उसका खुलासा खुद खेमका ने किया था। कैग ने भी खेमका के खुलासे पर मुहर लगाई थी। हरियाणा बीज विकास निगम और कृषि विभाग के तत्कालीन अधिकारियों ने 2010 में प्राइवेट डीलर्स का गेहूं बाजार से महंगे दामों पर खरीदा था। इससे सरकार को 2.95 करोड़ की चपत लगी थी। खेमका ने 2013 में यह खुलासा किया था। कैग की रिपोर्ट में खेमका के आरोपों पुष्टि के बाद इसे विधानसभा के पटल पर रखा गया था।
पढ़ें : खेमका ने की शिकायत, बीमा कंपनी पर लगा 10 हजार का जुर्माना कैग ने हरियाणा बीज विकास निगम का 2009 से 2014 तक पांच साल का ऑडिट किया। कैग ने माना कि हरियाणा बीज विकास निगम महंगा बीज खरीदने के बावजूद किसानों को समय पर इस उपलब्ध कराने की व्यवस्था नहीं कर पाया। खेमका ने इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से भी कराने की मांग की थी। इसके बाद सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने 4 मार्च 2013 को इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया था। बीज घोटाले से जुड़ा यह मामला संसद की कृषि संबंधी स्थायी संसदीय कमेटी के पास भी पहुंचा।
स्थायी संसदीय कमेटी ने माना कि सरकारी अनुदान से खरीदे जाने वाले बीजों के टेंडर में निजी बीज विक्रेता भाग नहीं ले सकते। यह बीज सिर्फ सरकारी और सहकारी समितियों के माध्यम से ही खरीदा जा सकता है। एग्रीकल्चर स्टैंडिंग कमेटी ने सवाल उठाया था कि आेपन टेंडर में निजी बीज विक्रेता को भाग लेने की इजाजत कैसे दी गई। बैक डोर से बीज को खरीदना गलत है। हरियाणा बीज विकास निगम को एनसीसीएफ (नेशनल कोआॅपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन) और नेफेड (नेशनल एग्रीकल्चर कोआपरेटिव मार्केटिंग) से बीज खरीदना था, लेकिन इन दोनों सहकारी एजेंसियों ने ठाकर दास, यूनाइटेड एग्री सीड्स और शंकर सीड नाम के तीन निजी विक्रेताओं से बीज खरीद कर हरियाणा बीज विकास निगम को 2050 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बेच दिया। यानि बैकडोर से बीज खरीदा गया, जो कि गलत था। टेंडर की शर्त थी कि बीज के साथ रैक्सिल दवा बीज उपलब्ध कराने वाली एजेंसी ही देगी, लेकिन तीनों बीज विक्रेताओं को इसमें छूट दी गई। बीज विकास निगम में रहते हुए गेहूं का कम बीज बेचने पर तीन साल बाद चार्जशीट हुआ जारी खेमका को सरकार द्वारा चार्जशीट उनके कार्यकाल में गेहूं का कम बीज बेच पाने के लिए दिया गया है। बीज नहीं बिकने पर पौने चार करोड़ का ब्याज भरना पड़ा था। खेमका पर अारोप लगा है कि 87 हजार क्विंटल गेहूं का बीज नहीं बिक पाने के कारण निगम को सिर्फ ब्याज के रूप में 3.41 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके अलावा भंडारण और रखरखाव चार्ज के रूप में भी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलावा 34 हजार 249 क्विंटल गेंहू के सर्टिफाइड बीज को राज्य से बाहर भेजने के मामले में फफूंदनाशक रैक्सील दवाई की कीमत नहीं वसूली गई और इसके चलते बीज विकास निगम को 34 लाख रुपये का नुकसान हुआ। मनोहर सरकार की तरफ से दी गई चार्जशीट में कहा गया है कि खेमका ने बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक पद पर रहते हुए गेंहू के सर्टिफाइड बीज को बेचने के मामले में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके चलते 22.21 करोड़ रुपए कीमत का करीब 87 हजार क्विंटल गेंहू का बीज नहीं बिक पाया।
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर सवाल उठा चुके खेमका
