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जाट अांदोलन : अर्द्ध सैनिक बलों की 48 कंपनियां तैनात, आठ जिले सुरक्षा घेरे में

जाट संगठनों के 5 जून से आंदोलन की धमकी के मद्देनजर राज्‍य सरकार पूरी चौकसी बरत रही है। राज्‍यभर में अर्द्ध सैनिक बलों की 48 कंपनियां तैनात की गई हैं। आठ शहर अर्द्ध सैनिक बलों के सुरक्षा घेरे में हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2016 05:21 PM (IST)
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में जाट आरक्षण पर अंतरिम रोक के मद्देनजर 5 जून से आंदोलन की धमकी के मद्देनजर राज्य सरकार चौकस हो गई है। किसी तरह की हिंसा आैर उपद्रव से निपटने के लिए व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर अर्द्ध सैनिक बलों की 48 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा, हरियाणा सरकार ने केेंद्र सरकार से अर्द्ध सैनिक बलों की 15 कंपनियां और मांगी है।

आठ जिलों में अर्द्ध सैनिक बल, 23 शहरों में हाई अलर्ट

राज्य के अाठ शहर रोहतक, झज्जर, सोनीपत, पानीपत, जींद, कैथल, भिवानी और हिसार अर्द्ध सैनिक बलों के सुरक्षा घेरे में हैं। दंगा प्रभावित इन शहरों के थानों और चौकियों में अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है। सभी शहरों को सेक्टरों में बांटा गया है तथा डीएसपी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

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दूसरी ओर, रोहतक, जींद, सफीदों, जुलाना, हिसार, हांसी, कलानौर, सांपला, बहादुरगढ़, सोनीपत, महम, झज्जर, बेरी, गोहाना, गन्नौर, खरखौदा, पानीपत, इसराना, कैथल, पूंडरी, कलायत, भिवानी व दादरी सहित 23 शहरों में हाईअलर्ट है। इन शहरों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात है।

छह अहम पहलुओं पर ली जा रही पल-पल की रिपोर्ट

नए गृह सचिव रामनिवास और पुलिस महानिदेशक डा. केपी सिंह भी जिलों से पल-पल की रिपोर्ट हासिल कर रहे हैैं। मुख्यमंत्री कार्यालय को पूरी सूचनाएं दी जा रही हैैं। सरकार ने हर कमिश्नर और डीसी से दिन में दो बार दोपहर 12 बजे और शाम को 6 बजे पूरी रिपोर्ट मुख्यालय मंगवाई है। इस रिपोर्ट के छह अहम पहलू हैं, जिनके आधार पर आंदोलन की चेतावनी देने वाले नेताओं, उनके संगठन, कार्रवाई, धरनास्थल और प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट तलब की गई है।

थाने व चौकियों में 150 से 200 पुलिस जवान अतिरिक्त तैनात

प्रदेश सरकार ने आठों जिलों के थाने व चौकियों में 150 से लेकर 200 तक पुलिस के अतिरिक्त जवान नियुक्त कर दिए हैं। रात भर पुलिस को गश्त करने के आदेश दिए गए हैं। पुलिस अधिकारियों एवं कर्मचारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। आंदोलन के दृष्टिगत सभी आईजी और एसपी को विशेष हिदायतें जारी की गई हैं। सीएमओ की ओर से सभी जिला उपायुक्तों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे हर छोटी-बड़ी घटना पर पैनी नजर रखें।

दोबारा आंदोलन के लिए जाट संगठनों की मांग व तर्क

- फरवरी में हुए आंदोलन के दौरान निर्दोष लोगों काे गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार सभी लोगों को रिहा किया जाए।
-निर्दोष जाट युवाओं के खिलाफ हिंसा व लूटपाट के गलत केस पर दर्ज किए गए। ये सभी केस रद किए जाएं।
-आंदोलन के दौरान मारे गए सभी लोगों के परिजनों की 10 लाख रुपये आर्थिक मदद की जाए तथा सरकारी नौकरी दी जाए।
-हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण पर लगाई गई अंतरिम रोक हटवाने के लिए सरकार मजबूती से प्रयास करे।
- केंद्र की नौकरियों में आरक्षण के लिए जाट आररूाण के लिए बनाए गए वर्ग को संविधान की नौंवीं अनुसूची में शामिल किया जाए।

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अदालत में करेंगे मजबूत पैरवी

'' जाट आरक्षण पर प्रदेश सरकार शुरू से ही सकारात्मक रही है। कानून बनाकर आरक्षण दिया जा चुका है। हाईकोर्ट में भी सरकार मजबूत पैरवी करेगी। आंदोलन करें पर गलत तरीके से नहीं। प्रदेश के हित सभी के लिए सर्वोपरि है।

- मनोहर लाल, मुख्यमंत्री, हरियाणा।

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