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नहीं टलेगी 29-30 की हड़ताल, बिजली कर्मचारियों की सरकार से वार्ता फेल

हरियाणा सरकार और बिजली कर्मचारियों के बीच साढ़े चार घंटे तक चली मैराथन बैठक बेनतीजा रही। सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही तो दूसरी ओर कर्मचारी अपनी मांगों पर।

By Test1 Test1Edited By: Updated: Tue, 28 Jun 2016 10:42 AM (IST)
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा सरकार और बिजली कर्मचारियों के बीच साढ़े चार घंटे तक चली मैराथन बैठक बेनतीजा रही। सरकार अपने फैसले पर अड़ी रही तो दूसरी ओर कर्मचारी अपनी मांगों पर। जब रात सवा दस बजे तक चली बातचीत में भी कोई नतीजा नहीं निकला तो बिजली कर्मचारियों ने 29 व 30 जून की हड़ताल को पहले की तरह जारी रखने का ऐलान कर दिया।

प्रदेश सरकार राज्य के 23 सब डिविजन को निजी हाथों में सौंपने के अपने फैसले को वापस लेने पर राजी नहीं हुई। सरकार ने प्रस्ताव दिया कि भविष्य में बाकी सब डिविजन को निजी हाथों में नहीं सौंपा जाएगा, लेकिन कर्मचारी इस प्रस्ताव को मानने को राजी नहीं हुए और पूर्व में निजी सेक्टर को दिए गए 23 सब डिविजन का काम वापस लेने का दबाव सरकार पर बनाया।

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कर्मचारी नेता देवेंद्र हुड्डा और सुभाष लांबा ने कहा कि बातचीत की प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है और इसे आगे भी जारी रखा जा सकता है। बिजली कर्मचारियों ने सरकार को प्रस्ताव दिया कि एक सब डिविजन बिजली कर्मचारियों को और एक सब डिविजन निजी सेक्टर को देकर कंपीटीशन करा लिया जाए। यदि निजी सेक्टर की सेवाएं बेहतर हुई तो सभी सब डिविजन का काम निजी सेक्टर को सौंपा जा सकता है, लेकिन सरकार इस पर भी तैयार नहीं हुई।

प्रदेश सरकार की ओर से वार्ता में राज्य के परिवहन मंत्री कृष्णलाल पंवार, मुख्य सचिव डीएस ढेसी और बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजन गुप्ता शामिल हुए, जबकि बिजली कर्मचारियों की ओर से हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी (पावर) के नेता कवंर सिंह यादव, देवेंद्र सिंह हुड्डा, सुभाष लांबा, बालकुमार शर्मा, नरेश कुमार व वेदप्रकाश शर्मा ने भागीदारी की।

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ये है कर्मचारियों की मांगें

-23 सब-डिवीजन को निजी कंपनियों को सौंपने का फैसला वापस लिया जाए
-सभी कच्चे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से ही नियमित किया जाए
-नियमित होने तक समान काम-समान वेतन की नीति लागू हो
-नए थर्मल प्लांट लगाए जाएं और 1995 की रोजगार नीति बहाल हो
-निगमों में खाली पड़े सभी पदों पर जल्द से जल्द भर्ती की जाए

आंदोलन किसी समस्या का हल नहीं :सीएम

वहीं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बातचीत फेल होने के बाद कहा कि आंदोलन किसी समस्या का हल नहीं होता। सरकार कर्मचारियों से बातचीत के लिए हर समय तैयार है। उनकी उचित मांगों का शीघ्र निपटान किया जाएगा।

उन्होंने अधिकारियों प्रदेश में निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए, ताकि हड़ताल के दौरान लोगों को कोई असुविधा न हो। साथ ही कहा कि बिजली आपूर्ति प्रणाली में व्यवधान डालने का प्रयास करने वाले शरारती तत्वों से सख्ती से निपटा जाएग।

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