सीबीआई ने जांच के बाद पूरे मामले की क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी थी, जिस पर खेमका ने सवाल खड़े किए थे। खेमका ने कहा था कि जो रिपोर्ट जांच एजेंसी ने तैयार की उसमें ऐसे कई रास्ते हैं जो आरोपी को बचा रहे हैं। रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए खेमका ने सीबीआई के डायरेक्टर को एक लेटर भी लिखा था,जिसमें कहा गया कि गेहूं बीज घोटाले पर तैयार की गई क्लोजर रिपोर्ट कृषि संबंधी स्थायी संसदीय कमेटी और कैग की फाइंडिंग के विपरीत है। पत्र में उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जांच रिपोर्ट में आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है।
वाड्रा लैंड डील केस में वापस हुई थी चार्जशीट
हरियाणा की भाजपा सरकार 4 नवंबर 2015 को खेमका को हुड्डा सरकार द्वारा दी गई चार्जशीट वापस ले चुकी है। हुड्डा सरकार की ओर से खेमका को 4 दिसंबर 2013 को चार्जशीट जारी की गई थी। रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील से जुड़ी इस चार्जशीट में सरकार ने वाड्रा की कंपनी की म्युटेशन कैंसिल करने का आरोपी माना था। इस चार्जशीट का जवाब खेमका ने १२ फरवरी २०१५ को ही दे दिया था। सरकार उनके जवाब से संतुष्ट थी।
--------
नए साल पर मिला था प्रमोशन का तोहफा
कई बार तबादले झेल चुके अशोक खेमका को नए साल में प्रमोशन का तोहफा मिला था। उन समेत सात अधिकारियों को प्रधान सचिव बनाया गया था। हालांकि प्रमोशन के कई दिन बाद तक उन्हें विभाग की जिम्मेदारी नहीं मिल पाई थी, लेकिन बाद में खेमका के आपत्ति जताने पर सरकार ने उन्हें साइंस एंड टेक्नालाजी डिपार्टमेंट का प्रधान सचिव बना दिया था। खेमका अपनी इस नियुक्ति से नाखुश थे। खेमका 1991 बैच के आईएएस हैं। उनके 25 साल के सेवाकाल में 46 तबादले हो चुके हैं।
विज को छोड किसी मंत्री को रास नहीं आते खेमका
भाजपा अशोक खेमका के मुद्दे पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर हमलावर रही और एक र्इमानदार अधिकारी को परेशान करने का आरोप लगाती रही, लेकिन वही योमका अब भाजपा सरकार के अधिकतर मंत्रियों को रास नहीं आते। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज उनकी लगातार पैरवी करते हैं, लेकिन खेमका की दो मंत्रियों से हुई कहासुनी के बाद सरकार ने उन्हें प्राइम पोस्टिंग से दूर ही रखा। खेमका केंद्र में सेवाएं देना चाहते हैं, लेकिन कुछ मूंग दाल के बीज और गेलवैल्यूट शीट खरीद मामले में खेमका पर उठ रही अंगुली अभी नीचे नहीं हुई है।
कांग्रेस लगातार हो रही हमलावर
अशोक खेमका पर कांग्रेस लगातार हमलावर है। कांग्रेस विधायक कर्ण सिंह दलाल एक के बाद एक कई प्रेस कांफ्रेंस कर खेमका पर विभिन्न आरोप लगा चुके हैं। दलाल के बाद कांग्रेस प्रवक्ता एवं पूर्व सीपीएस रणसिंह मान ने भी खेमका की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब भाजपा को भी समझ आ गई कि खेमका कितने ईमानदार हैं।
चार्जशीट पर खेमका हक्के-बक्के
भाजपा सरकार की ओर से थमाई गई चार्जशीट के बाद खेमका हक्के बक्के रह गए हैं। हाल फिलहाल वह कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन माना जा रहा कि देर सबेर खेमका इस चार्जशीट को लेकर बड़े आरोप लगा सकते हैं।------------हुड्डा सरकार के समय तैयार हुआ था चार्जशीट खेमका के विरुद्ध यह चार्जशीट पिछली हुड्डा सरकार के समय 2013 में तैयार हो गई थी, लेकिन तब उन्हें दी नहीं जा सकी थी। करीब तीन साल बाद खेमका को चार्जशीट देने का काम मनोहर सरकार ने किया है।
