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उद्यमियों से मनोहर संवाद, जानें किस उद्यमी ने क्या पूछा CM से सवाल, क्या मिला जवाब

दैनिक जागरण के वेबिनार में उद्यमियों ने सीएम मनोहर लाल से सवाल पूछे। इस दौरान सीएम ने उद्यमियों की शंकाओं को दूर किया।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Mon, 04 May 2020 11:14 AM (IST)
उद्यमियों से मनोहर संवाद, जानें किस उद्यमी ने क्या पूछा CM से सवाल, क्या मिला जवाब
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य के प्रमुख उद्यमियों के माध्यम से प्रदेशवासियों को बड़ा संदेश दिया है। दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर सख्ती को लेकर तमाम उद्यमियों के सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां कोरोना कैरियर के आने का डर है वहां निडर नहीं रहा जा सकता। कोरोना से बचना ही इसका इलाज है। उन्होंने उद्योगों की सप्लाई चेन जल्द जुड़ने का भरोसा भी दिलाया।

दैनिक जागरण के वेबिनार में उन्होंने उद्यमियों को बताया कि राज्य सरकार हर हाल में आर्थिक गतिविधियां शुरू करना चाहती है। इसके लिए सरकार की ओर से प्रयास भी दूसरे लॉकडाउन की शुरूआत से ही जारी कर दिए थे। काफी हद तक इसमें सरकार को सफलता मिल रही है मगर कोरोना संकट से निबटने के लिए उद्यमियों से लेकर आम जन सभी को मिलकर एक सामान्य माहौल बनाने में जुटना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मुश्किल समय में सभी लोग सरकार का साथ दें। मनोहर लाल ने उद्यमियों की इस चिंता को भी दूर किया कि सप्लाई चेन टूटने के कारण उनकी इंडस्ट्री शुरू नहीं हो पा रही है। सीएम ने कहा कि सप्लाई चेन की कड़ियों को भी जल्द जोड़ा जा रहा है। सरकार ने हरसंभव प्रयास शुरू कर दिए हैं।

न रोहतक का न करनाल का, मैं हूं हरियाणा का

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उद्यमियों से बातचीत में छोटी-छोटी बातों से बड़ा संदेश भी दिया। मुख्यमंत्री के साथ वेबिनार में जब करनाल से लिबर्टी ग्रुप के एमडी शम्मी बंसल और ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय सेतिया जुड़े तो यह भी कहा गया कि ये दोनों उद्यमी मुख्यमंत्री के गृह जिले से हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने बेशक कोई टिप्पणी नहीं की। हालांकि इसके बाद रोहतक से एलपीएस बोसार्ड के एमडी राजेश जैन की बारी आई तो उन्होंने अपने सवाल के बाद सीधे मुख्यमंत्री से यह भी पूछ लिया कि आप करनाल से हो या फिर रोहतक से। मुख्यमंत्री का पैतृक निवास रोहतक जिले में है। हाजिर जवाबी के तहत मुख्यमंत्री ने राजेश जैन से कहा कि वे करनाल-रोहतक नहीं बल्कि हरियाणा के हैं। मुख्यमंत्री के इस अंदाज की वेबिनार में जुड़े उद्यमियों ने काफी सराहा।

कारण बताओ नोटिस की चिंता न करें उद्यमी, जल्द खुलेंगे बड़े शोरूम

आइडी गांधी, चेयरमैन अंबाला चैप्टर, हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री

सवाल - मुख्यमंत्री जी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जीएसटी प्राधिकरण की ओर से औद्योगिक इकाइयों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। लॉकडाउन के चलते इनका जवाब दे पाना संभव नहीं था। इसलिए खुद ही इन नोटिसों के जवाब देने की समय सीमा आगे बढ़ जानी चाहिए। इसके अलावा विदेशी उद्यमियों के लिए विशेष पॉलिसी बनाई जाए ताकि हरियाणा निवेश के लिए उनकी पहली पसंद बन सके। बड़े शोरूमों को खोलने पर भी विचार किया जाना चाहिए।

जवाब - देखिये, हमने पहले ही लॉकडाउन अवधि को जीरो पीरियड मानते हुए ऋण या बिलों के भुगतान और नोटिसों का जवाब देने की समय सीमा को 30 जून तक बढ़ाया हुआ है। अगर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड या जीएसटी प्राधिकरण द्वारा नोटिस भेजे जा रहे हैं तो आज ही हमारे अफसर उनसे बात कर समाधान निकालेंगे। रही बात विदेशी निवेशकों को आकॢषत करने के लिए विशेष योजना बनाने की तो हमने इसके लिए प्रधान सचिव एके सिंह की अगुवाई में कमेटी बनाई है। यह कमेटी विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए काम करेगी और उम्मीद है कि जल्द ही प्रतिफल मिलेगा। जहां तक बाजार में शोरूम खोलने का सवाल है, एकांत जगह पर बने कम कर्मचारियों वाले छोटे शोरूम को खोलने की व्यवस्था हमने की है। बाजार में बड़े शोरूम खोलने पर फैसला केंद्र सरकार ही करेगी। पूरी संभावना है कि स्थिति नियंत्रण में आते ही बड़े शोरूम भी जल्द ही खोल दिए जाएंगे।

