Bharat Bandh: तस्वीरों में देखें हरियाणा में भारत बंद का असर, सड़कों पर उतरे किसान
हरियाणा में भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। राज्य के ग्रामीण इलाकों में बंद का असर दिखा जबकि महानगरों व औद्योगिक क्षेत्र वाले शहरों में इसका ज्यादा असर नहीं दिखा। आइए तस्वीरों में देखते हैं बंद का क्या रहा असर...
By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Tue, 08 Dec 2020 02:24 PM (IST)
जेएनएन, चंडीगढ़। कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ विभिन्न किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का हरियाणा में मिला जुला असर देखने को मिला। राज्य के ग्रामीण हिस्सों में बंद का असर दिखा, जबकि औद्योगिक क्षेत्रों व बड़े महानगरों में बंद का ज्यादा असर नहीं दिखा। आइए तस्वीरों के जरिये हरियाणा में बंद के असर पर नजर डालते हैं।
रोहतक में किसानों ने सड़कों पर जाम लगाया। रोहतक में सभी मार्गों पर किसानों ने जाम लगा दिया। किसानों ने बहुअकबरपुर गांव, मदीना गांव, भैणी महाराजपुर, भाली आनंदपुर, कलानौर में कालेज मोड़ पर, डोभ गांव, काहनौर, कबूलपुर और बालंद, खरावड़ में दिल्ली हाइवे, जाट भवन के समीप, जींद हाइवे पर टिटौली और लाखनमाजरा, सोनीपत रोड पर बोहर गांव के समीप, पानीपत रोड पर जसिया गांव के समीप जाम लगा दिया।
अंबाला में किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला है। हालांकि दुकानदार असमंजस में हैं, जबकि इंतजार कर रहे हैंं कि समय बीतने के साथ क्या स्थिति बनती है। यही कारण है कि अधिकतर दुकानें खुली मिलीं। दूसरी ओर रोडवेज पर फिलहाल कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। पहले की तरह रूटीन में बसें चल रही हैं, जबकि यात्रियों के लिए अभी कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि राजनीतिक संगठनों ने किसानों के समर्थन में प्रदर्शन आदि करने का कार्यक्रम बनाया है, जबकि पुलिस भी इसी को लेकर अलर्ट है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी यही हालात हैं, जबकि बाजार खुले हैं। नारायणगढ़ में राजनीतिक संगठनों को एकत्रित होते देख हालांकि दुकानदारों ने दुकानें बंद की हैं। शहर की कपड़ा मार्केट पूरी तरह से खुली है।
बाजारों में अभी इसका आधा अधूरा ही असर है। दुकानों के बाहर दुकानदार जमा हैंं और इंतजार कर रहे हैं कि स्थिति किस ओर जाती है। हर बाजार की स्थिति मिलीजुली है। सुबह ग्यारह बजे तक अंबाला में असर कोई खास नहीं रहा। पंजाब बॉर्डर पर बैरिकेड्स लगाए हैं, जबकि पंजाब जाने के लिए नारायणगढ़ रोड, जमीतगढ़ व जड़ौत से रूट डायवर्ट करने की योजना है।
करनाल में किसान संगठनों के भारत बंद के आह्वान पर कई कर्मचारी संगठन भी समर्थन में हैंं। हालांकि रोडवेज की यूनियनों ने सांकेतिक धरना तो दिया था, लेकिन हड़ताल पर नहीं गई। बावजूद इसके रोडवेज की बसें मंगलवार को नहीं चली। रोडवेज महाप्रबंधक अजय गर्ग ने कहा कि यदि सवारियां आती हैं तो निश्चित ही रोडवेज बसों का संचालन किया जाएगा। सुबह से लेकर अब तक इक्का-दुक्का ही सवारियां बस स्टैंड पर आई हैं। ऐसे में बसों का संचालन नहीं किया जा सकता।
दूसरी ओर जिस मार्ग पर बसों को जाना है उस मार्ग पर कोई अवरूद्ध, जाम आदि तो नहीं यह स्पष्ट होने के बाद ही बसों को गंतव्य की ओर भेजा जाएगा। इधर, हरियाणा राज्य सहकारी समिति के प्रधान राजबीर मोकल ने कहा कि कई मार्गों पर किसानों ने प्रदर्शन कर जाम किया हुआ है। ऐसे में बसों को भेजने का रिस्क नहीं लिया जा सकता है। यदि मार्ग साफ होंगे तो बसों को भेजने में विलंब नहीं किया जाएगा।
फतेहाबाद में भारत बंद के आह्वान का असर दिखा। यहां दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद रखी। किसानों ने सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया।यमुनानगर के बिलासपुर में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर भारत बंद का समर्थन किया। जिले में बंद का मिलाजुला असर रहा। यमुनानगर में भारत बंद के दौरान धरने पर पहुंचे कांग्रेस विधायक बिशन लाल सैनी व रेणु बाला को किसानों ने बोलने नहीें दिया। किसानों ने कहा कि आपका स्वागत है, लेकिन आप राजनीतिक हैं। इसलिए आप धरने पर संबोधित नहीं कर सकते हैं। यह मंच गैर राजनीतिक है। कोई भी नेता धरने को संबोधित करे, इस पर किसानों को एतराज है।
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