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हरियाणा में झमाझम बारिश से भरेगा अन्न भंडार

हरियाणा के विभिन्न जिलों में शुक्रवार रात से अब तक रूक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों के चेहरे खिल गए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Sun, 03 Jul 2016 11:48 AM (IST)
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जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में शुक्रवार रात से अब तक रूक-रुक कर हो रही बारिश से किसानों के चेहरे चमक उठे हैं। हालांकि ड्रेनेज सिस्टम लड़खड़ाने से लोगों को आवाजाही में दिक्कत आ रही है। कई स्थानों पर लोगों के घरों में भी पानी भर गया है।

करनाल जिले में मानसून के आते ही शुरूआती चरण में 24 घंटे के अंदर करीब 65 एमएम बरसात दर्ज की गई है। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मौसम विभाग ने आने वाले भारी बरसात की संभावना जताई है। मानसून के शुरूआती चरण ने जनस्वास्थ्य विभाग के दावों की पोल खोल कर रख दी है। शहर में जहां सभी सीवरेज व नालों की सफाई करने का दावा किया रहा था, बरसात आने के बाद शहर की मुख्य सड़कें भी पानी से लबालब दिखाई दी। घंटाघर चौक व बस स्टैंड के समीप दुकानों में पानी घुस गया। मानसून का आगाज इस बार बहुत अच्छा रहा है।

सिरसा में भारी बारिश के कारण कागदाना में बने मुर्गी फार्म की छत गिर गई। इसके कारण 4000 चूजे मर गए। राहत दल मौके पर पहुंच गया है।

वहीं, हिसार में शनिवार शाम तक 63.8 एमएम बारिश दर्ज की गई। उसके बाद भी शनिवार रात से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। रोहतक जिले में औसतन 6 एमएम बारिश दर्ज की गई। इससे दिन के तापमान में करीब आठ डिग्री तक गिरावट दर्ज की गई।

भरेंगे धान के भंडार
खरीफ फसल की रोपाई के सीजन में जोरदार बारिश से जल संसाधनों पर दबाव कम होगा। साथ ही खाद्यान्न भंडार भी भरेंगे। हरियाणा में धान की रोपाई का लक्ष्य 12.50 लाख हेक्टेयर रखा गया था। विशेषज्ञों के अनुसार अब धान की रोपाई का रकबा बढ़ सकता है।

लागत भी होगी कम
धान की रोपाई के लिए किसानों को एक एकड़ खेत को भरने के लिए छह लीटर डीजल या फिर छह घंटे बिजली फूंकनी पड़ती थी। अभी 25 फीसद लक्ष्य पर ही रोपाई का कार्य हो पाया है। झमाझम बारिश ने अब किसानों को बचत का तोहफा दिया है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. एसएस सिवाच का कहना है कि बारिश किसानों की फसलों के लिए फायदेमंद है। ऐसा तभी है जब आने वाले एक सप्ताह तक बारिश या बादलवाई बनी रहती है। यदि बारिश के बाद धूप निकलती है और तापमान में बढ़ोतरी होती है तो उसमें सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी।

बिजली खपत में 30 फीसद कमी

हरियाणा अपनी बिजली डिमांड का बड़ा हिस्सा बाहर से खरीदता है। समय पर मानसून सक्रिय होने से बिजली की घरेलू खपत में 30 फीसद तक कमी आई है साथ ही किसानों की डिमांड न के बराबर है। बारिश से पूर्व हिसार सर्कल में करीब 956 मेगावाट बिजली की डिमांड थी और यह अब घटकर 656 मेगावाट रह गई है।
प्रदेश के निगमों को बढ़ी डिमांड को पूरा करने के लिए महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़ती थी और उसे किसानों को रियायती दरों पर देना पड़ता था। किसानों के लिए बारिश राहत लाई है तो घाटे से जूझ रहे बिजली निगमों के लिए कम खुशी नहीं।

अभी और होगी बारिश
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग विभागाध्यक्ष डॉ. राजसिंह के अनुसार मौसम परिवर्तनशील बना रहेगा। ऐसे में बादलवाई और हलकी बारिश आने वाले दिनों में होगी। साथ ही कही कही भारी बारिश भी देखने को मिल सकती है।

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