सात साल की छात्रा पर टीचर का कहर, बाल उखाड़े
पंचकूला के एक स्कूल में मासूम बच्ची के साथ टीचर के सुलूक ने रोंगटे खड़े कर दिए हैं। स्कूल की एक टीचर ने हिंदी में पाठ नहीं सुना पाने पर सात साल की इस छात्रा के सिर के बाल उखाड़ लिये।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 15 Sep 2015 12:11 PM (IST)
जागरण संवाददाता, पंचकूला। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नारे हर जगह गूंज रहे हैं, लेकिन पंचकूला के एक स्कूल में मासूम बच्ची के साथ टीचर के सुलूक ने रोंगटे खड़े कर दिए हैं। स्कूल की एक टीचर ने हिंदी में पाठ नहीं सुना पाने पर सात साल की इस छात्रा के सिर के बाल उखाड़ लिये। बच्ची को उसके परिजन इलाज के लिए सिविल अस्पताल में लेकर आए। जिला उपायुक्त ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
यह भी पढ़ेें : हर काम को मजे के साथ दिल से करता हूं : आमिर खान मामला पंचकूला के गांव बलौरी स्थित सरकारी प्राइमरी स्कूल का है। अध्यापिका के कहर का शिकार हुई सात साल की अंकिती दूसरी कक्षा की छात्रा है। उसके पिता मलकीत सिंह ने बताया कि सोमवार को बच्ची से स्कूल में अध्यापिका सुनीता ने हिंदी में पाठ पढ़ने को कहा। वह उसे ठीक से नहीं पढ़ पाई तो टीचर क्रुद्ध हो गई।यह भी पढ़ें : फिल्म प्रोड्यूसर ने फेसबुक पर दोस्ती कर मॉडल को बनाया शिकार
मलकीत के अनुसार, अध्यापिका ने पहले बच्ची को डांटा और फिर उसके बाल बाल नोंचने शुरू कर दिए। उसने बच्ची के सिर से बालों का गुच्छा उखाड़ दिया। इसके वह दर्द से बिलबिला उठी। उसे जब इस बारे में पता चला तो वह स्कूल पहुंचा और बच्च्ाी को पंचकूला के सेक्टर छह के सामान्य अस्पताल लाया।
टीचर के कहर का शिकार हुई बच्ची। मलकीत सिंह ने इसके बाद जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को मामले की शिकायत की। इसी दाैरान घटना के बारे में सूचना मिलने के बाद जिला उपायुक्त ने दो सरकारी कर्मियों को भेजकर इसकी पूरी जानकारी ली। उन्होंने तहसीलदार को भी अस्पताल में जांच के लिए भेजा। बच्ची के पिता ने बताया कि इससे पहले भी उसके एक बेटे के बालों को इसी अध्यापिका ने नोंचा था और एेसी घटनाएं पूर्व में कई बार अन्य छात्र-छात्राओं के साथ भी हो चुकी हैं। उसने मांग की कि अध्यापिका के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उसका तबादला किया जाए। जिला उपायुक्त विवेक आत्रेय ने कहा है कि मामले की पूरी जांच करवाई जाएगी और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।