हरियाणा कैबिनेट के फैसले : गेस्ट टीचरों की बड़ी राहत, मेहंदी वैट मुक्त
हरियाणा कैबिनेट की बैठक में बुधवार काे कई अहम निर्णय किए गए। सरकार ने राज्य में पारंपरिक मेहंदी को वैट मुक्त कर दिया।गेस्ट टीचरों की मृत्यु पर उनके परिवार को तीन लाख रुपये मिलेंगे।
चंडीगढ़, [वेब डेस्क]। हरियाणा सरकार ने बुधवार को कई महत्वपूर्ण फैसला किया। मुख्यमंत्री मनोहरलाल की अध्यक्षता में बुधवार काे हुई कैबिनेट की बैठक में गेस्ट टीचरों काे निधन पर उनके परिवार को आर्थिक सहायता देने, विधानसभा का मानसून सत्र 19 अगस्त से बुलाने सहित कई निर्णय किए गए। इसके साथ ही कैबिनेट ने पारंपरिक मेहंदी उद्योग को बडी राहत दी है। सरकार ने हरी मेहंदी के पत्तों और उसके पाउडर की बिक्री पर वैट से छूट प्रदान की है। अब इस पर कोई वैट नहीं लगेगा। इसके साथ ही सुनपेड मामले में पीड़ित जितेंद्र को सरकारी नौकरी का फैसला किया गया है।
अब तक हरियाणा में पारंपरिक मेहंदी पर वैट की दर पांच प्रतिशत थी। पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में पारंपरिक मेहंदी की बिक्री पर वैट नहीं लगता है। वैट में छूट दिए जाने से राज्य का पारंपरिक मेहंदी उद्योग पड़ोसी राज्यों के डीलरों से प्रतिस्पर्धा कर सकेगा। हरियाणा में फरीदाबाद जिला मेहंदी का मुख्य व्यापार केंद्र है। इस छूट से सरकारी खजाने को लगभग 50 लाख रुपये का घाटा होगा। बहरहाल, राज्य में काली मेहंदी और हर्बल मेहंदी पर 12.5 प्रतिशत की दर से वैट जारी रहेगा।
सरकार ने हरियाणा राज्य विधानसभा (अयोग्यता की रोकथाम) अधिनियम, 1974 में राजकीय मुख्य सचेतक तथा नेता प्रतिपक्ष के कार्यालयों को जोडऩे के लिए इसमें संशोधन करने का निर्णय लिया है।
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गेस्ट टीचरों को बड़ी राहत हरियाणा सरकार ने राज्य द्वारा संचालित स्कूलों में कार्यरत गेस्ट टीचर्स को बड़ी राहत दी है। कैबिनेट ने निर्णय किया कि गेस्ट टीचर की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को अनुकंपा के आधार पर वित्तीय मदद दी जाएगी। सरकार ने गेस्ट टीचरों काे अनुबंध आधार पर कार्यरत व्यक्तियों सहित तदर्थ, दैनिक मजदूरी, अनुबंध आधार पर सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों कार्यरत व्यक्तियों के लिए लागू नीति में शामिल करने का फैसला किया है। इससे राजकीय स्कूलों में नियुक्त गेस्ट टीचर की मृत्यु हो जाने पर उसके परिवार को तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।सुनपेड निवासी जितेंद्र को सरकारी नौकरी बैठक में फरीदाबाद के गांव सुनपेड निवासी जितेंद्र कुमार को सरकारी नौकरी देने का निर्णय किया गया। उसके के दो बच्चों की 2015 में अप्राकृतिक कारणों से मौत हो गई थी। जितेंद्र कुमार की शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक है। उसे नौकरी प्रदान करने का मामला सरकार की नीति के तहत नहीं आता था, इसलिए मंत्रिमंडल ने एक विशेष मामले के तौर पर उसे नौकरी देने का निर्णय किया है।