1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका वर्तमान में साइंस एंड टेक्नालाजी डिपार्टमेंट में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत हैैं।मनोहर सरकार के सीनियर मंत्री अनिल विज हालांकि चार्जशीट को हुड्डा सरकार के समय की बता रहे हैैं, लेकिन वह खुलकर खेमका के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैैं। विज का कहना है कि खेमका ईमानदार अफसर हैैं और पाक-साफ निकलेंगे। सरकार ने उन्हें चार्जशीट देने को रुटीन प्रक्रिया बताया है।मनोहर सरकार ने खेमका को ऑल इंडिया सर्विसेज (अपील्स एंड डिस्पलिन) नियम 10 के तहत चाजर्शीट थमाई है। खेमका पर आरोप है कि उनके कारण 2012-13 में हरियाणा बीज विकास निगम में गेहूं का बीज बिकने से रह गया। बिना बिके हुए बीज के स्टाक की वजह से राजस्व का काफी नुकसान हुआ। खेमका इस अवधि में हरियाणा बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर काम कर रहे थे।
-------------विज ने किया खेमका का समर्थन
हरियाणा सरकार द्वारा अशोक खेमका को चार्जशीट दिए जाने पर अनिल विज उनके समर्थन में आ गए हैं। विज ने एक बयान में कहा है, '' ईमानदारों पर ज्यादा आरोप लगा ही करते हैं! सारी दुनिया ईमानदारों को झूठा साबित करना चाहती है, लेकिन ईमानदारी छप्पर फाड़ कर अपनी सच्चाई साबित कर के रहती है।
-------------विज ने किया खेमका का समर्थन
हरियाणा सरकार द्वारा अशोक खेमका को चार्जशीट दिए जाने पर अनिल विज उनके समर्थन में आ गए हैं। विज ने एक बयान में कहा है, '' ईमानदारों पर ज्यादा आरोप लगा ही करते हैं! सारी दुनिया ईमानदारों को झूठा साबित करना चाहती है, लेकिन ईमानदारी छप्पर फाड़ कर अपनी सच्चाई साबित कर के रहती है ।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर सवाल उठा चुके खेमका
सीबीआई ने जांच के बाद पूरे मामले की क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी थी, जिस पर खेमका ने सवाल खड़े किए थे। खेमका ने कहा था कि जो रिपोर्ट जांच एजेंसी ने तैयार की उसमें ऐसे कई रास्ते हैं जो आरोपी को बचा रहे हैं। रिपोर्ट पर सवाल खड़ा करते हुए खेमका ने सीबीआई के डायरेक्टर को एक लेटर भी लिखा था,जिसमें कहा गया कि गेहूं बीज घोटाले पर तैयार की गई क्लोजर रिपोर्ट कृषि संबंधी स्थायी संसदीय कमेटी और कैग की फाइंडिंग के विपरीत है। पत्र में उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि जांच रिपोर्ट में आरोपियों को बचाने की कोशिश हो रही है।
वाड्रा लैंड डील केस में वापस हुई थी चार्जशीट
हरियाणा की भाजपा सरकार 4 नवंबर 2015 को खेमका को हुड्डा सरकार द्वारा दी गई चार्जशीट वापस ले चुकी है। हुड्डा सरकार की ओर से खेमका को 4 दिसंबर 2013 को चार्जशीट जारी की गई थी। रॉबर्ट वाड्रा लैंड डील से जुड़ी इस चार्जशीट में सरकार ने वाड्रा की कंपनी की म्युटेशन कैंसिल करने का आरोपी माना था। इस चार्जशीट का जवाब खेमका ने १२ फरवरी २०१५ को ही दे दिया था। सरकार उनके जवाब से संतुष्ट थी।
--------
नए साल पर मिला था प्रमोशन का तोहफा
कई बार तबादले झेल चुके अशोक खेमका को नए साल में प्रमोशन का तोहफा मिला था। उन समेत सात अधिकारियों को प्रधान सचिव बनाया गया था। हालांकि प्रमोशन के कई दिन बाद तक उन्हें विभाग की जिम्मेदारी नहीं मिल पाई थी, लेकिन बाद में खेमका के आपत्ति जताने पर सरकार ने उन्हें साइंस एंड टेक्नालाजी डिपार्टमेंट का प्रधान सचिव बना दिया था। खेमका अपनी इस नियुक्ति से नाखुश थे। खेमका 1991 बैच के आईएएस हैं। उनके 25 साल के सेवाकाल में 46 तबादले हो चुके हैं।
