मनोहर ने सुशासन सहयोगियों से साझा की मोदी की सीख
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सुशासन सहयोगियों से अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती। किसी भी उम्र में सीखा जा सकता है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि सीखने और विचार साझा करने की कोई आयु सीमा नहीं होती। वर्ष 1996 में उन्होंने नरेंद्र मोदी के सुझाव पर कंप्यूटर का प्रयोग करना सीखा था। लाल ने याद किया कि मुख्यमंत्री के रूप में अपने शुरुआती दिनों में अपनी नई भूमिका, उत्तरदायित्व और वातावरण में समायोजन का उन्होंने बखूबी प्रयास किया। ऐसा ही प्रयास सुशासन सहयोगियों को करना चाहिए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल रविवार को सुशासन सहयोगियों के फील्ड में उतरने से पहले उनके साथ संवाद कर रहे थे। मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि इन एसोसिएट्स की कार्यप्रणाली की नियमित रूप से निगरानी की जाएगी। मुख्यमंत्री महीने में एक बार उनसे भेंट करेंगे। उन्होंने कहा कि एक पोर्टल स्थापित किया जा रहा है ताकि एसोसिएट्स सीधे मुख्यमंत्री को फीडबैक दे सकें।
पढ़ें : हरियाणा को दस लाख फर्जी लोग लगा रहे थे 445 करोड़ की चपतमुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन सहयोगी न केवल पहले से चल रही योजनाओं के क्रियान्वयन में उसमें आ रही बाधाओं की जानकारी देंगे तथा नई योजनाओं और नीतियों के क्रियान्वयन में अपनी राय देंगे। उनके कार्यकाल को एक वर्ष से अधिक बढ़ाया जा सकता है। उनके अच्छे कार्य को पेपर के रूप में संग्रहीत किया जाएगा और पत्रिका में प्रकाशित किया जाएगा।