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हरियाणा में 10 लाख बच्चों के भविष्य पर लटकी तलवार, 3200 स्कूलों को एक्सटेंशन नहीं

हरियाणा में लगभग 3200 स्कूलों को मान्यता एक्सटेंशन संबंधी पत्र जारी नहीं हुआ है। बोर्ड के फार्म भरने की आखिरी तारीख 15 दिसंबर हैैै। इन स्कूलों की पोर्टल आइडी बंद हैैै। इन स्कूलों में नौवीं से 12वीं कक्षाओं के लिए बच्चों का एनरोलमेंट भी प्रभावित हो रहा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Fri, 04 Dec 2020 04:54 PM (IST)
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हरियाणा में अभी 3200 स्कूलों को एक्सटेंशन नहीं। सांकेतिक फोटो
जेएनएन, चंडीगढ़। हरियाणा के करीब 3200 अस्थाई स्कूलों को हरियाणा सरकार ने अभी तक मान्यता संबंधी एक्सटेंशन (मान्यता विस्तार) लेटर जारी नहीं किया है। एक्सटेंशन लेटर के अभाव में इन स्कूलों में पढ़ने वाले 10 लाख से ज्यादा बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़े हो सकते हैं। इनमें करीब दो लाख बच्चे दसवीं और बारहवीं क्लास के हैं, जिनके बोर्ड परीक्षा के फार्म नहीं भरे जा रहे हैं।

स्कूल बंद होने से उनमें काम करने वाले शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक स्टाफ के सामने भी आर्थिक परेशानियां बढ़ती जा रही हैं। हरियाणा सरकार एक तरफ आनलाइन शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा दे रही है, दूसरी तरफ स्कूलों की मान्यता संबंधी एक्सटेंशन लेटर जारी न कर स्कूल संचालकों व शिक्षकों के साथ-साथ बच्चों के भविष्य को लेकर जरा भी चिंतित नहीं है। एक्सटेंशन लेटर के अभाव में इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के बोर्ड परीक्षा के फार्म भरने में बाधाएं ही बाधाएं हैं।

हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ के अध्यक्ष सत्यवान कुंडू, महासचिव पवन राणा (करनाल) व अशोक (रोहतक) और संरक्षक तेलूराम रामायणवाला ने कहा कि कोरोना की वजह से पिछले आठ माह से स्कूल बंद हैं। इससे उनके सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। इन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के सामने भी आर्थिक चुनौतियां बढ़ गई हैं, लेकिन सरकार एक्सटेंशन लेटर जारी न कर इन परेशानियों को कम करने के बजाय उन्हें ज्यादा बढ़ाने में जुटी है।

सत्यवान कुंडू के अनुसार एक वर्ष का एक्सटेंशन नहीं मिल पाने से इन स्कूलों को बोर्ड से संबद्धता नहीं मिली है, जिसके चलते इन स्कूलों की पोर्टल आइडी बंद है, जबकि दसवीं व 12वीं के बोर्ड परीक्षा फार्म भरने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर है, इसलिए सरकार जल्द से जल्द अस्थाई स्कूलों को एक्सटेंशन लेटर जारी कर उन्हें राहत प्रदान कर सकती है।

उन्होंने बताया कि नौवीं से 12वीं कक्षाओं के एनरोलमेंट व बोर्ड फार्म भरे जा रहे हैं। इसलिए इन कक्षाओं के लिए स्कूल खोले जाने चाहिएं। अगर सरकार स्कूल खोलना उचित नहीं समझती और स्कूल बंद रखने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाती है तो प्राइवेट क्षेत्र में शिक्षा से जुड़े सभी टीचिंग व नान टीचिंग स्टाफ को सरकार द्वारा न्यूनतम मानदेय दिया जाए, ताकि उनकी रोजी रोटी चलती रहे।

महासचिव पवन राणा के अनुसार प्राइवेट स्कूलों की बसें भी अप्रैल माह से संचालित नहीं हो रही हैं, इसलिए इन बसों का पूरे वर्ष का टैक्स, पासिंग व बीमा राशि को भी माफ किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार को दस दिसंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि अगर सरकार ने प्राइवेट स्कूलों की मांगों को पूरा नहीं किया तो 13 दिसंबर को रोहतक में प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाकर आगामी आंदोलन की घोषणा की जाएगी।

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