ओलंपिक में हार, बॉक्सर मनोज ने ठहराया सिस्टम को जिम्मेदार
ओलंपिक में मिली हार से हताश बॉक्सर ने अपनी नाकामी के लिए भारतीय सिस्टम को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने देश के नाम एक संदेश भेजा है। पढ़ें क्या है वो संदेश।
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sat, 20 Aug 2016 01:06 PM (IST)
कैथल, [पंकज आत्रेय़़]। रियो ओलंपिक में अपनी हार से हताश कैथल के बॉक्सर मनोज कुमार ने देश की व्यवस्था पर ठीकरा फोड़ा है। उनका कहना है कि यहां ओलंपिक के बाद खिलाडिय़ों को कोई पूछेगा तक नहीं। उनकी वैल्यू जीरो हो जाएगी।
उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वेबसाइट का लिंक शेयर किया है। इसमें मनोज ने लिखा है कि उनका देश के नाम संदेश। इसी वेबसाइट का लिंक उनके कोच और बड़े भाई राजेश कुमार ने अपने फेसबुक पर भी शेयर किया है। मनोज ने देश के नाम अपने शिकायतनुमा संदेश में कोच राजेश को द्रोणाचार्य अवार्ड नहीं दिए जाने का भी मलाल जताया है।मनोज का ट्वीट
My msg 4 my country. https://t.co/Z47Gv1Ckp5 @PMOIndia
— Boxer Manoj Kumar (@BoxerManojkr) August 18, 2016
पढ़ें : बॉक्सर मनोज के परिवार को गांव के दबंगों ने दी धमकी, घर की बिजली भी काटी मनोज ने इस संदेश में लिखा है कि उन्हें दुख है कि ओलंपिक में देश के लिए मेडल नहीं जीत सके। उन्होंने अपना श्रेष्ठ देने की कोशिश की और पिछले चार सालों में विपरीत परिस्थितयों में जी तोड़ मेहनत की और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया।
वह भी ऐसे समय में जब पिछले चार साल से उनके पास कोई स्पॉन्सरशिप नहीं थी और न ही सरकार की ओर से कोई सहायता मिली थी। जब हम देश के लिए मेडल नहीं जीत पाते तो बहुत दु:ख होता है। खेल के मैदान में कोई हारना नहीं चाहता हर कोई जीतना चाहता है, लेकिन हार-जीत खेल का हिस्सा हैं।पढ़ें : दुआओं की 'साक्षी' पर अब लक्ष्मी भी होंगी मेहरबान खिलाडिय़ों को दोष देना गलतमनोज का कहना है कि यदि हमारे देश के ओलंपिक में मेडल नहीं आते तो खिलाडिय़ों को दोष देना गलत होगा। देश के खिलाडिय़ों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं हैं। वे विश्व के श्रेष्ठ खिलाडिय़ों के साथ कम्पीटिशन करके ओलंपिक तक पहुंचते हैं। ये भी कम उपलब्धि नहीं है, लेकिन एक खिलाड़ी की हार के पीछे बहुत सारी परिस्थितियां होती हैं।किसी खिलाड़ी के पास जॉब नहीं होती, कभी स्पॉन्सरशिप नहीं होती, कभी प्रमोशन की समस्या, कभी परिवार को लेकर समस्याएं, यहां तक कई बार तो खिलाड़ी के पास ट्रेङ्क्षनग और डाइट के लिए भी पैसे नहीं होते। ऐसे में आप कैसे एक खिलाड़ी को जिम्मेदार ठहरा सकते हो। उन्होंने कहा कि हमारे सिस्टम में एक बहुत बड़ी खामी है कि हमारी सरकार मेडल जीतने के बाद तो खिलाड़ी को बहुत कुछ देती है, लेकिन उससे पहले खिलाड़ी को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करने का ख्याल कोई नहीं रखता।पढ़ें : कुश्ती की 'सुल्तान' बनी साक्षी, मेडल ही नहीं देश का दिल भी जीता पीएम से मिलकर भ्रष्टाचार दूर करना मकसदमनोज ने लिखा है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दस मिनट का समय चाहते हैं, ताकि खेलों व खिलाडिय़ों की समस्यायों से उनको अवगत करा सकें। उन्होंने और उनके कोच राजेश कुमार ने वर्ष 2014 में 15 सूत्रों का एक स्पोट््र्स ड्राफ्ट खेलमंत्री को दिया था, लेकिन उस पर कोई अमल नहीं हो पाया।उन्होंने कहा कि यदि हमें खेलों की दुनिया में देश को ऊपर उठाना है तो हमें भ्रष्टाचार की बेडिय़ों से खेलों को बाहर निकलना होगा और उसी के लिए प्रधानमंत्री से मिलना है।पढ़ें : पढ़ें : हरियाणा के 'शेर' बॉक्सर मनोज ने जीता मुकाबला, प्री-क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह
कोच राजेश द्रोणाचार्य अवार्ड के हकदारमनोज ने अपने कोच व बड़े भाई राजेश को द्रोणाचार्य अवार्ड नहीं देने का भी मलाल जताया। उन्होंने कहा कि वे ओलंपिक में मेडल नहीं जीत पाए, जिसका उन्हें अफसोस है। उन्होंने कहा कि अभी बहुत संघर्ष और बहुत-सी लड़ाइयां बाकि हैं।मनोज ने लिखा है कि उनके कोच जो 2010 से द्रोणाचार्य के हकदार हैं, उनके लिए भी उन्हें लडऩा होगा। वे जानते हैं कि यह सब कहने के बाद उनके सामने और मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी, लेकिन खेलों, खिलाडिय़ों और बॉक्सिंग को बचाने के लिए जो भी करना पड़े वे करेंगे।हरियाणा की ताजा और बड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।कोच राजेश द्रोणाचार्य अवार्ड के हकदारमनोज ने अपने कोच व बड़े भाई राजेश को द्रोणाचार्य अवार्ड नहीं देने का भी मलाल जताया। उन्होंने कहा कि वे ओलंपिक में मेडल नहीं जीत पाए, जिसका उन्हें अफसोस है। उन्होंने कहा कि अभी बहुत संघर्ष और बहुत-सी लड़ाइयां बाकि हैं।मनोज ने लिखा है कि उनके कोच जो 2010 से द्रोणाचार्य के हकदार हैं, उनके लिए भी उन्हें लडऩा होगा। वे जानते हैं कि यह सब कहने के बाद उनके सामने और मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी, लेकिन खेलों, खिलाडिय़ों और बॉक्सिंग को बचाने के लिए जो भी करना पड़े वे करेंगे।हरियाणा की ताजा और बड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें