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हरियाणा में 6,000 कैदियों की रिहाई की तैयारी, घर-घर जाकर कोरोना मरीजों को तलाशेंगी 8,000 टीमें

हरियाणा में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। गांवों में संक्रमण फैलने लगा है। वहीं हरियाणा के बिजली व जेल मंत्री रंजीत सिंह ने कहा कि 6000 ऐसे कैदियों की रिहाई पर विचार चल रहा है जो विचाराधीन हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sun, 09 May 2021 08:49 AM (IST)
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हरियाणा में विचाराधीन कैदियों की रिहाई की तैयारी। सांकेतिक फोटो
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा में कोरोना की दूसरी लहर कोविड संक्रमितों का आंकड़ा रोज नए रिकार्ड को छू रहा है। दिल्ली से सटे जिलों में तो स्थिति भयावह है। हरियाणा में कोविड-19 की दूसरी लहर को देखते हुए राज्य की जेलों में बंद करीब छह हजार कैदियों को घर भेजने की तैयारी है।

बिजली व जेल मंत्री रंजीत सिंह ने बताया कि हरियाणा के छह हजार ऐसे कैदी हैं जो विभिन्न जेलों में बंद विचाराधाीन हैं। उनके बारे में उन्होंने सरकार व पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश व हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजन गुप्ता तथा हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की हाई पावर्ड कमेटी को लिखा है।

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उन्होंने बताया कि न्यायमूर्ति राजन गुप्ता तथा हरियाणा सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों एसीएस होम राजीव अरोड़ा व डीजीपी जेल शत्रुजीत कपूर की कमेटी अगले दो तीन दिनों में इस पर निर्णय ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत इन कैदियों को घर भेजा जाएगा।

गांवों में घर-घर जाकर कोरोना मरीज तलाशेंगी आठ हजार टीमें

वहीं, शहरों के बाद अब हरिया गांवों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना संक्रमण पर प्रदेश सरकार अलर्ट हो गई है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्थिति से निपटने के लिए गांवों में 'टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट' की रणनीति पर चलते हुए प्रशिक्षु चिकित्सकों की अगुवाई में आठ हजार टीमें गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह टीमें घर-घर जाकर लोगों की जांच करेंगी। मामूली लक्षण वाले मरीजों का गांव में ही स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज किया जाएगा।

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गंभीर मरीजों को शहरों में स्थित कोविड अस्पतालों में भर्ती कराया जाएगा। स्वास्थ्य और पंचायत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को सीएम के सामने घर-घर जांच कराने की योजना की प्रेजेंटेशन भी दी। प्रदेश के गांवों में करीब 40 लाख घर हैं। प्रत्येक टीम करीब 500 घरों में जाकर लोगों की जांच करेगी। इस दौरान कोरोना जांच के साथ ही दूसरे टेस्ट भी किए जाएंगे। सीएम ने समीक्षा बैठक में कहा कि डोर-टू-डोर स्क्री¨नग कैंप आयोजित करने के लिए विशेष टीमें बनाई जाएं।

धर्मशालाओं, सरकारी स्कूलों और आयुष केंद्रों को आइसोलेशन केंद्रों में तब्दील किया जाना चाहिए। सीएम ने कहा कि ग्रामीणों के लिए विशेष जागरुकता-सह-परामर्श अभियान शुरू किया जाए। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों, आशा वर्कर्स और प्रत्येक गांव के पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों को मिलकर लोगों को स्क्री¨नग कैंप में जांच कराने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। ट्रेनी डाक्टर की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग, आशा और आंगनबाड़ी वर्कर्स सहित अन्य कर्मचारी हर परिवार की जांच करते हुए उनके आक्सीजन और तापमान के स्तर की रिकार्डिंग करेंगे।

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किसी व्यक्ति में बुखार, सर्दी और खांसी जैसे लक्षण मिले तो उसे तुरंत होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि स्क्रीनिंग कैंपों के जरिये अधिकारी सुनिश्चित करें कि हर घर के प्रत्येक सदस्य को 'टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट' किया जा सके। जन प्रतिनिधियों की मदद से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता अभियान शुरू किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में धर्मशालाओं और सरकारी स्कूलों को आइसोलेशन केंद्रों में परिवर्तित करने की संभावना का जल्द से जल्द पता लगाया जाए। अगर कोविड केयर केंद्रों और अस्पताल में मरीज बढ़ते हैं तो धर्मशालाओं व सरकारी स्कूलों, जहां कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हों, का उपयोग किया जा सकता है। इससे हर मरीज को आवश्यक चिकित्सा सुविधा मिल सकेगी।

पत्रकारों के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान

संकट की इस घड़ी में पत्रकारों द्वारा समर्पित रूप से दी जा रही सेवाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के सभी मीडियाकर्मियों के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू करने की घोषणा की है। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा कि प्रत्येक मीडियाकर्मी को कोविड-19 से बचाव के टीके लगाए जाएं। टीकाकरण के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां जिलों में स्थापित मीडिया केंद्रों पर की जाएंगी।

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