बैंक से लोन लें, छह महीने तक ब्याज देगी सरकार

- शम्मी बंसल, एमडी, लिबर्टी ग्रुप, करनाल

सवाल -  मुख्यमंत्री जी, इस समय फैक्ट्रियों में नकदी का संकट है। हम चाहते हैं कि यहां काम करने वालों को वेतन पूरा देने की जगह, कुछ हिस्से में दें। जैसे ही स्थितियां सामान्य होंगी, कंपनियां और फैक्ट्री अपने लक्ष्य को हासिल करेंगी, उसी के साथ ही पिछला वेतन भी देते जाएंगे। ऋण लिया हुआ है, उसका ब्याज और किस्त छह महीने तक न लिया जाए। 18 महीने के बाद छोटी किस्तों में इसे रिकवर करें। तीसरी बड़ी समस्या यह है कि इस समय बिजली के बिलों का भुगतान करना मुश्किल है। फिक्स चार्ज को हटाया जाए। जितनी रीडिंग हो, उसी आधार पर सभी बिजली बिल भर सकते हैं। इस समय फैक्ट्री को ओवरटाइम भी चलाना पड़ सकता है। लेबर भी नहीं है। जो हैं, उन्हेंं लाना और ले जाना एक तरह से चुनौती है। ओवरटाइम का जो चार्ज है, वो दोगुना न हो।

जवाब - देखिये, 20 हजार रुपये प्रति वर्कर आप बैंक से लोन ले सकते हैं। इसकी व्यवस्था हमने कर दी है। यह आदेश सरकार ने हाल ही में जारी किए हैं। छह महीने तक इसके ब्याज का भुगतान हरियाणा सरकार करेगी। यह राशि करीब ढ़ाई सौ करोड़ रुपये बनती है। अगर उद्यमी यह चाहें कि सरकार सब्सिडी दे तो यह संभव नहीं हो सकेगा, क्योंकि कोरोना काल में खर्च बहुत हो रहा है। आय के साधन बंद पड़े हैं। हर माह 12 हजार करोड़ रुपये का खर्च है सरकार का। ऋण पर फैसला केंद्र सरकार और आरबीआइ करेगी। फिक्स चार्ज का जहां तक मामला है, इसे देखना पड़ेगा। मैं अधिकारियों से बात करता हूं। अगर इसे हटाते हैं तो ऐसा न हो कि कहीं ज्यादा बिल आ जाएं। इस पहलू पर भी बात करेंगे। ओवरटाइम चार्ज के मामले का जल्द समाधान करेंगे।

सभी एक्सपोर्ट हाउस और फैक्ट्रियों में शुरू होगा काम

- ललित गोयल, प्रधान, दि पानीपत एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, पानीपत

सवाल - पानीपत में टेक्सटाइल की बड़ी इंडस्ट्री हैं। हम यूरोपीय देशों में उत्पाद भेजते हैं। यहां पर जो एक्सपोर्ट हाउस हैं, सभी गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। यहां तक कि सुरक्षा के नियमों का पालन हो रहा है या नहीं, इस पर भी रोज वीडियो बना रहे हैं। इस समय कारीगरों और लेबर को रोकना बहुत जरूरी है। लेबर अपने घर के बजाय एक्सपोर्ट हाउस में ज्यादा सुरक्षित है। हम उन्हेंं यहां पर ठहराकर भी काम करा सकते हैं। उनके खाने, रहने की समस्या दूर हो जाएगी। इंडस्ट्री पूरी तरह से खुलेगी तो रोजगार बढ़ेगा। एक बार रोजगार मिलना शुरू हो गया तो लोग अपने घरों की ओर जाना बंद करेंगे। अभी केवल पचास फीसद कर्मचारियों को ही काम करने की अनुमति मिल रही है। यह संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। अलग-अलग शिफ्ट में भी फैक्ट्री चला सकते हैं।

जवाब - पानीपत में एक दिन पहले ही कोरोना वायरस के आठ से ज्यादा केस आए हैं। अब इनकी संख्या बढ़ रही है। जहां तक मुझे लग रहा है, यह रेड जोन का मामला बनता जा रहा है। हमारी ऐसी कामना है कि पानीपत ग्रीन अथवा ऑरेंज जोन में आए। हमें आपकी सुरक्षा की सबसे पहले चिंता है। हम ये भी चाहते हैं कि सभी फैक्ट्रियां खुलें। लोगों को रोजगार मिले। इसके लिए गाइडलाइन भी बनाई गई हैं। आप उसी के अनुरूप आवेदन करें और कराएं। धीरे-धीरे स्थितियां सामान्य होंगी। सभी एक्सपोर्ट हाउस और फैक्ट्रियों में काम शुरू हो जाएगा। आप निश्चिंत रहें। इसकी चिंता करने के लिए सरकार बैठी है। आपको कोई तकलीफ नहीं होने देंगे।

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