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स्‍थानीय निकाय चुनाव में भी पंचायत वाली योग्यता लागू

हरियाणा सरकार ने स्‍थानीय निकाय चुनाव के लिए शैक्षणिक योग्‍यता तय कर दी है। इसके साथ अन्‍य शर्तें भी निर्धारित कर दी गई हैं। हरियाणा कैबिनेट की मंगलवार शाम को हुई बैठक में यह फैसला किया गया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Wed, 30 Dec 2015 09:32 AM (IST)
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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के शहरी निकाय चुनावों में भी पंचायत चुनाव की तरह शैक्षणिक योग्यता लागू कर दी गई है। प्रदेश सरकार पंचायत चुनाव से दो क्लास आगे बढ़कर निकाय चुनाव में शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास करना चाह रही थी, लेकिन तकनीकी कारणों से इस पर सहमति नहीं बन पाई।

12वीं पास पर नहीं बनी सहमति, 10वीं पास के चुनाव लडऩे पर लगी मुहर

मंत्रिमंडल की बैठक में यह एजेंडा पेश करने से पहले ही सीएमओ में बढ़ी शैक्षणिक योग्यता का प्रस्ताव बदलकर 10वीं कर दिया गया था। करीब तीन दशक पहले तक राज्य में 12वीं की डिग्री का सिस्टम नहीं था। तब प्रैप हुआ करती थी। सीएमओ में चर्चा हुई कि 12वीं योग्यता लागू करने के बाद इसकी डिग्र्री का चक्कर पड़ सकता है। लिहाजा तुरंत नया एजेंडा बनाया गया और शैक्षणिक योग्यता 10वीं करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में रखा गया।

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पंचायत चुनाव में निर्धारित सभी पुरानी शर्तें रहेंगी लागू, हाउस टैक्स क्लीयर करने की नई शर्त जोड़ी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में निकाय चुनाव लडऩे की शैक्षणिक योग्यता निर्धारित करने पर काफी देर तक मंथन हुआ। पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास है। लिहाजा निकाय चुनाव में भी इसी पर सहमति बन गई है।

हरियाणा कैबिनेट की बैठक का दृश्य।

बैठक में हरियाणा नगर निगम अधिनियम 1994 की धारा 8 और हरियाणा नगर पालिका अधिनियम 1973 की धारा 13-क में संशोधन कर निकाय चुनाव में शैक्षिणक योग्यता तय करने को मंजूरी दे दी गई है। बैठक में चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार के लिए हाउस टैक्स क्लीयरेंस की नई शर्त जोड़ी गई है। बाकी सभी शर्तें पंचायत चुनाव वाली होंगी।

यह होंगी निकाय चुनाव लडऩे के लिए शर्तें

- नगर पालिका, नगर परिषद और निगम का चुनाव लडऩे के लिए 10वीं पास जरूरी।
- महिला एवं अनुसूचित जाति पुरुष के लिए 8वीं पास जरूरी।
- अनुसूचित जाति की महिला के लिए 5वीं पास जरूरी।
- बिजली के बकाया बिलों का भुगतान जरूरी।

- सहकारी बैैंक के कर्जों का भुगतान जरूरी।
- ऐसे अपराधी जो 10 साल से अधिक सजा वाले अपराधों में संलिप्त हैं।
- हाउस टैक्स का बकाया नहीं होना चाहिए।
- घर पर शौचालय होने का स्व प्रमाणित शपथपत्र देना होगा।
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यह दिया था शहरी निकाय विभाग ने प्रस्ताव

शहरी निकाय विभाग ने निकाय चुनाव में सामान्य उम्मीदवार के लिए 12वीं पास, अनुसूचित जाति व महिला के लिए 10वीं पास तथा अनुसूचित जाति की महिला के लिए 8वीं पास होने का प्रस्ताव दिया था, जिसे बदल दिया गया है।

संशोधन विधेयक के जरिए होगा एक्ट में बदलाव

मंत्रिमंडल की बैठक में निकाय चुनाव के लिए शैक्षणिक योग्यता तय कर दी गई है, लेकिन इसके लिए राज्य सरकार संशोधन विधेयक लेकर आएगी। पंचायत चुनाव की प्रक्रिया 24 जनवरी को पूरी हो जाएगी। तब तक विधानसभा का कोई सत्र भी नहीं है। बजट सत्र भी फरवरी के अंत में आएगा। राज्य सरकार चूंकि पंचायत के तुरंत बाद निकाय चुनाव कराने की संभावनाएं तलाश कर रही है। इसलिए संशोधन विधेयक लाया जाना तय है।

अदालत में चुनौती दी गई तो काम आएगा पुराना फैसला

हरियाणा सरकार का निकाय चुनाव में शैक्षणिक योग्यता 10वीं करने का फैसला कूटनीतिक है। जैसा कि संभावना है, यदि इस फैसले को पंचायत चुनाव में शैक्षणिक योग्यता के फैसले की तरह हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो सरकार अपने पुराने स्टैैंड पर कायम रहते हुए अदालत में पुरानी दलीलों के जरिए खड़ी नजर आएगी। अदालत में सरकार सुप्रीम कोर्ट के पंचायत चुनाव के संदर्भ में दिए गए फैसले को आधार बनाकर मजबूती से लड़ सकती है।

पहले से लगी आचार संहिता में निकाय चुनाव संभव

हरियाणा सरकार पंचायत के तुरंत बाद निकाय चुनाव कराने पर विचार कर रही है। फरीदाबाद व सोनीपत नगर निगम समेत 43 शहरी निकायों के चुनाव लंबित हैं। सोनीपत हाल-फिलहाल नगर निगम बना है। फरीदाबाद की वार्डबंदी पूरी नहीं हो पाई है।

लिहाजा चुनाव आयोग को 41 शहरी निकायों के लंबित चुनाव का शेड्यूल जारी करने को कहा जा सकता है। पंचायत चुनाव की वजह से लगी आचार संहिता 15 फरवरी तक जारी रहेगी। बार-बार आचार संहिता की वजह से विकास कार्य भी प्रभावित होते हैैं। ऐसे में पंचायत चुनाव के तुरंत बाद लंबित निकाय चुनाव कराए जा सकते हैैं।

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