विज को छोड किसी मंत्री को रास नहीं आते खेमका
भाजपा अशोक खेमका के मुद्दे पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पर हमलावर रही और एक र्इमानदार अधिकारी को परेशान करने का आरोप लगाती रही, लेकिन वही योमका अब भाजपा सरकार के अधिकतर मंत्रियों को रास नहीं आते। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज उनकी लगातार पैरवी करते हैं, लेकिन खेमका की दो मंत्रियों से हुई कहासुनी के बाद सरकार ने उन्हें प्राइम पोस्टिंग से दूर ही रखा। खेमका केंद्र में सेवाएं देना चाहते हैं, लेकिन कुछ मूंग दाल के बीज और गेलवैल्यूट शीट खरीद मामले में खेमका पर उठ रही अंगुली अभी नीचे नहीं हुई है।
कांग्रेस लगातार हो रही हमलावर
अशोक खेमका पर कांग्रेस लगातार हमलावर है। कांग्रेस विधायक कर्ण सिंह दलाल एक के बाद एक कई प्रेस कांफ्रेंस कर खेमका पर विभिन्न आरोप लगा चुके हैं। दलाल के बाद कांग्रेस प्रवक्ता एवं पूर्व सीपीएस रणसिंह मान ने भी खेमका की ईमानदारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि अब भाजपा को भी समझ आ गई कि खेमका कितने ईमानदार हैं।
चार्जशीट पर खेमका हक्के-बक्के
भाजपा सरकार की ओर से थमाई गई चार्जशीट के बाद खेमका हक्के बक्के रह गए हैं। हाल फिलहाल वह कुछ नहीं बोल रहे, लेकिन माना जा रहा कि देर सबेर खेमका इस चार्जशीट को लेकर बड़े आरोप लगा सकते हैं।------------हुड्डा सरकार के समय तैयार हुआ था चार्जशीट खेमका के विरुद्ध यह चार्जशीट पिछली हुड्डा सरकार के समय 2013 में तैयार हो गई थी, लेकिन तब उन्हें दी नहीं जा सकी थी। करीब तीन साल बाद खेमका को चार्जशीट देने का काम मनोहर सरकार ने किया है।
1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका वर्तमान में साइंस एंड टेक्नालाजी डिपार्टमेंट में प्रधान सचिव के पद पर कार्यरत हैैं।मनोहर सरकार के सीनियर मंत्री अनिल विज हालांकि चार्जशीट को हुड्डा सरकार के समय की बता रहे हैैं, लेकिन वह खुलकर खेमका के समर्थन में खड़े नजर आ रहे हैैं। विज का कहना है कि खेमका ईमानदार अफसर हैैं और पाक-साफ निकलेंगे। सरकार ने उन्हें चार्जशीट देने को रुटीन प्रक्रिया बताया है।मनोहर सरकार ने खेमका को ऑल इंडिया सर्विसेज (अपील्स एंड डिस्पलिन) नियम 10 के तहत चाजर्शीट थमाई है। खेमका पर आरोप है कि उनके कारण 2012-13 में हरियाणा बीज विकास निगम में गेहूं का बीज बिकने से रह गया। बिना बिके हुए बीज के स्टाक की वजह से राजस्व का काफी नुकसान हुआ। खेमका इस अवधि में हरियाणा बीज विकास निगम के प्रबंध निदेशक के पद पर काम कर रहे थे।
-------------विज ने किया खेमका का समर्थन
हरियाणा सरकार द्वारा अशोक खेमका को चार्जशीट दिए जाने पर अनिल विज उनके समर्थन में आ गए हैं। विज ने एक बयान में कहा है, '' ईमानदारों पर ज्यादा आरोप लगा ही करते हैं! सारी दुनिया ईमानदारों को झूठा साबित करना चाहती है, लेकिन ईमानदारी छप्पर फाड़ कर अपनी सच्चाई साबित कर के रहती है।
-------------विज ने किया खेमका का समर्थन
हरियाणा सरकार द्वारा अशोक खेमका को चार्जशीट दिए जाने पर अनिल विज उनके समर्थन में आ गए हैं। विज ने एक बयान में कहा है, '' ईमानदारों पर ज्यादा आरोप लगा ही करते हैं! सारी दुनिया ईमानदारों को झूठा साबित करना चाहती है, लेकिन ईमानदारी छप्पर फाड़ कर अपनी सच्चाई साबित कर के रहती है ।