गेस्ट टीचर्स को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, हटाने के आदेश पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के गेस्ट टीचर्स को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें गेस्ट टीचर्स को हटाने के निर्देश थे।
By Test1 Test1Edited By: Updated: Tue, 12 Jul 2016 09:40 AM (IST)
चंडीगढ़, [वेब डेस्क]। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के गेस्ट टीचर्स को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने करीब 3581 टीचर्स को हटाने का निर्देश दिया था। इसके बाद सरकार ने शैक्षणिक सत्र खत्म होते ही इन स
अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए हरियाणा सरकार से 4 हफ्तों में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से टीचर काफी खुश नजर आ रहे हैं। उन्हें फिर से नौकरी बहाल होने की उम्मीद नजर आ रही है। गौरतलब है कि गेस्ट टीचर्स पिछले लंबे वक्त से संघर्ष कर रहे हैं और अपनी नौकरी को बचाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले टीचर्स में खुशी का माहौल है।गेस्ट टीचर्स ने कहा, सरकार वादा पूरा करे
गेस्ट टीचर यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता अजय लोहान ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें न्याय दिया है जिसका वो स्वागत करते हैं। सरकार अब 3581 गेस्ट टीच की जल्द से जल्द नियुक्ति करवाकर बच्चों की बाधित हो रही पढ़ाई को बचाए।
गेस्ट टीचर यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता अजय लोहान ने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें न्याय दिया है जिसका वो स्वागत करते हैं। सरकार अब 3581 गेस्ट टीच की जल्द से जल्द नियुक्ति करवाकर बच्चों की बाधित हो रही पढ़ाई को बचाए।
उन्होंने मांग कि है कि अब गेस्ट टीचरों पर बेक डोर एंट्री का कोई कोर्ट केस नहीं है और गेंद सरकार के पाले में आ गई है । सरकार अपने घोषणा पत्र में किया हुआ वायदा पूरा करते हुए 15993 गेस्ट टीचरों को एक कलम से नियमित करे ।सीएम मनोहर लाल का आभार जताया
कोर्ट से राहत मिलने के बाद गेस्ट टीचर्स ने दिल्ली में सीएम मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। उन्होंने मजबूती से कोर्ट में उऩका पक्ष रखने के लिए सीएम को धन्यवाद दिया।कौन हैं सरप्लस टीचर्स ?इन गेस्ट टीचरों को साल 2005 में रखा गया था और पिछले साल इन्हें हटा दिया गया था। राज्य सरकार ने साल 2014 में पजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश प सरकारी विद्यालयों में कार्यरत सरप्लस गेस्ट टीचर्स को हटाने का निर्णय लिया था। इसके बाद गेस्ट टीचर्स ने हाई कोर्ट में अर्जी देकर कहा कि उन्हें गलत तरीके से किए गए आकलन के आधार सरप्लस ठहराया गया है। लेकिन, हाई कोर्ट ने उनकी अर्जी का ठुकरा दिया था।
इसके बाद ये सरप्लस गेस्ट टीचर्स दोबारा हाईकोर्ट की शरण में पहुंचे और दलील दी कि स्कूलों में टीचर्स की भारी कमी है और इसीलिए उन्हें न हटाया जाए। हाईकोर्ट ने उनकी पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी और सरकार को नौकरी से हटाने केे निर्देश दिए। हसके बाद प्रदेश भर से बढ़ते दबाव के कारण इन सरप्लस गेस्ट टीचरों की सेवा बढाने की अर्जी दी थी, लेकिन हाई कार्ट ने अर्जी को ठुकरा दिया था।इसके बाद पिछले वर्ष जून में मनोहरनलाल सरकार ने सरप्लस 3581 अतिथिे अध्यापकों की सेवा समाप्त कर दी थी। हुड्डा सरकार के समय कुल 4073 गेस्ट टीचर्स सरप्लस करार दिए गए थे। इनमे से 3581 बच गए थे, जिन्हें जून 2015 में हटाया गया था।
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