जाट आंदोलन के दौरान हिंसा की जांच करेगा न्यायिक अायोग
हरियाणा सरकार ने फरवरी में हरियाणा में जाट आंदोलन के दौरान हुई जातीय हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। इस दो सदस्यीय आयोग के प्रमुख जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट अौर राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश्ा जस्टिस एसएन झा होंगे।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 09 Apr 2016 10:49 AM (IST)
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को जाट आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। इस दो सदस्यीय आयोग के प्रमुख जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट अौर राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश्ा जस्टिस (रिटायर्ड) एसएन झा होंगे। आयोग जाट आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के कारण, इसके पीछे सक्रिय तत्वाें अौर नुकसान के बारे में जांच करेगा। आयोग हिंसा में मारे गए और मानवाधिकार के उल्लंघन के बारे में भी जांच करेगा। अायोग को छह माह में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
राजस्थान व जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एसएन झा होंगे आयोग के प्रमुख आयोग के दूसरे सदस्य पूर्व आइएएस अधिकारी एनसी पांधी होंगे। वह भारत सरकार में सुरक्षा सचिव थे। हरियाणा सरकार द्वारा जारी आदेश अनुसार, आयोग हिंसा फैलने के कारणों सहित इसके फैलने के क्रम और हिंसा से जुड़े सभी तथ्यों व परिस्थितियों के बारे में जांच करेगा। आयोग हिंसा के दौरान जन और धन हानि के मामलों की गहराई से जांच करेगा। आयोग जाट आंदोलन के दौरान हिंसा में निजी और सरकारी संपत्ति दोनों के नुकसान का आकलन करेगा। इनमें नहरों , सड़कों, रेलवे स्टेशनोें व रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की भी जांच करेगा। आयेाग पेड़ों को काटने और इसके लिए जिम्मेदार तत्वाें के बारे में भी पड़ताल करेगा। राज्य के रोहतक, झज्जर, सोनीपत, जींद, हिसार, कैथल और भिवानी सहित कई जिलों में जाट आंदोलन के दौरान 18 से 23 फरवरी तक हिंसा फैल गई थी।
आयोग को जांच के दौरान यदि हिंसा फैलाने और प्रदेश सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाने की साजिश का संकेत मिले तो वह उसकी भी पूरी गहराई से जांच करेगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले दिनों विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कहा था कि जाट अांदोलन के दौरान हिंसा की जांच के लिए जरूरत पड़ी न्यायिक आयोग का गठन किया जाएगा। यह आयोग छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा। आयोग का मुख्यालय चंडीगढ में होगा।
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