यशपाल मलिक की धमकी, हरियाणा के जाटों से धोखा हुआ तो यूपी देगा जवाब
यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतरी तो उत्तर प्रदेश के जाट हरियाणा के जाटों के हित में राजनीतिक फैसला लेंगे।
By Test1 Test1Edited By: Updated: Tue, 21 Jun 2016 02:50 PM (IST)
चंडीगढ़ (अनुराग अग्रवाल)। हरियाणा से बाहर रहकर भी जाट आंदोलन का नेतृत्व संभालने वाले अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक को सरकार द्वारा आंदोलनकारियों से किए सभी वादे पूरे होने का भरोसा है।
मलिक ने कहा कि सरकार अपने वादे पर खरा नहीं उतरी तो उत्तर प्रदेश के जाट हरियाणा के जाटों के हित में राजनीतिक फैसला लेंगे। उनका इशारा उत्तरप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की मुखालफत की ओर था। इस दौरान यशपाल मलिक से उनकी अगली रणनीति पर भी बातचीत हुई।
पढ़ें : आरक्षण की आड़ में लड़ी गई कुर्सी की लड़ाई : राजकुमार सैनी 1. सरकार से दो दौर की बातचीत के बाद आंदोलन खत्म हो गया। क्या सहमति बनी?
मलिक : जाट आंदोलनकारियों को रिहा करने और निर्दोष लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने समेत 10 सूत्रीय एजेंडा हमने सरकार को सौंपा। सरकार ने उन्हें निर्धारित समय अवधि में पूरा करने का भरोसा दिलाया है। हमने 31 अगस्त तक का समय दिया गया है। हमें सरकार पर विश्वास है। 2. भरोसे सरकार पहले भी दिलाती रही है। आंदोलनकारियों को रिहा करने से सरकार की साख पर आंच नहीं आएगी? मलिक : हरियाणा का आंदोलन भले ही खत्म हो गया, लेकिन अगले ढाई माह हम उत्तर प्रदेश में जिला स्तर पर बैठकें करेंगे। वहां अभी 125 विधानसभा क्षेत्रों में प्रभारी नियुक्त कर दिए। हरियाणा के लोगों के साथ धोखा हुआ तो उत्तर प्रदेश के जाट उनके हित में राजनीतिक निर्णय ले सकते हैैं। पढें : जाट आऱक्षण : हाईकोर्ट का रोक हटाने से इनकार3. पिछले जाट आंदोलन में 30 लोगों की जानें चली गई और 20 हजार करोड़ का नुकसान हुआ। फिर भी आप दबाव बना रहे? मलिक :जाट समुदाय के लोगों का इसमें कोई रोल नहीं है। असामाजिक तत्वों ने यह नुकसान किया होगा। 600 लोग गिरफ्तार हुए थे। 257 अभी भी जेल में बंद हैैं। 2100 मुकदमे पिछली बार दर्ज हुए। 1000 मुकदमे इस बार किए गए। अधिकतर मुकदमे सरकार ने दबाव बनाने के लिए दर्ज किए थे। जिन मामलों में सबूत नहीं है, उनमें हम जमानत कराएंगे। बाकी मामलों में सरकार एफआइआर करेगी। 4. आप पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज है। आपने गिरफ्तारी से बचने के लिए आंदोलनकारियों की आड़ ली? मलिक : मैैंने कोई गुनाह नहीं किया। यह सरकार भी जानती है। मुझ पर झूठा मुकदमा दर्ज हुआ। यदि मैैं गलत होता तो क्या सरकार मुझसे बात करती। मैैंने जींद में जांच अधिकारी को लिखित में अपना पक्ष दे दिया है। मेरा कोई दोष नहीं है। उम्मीद है कि मुझे राहत मिलेगी। पढ़ें : हरियाणा की राजनीति से संबंधित अन्य ख़बरें पढ़ने के लिए क्लिक करें 5. सरकार ने अन्य जाट व खाप नेताओं से भी बातचीत की। राज्य के जाट नेता आपके विरोध में हैं। क्या आंदोलनकारियों में फूट है? मलिक : सरकारें पिछले 8 सालों से निरंतर ऐसे लोगों से बातें करती आ रही हैैं, जिनका आंदोलन अथवा समाज से कोई लेना देना नहीं है। सरकार को लगता है कि यदि सिंगल लीडरशिप से बात कर ली गई तो उसके हाथ से गेम निकल जाएगी। इसलिए सभी के बंटे हुए होने का भ्रम पैदा किया जाता है। 6. आपको लगता है कि समझौते पर अमल होगा? मलिक : कुछ मांगें अगले 15 दिन में पूरी होंगी और कुछ एक माह के भीतर। सभी मांगें ढाई माह में मानने का भरोसा हमें दिलाया गया। 13 सितंबर को हिसार के मय्यड़ में शहीदी रैली का आयोजन किया जाएगा। वहां भी अपनी शक्ति दिखाएंगे।
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