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हाई कोर्ट ने इस बार भी नहीं हटाई जाट आरक्षण से रोक

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आज फिर जाट आरक्षण पर रोक हटाने से इनकार कर दिया है। अब मामले की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी।

By Test1 Test1Edited By: Updated: Mon, 04 Jul 2016 03:59 PM (IST)
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चंडीगढ़ (जेएनएन)। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने आज फिर जाट आरक्षण पर रोक हटाने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट की बेंच ने सोमवार को हरियाणा सरकार की अपील पर सुनवाई की और हरियाणा सरकार की दलीलोंं और प्रतिवादियों का पक्ष सुनने के बाद आरक्षण पर रोक बरक़रार रखी।

बेंच ने सरकारी वकील से पूछा कि वो मेन केस पर बहस करना चाहते है या रोक हटाने की अर्जी पर। सरकारी वकील ने कहा कि राज्य में दाखिलों और भर्ती प्रोसेस जारी है इस लिये वो पहले रोक हटाने की अर्जी पर पहले बहस करना चाहते हैं।

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बता दें कि हरियाणा सरकार ने पी आई एल बेंच द्वारा जाट आरक्षण पर रोक लगाने के बाद अर्जी दाखिल करते हुए वर्तमान में चल रही विभिन्न विभागों की भर्ती और शिक्षण संस्थानों की प्रवेश प्रक्रिया का हवाला देते हुए आरक्षण पर लगी रोक हटाने की अपील की थी।

सोमवार को मामले की सुनवाई आरम्भ होते ही हरियाणा सरकार की ओर से एक बार फिर आरक्षण से रोक हटाने की अपील की गई। सरकार ने कहा की विधानसभा में बिल लाकर जाट आरक्षण के लिए कानून बनाया गया है ऐसे में इसकी कानूनी वैधता को चुनोती नहीं दी जा सकती है।

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साथ ही हाईकोर्ट से अपील करते हुए सरकार ने कहा की रोक के आदेशों के चलते हजारों नियुक्तियों के लिए चल रही प्रक्रिया थम जाएगी साथ ही शिक्षण संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया जारी है जो आरक्षण प्रावधानों के तहत होनी है।

कोर्ट से मांग की गयी को वो जाट आरक्षण के आधार पर स्कूल कॉलेज में प्रवेश की इजाजत दे।

सरकार की तरफ से कोर्ट को तमिलनाडु में आरक्षण देने का हवाला देते हुए कोर्ट से रोक तुरन्त हटाने की मांग की गयी।

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हरियाणा सरकार की इस अपील का विरोध करते हुए याची पक्ष ने इसका विरोध किया। याची पक्ष ने कहा की हरियाणा सरकार द्वारा दिया गया आरक्षण दबाव में लिया गया फैसला है। इस फैसले की कोई कानूनी वैधता नहीं है।

हरियाणा सरकार ने उस केसी गुप्ता आयोग की रिपोर्ट को आधार बनाया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट पहले ही नकार चुका है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की कि हरियाणा सरकार की अर्जी को ख़ारिज करते हुए आरक्षण पर रोक बरकरार रखी जाए।

मामले में हरियाणा सरकार की तरफ सुप्रीम कोर्ट के वकील जगदीप धनखड़ पेश हुए। इस मामले में अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी।

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