Move to Jagran APP

मेट्रो रेल लाइन के इर्द-गिर्द विकास के लिए बनी टीओडी पालिसी फेल, फरीदाबाद में एक भी लाइसेंस जारी नहीं

हरियाणा में भूमाफिया ने मेट्रो के दोनों ओर बहुउद्देश्यीय विकास के लिए बनाई टीओडी पालिसी फेल कर दी है।बंद पड़ी औद्योगिक इकाईयों में हो रहे अवैध निर्माण नियोजित विकास पर ग्रहण से कम नहीं हैं। फरीदाबाद में तो एक भी लाइसेंस जारी नहीं हुआ है।

By Kamlesh BhattEdited By: Updated: Thu, 18 Mar 2021 02:26 PM (IST)
Hero Image
मेट्रो रेल लाइन के इर्द गिर्द विकास पर ग्रहण। सांकेतिक फोटो
चंडीगढ़ [बिजेंद्र बंसल]। मेट्रो रेल के दोनों ओर बहुउद्देश्यीय विकास के लिए बनाई गई ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) पालिसी पूरी तरह फेल साबित हो गई है। हरियाणा सरकार ने इसे 9 फरवरी 2016 को लागू किया था। मेट्रो के अलावा मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) की परियोजनाओं के साथ गलियारों में भी यह योजना लागू की थी।

इस समय हरियाणा के तीन जिलों में मेट्रो रेल लाइन है, मगर गुरुग्राम को छोड़कर और किसी भी जिले में यह नीति कामयाब नहीं हो पाई। अब सरकारी स्तर पर भी यह माना जा रहा है कि फरीदाबाद में टीओडी पालिसी अवैध निर्माण करने वाले भू माफिया के कारण फेल हुई है। बता दें, फरीदाबाद में अभी तक इस पालिसी के तहत एक भी लाइसेंस जारी नहीं हुआ है, जबकि गुरुग्राम में इस नीति की वजह से सरकार ने एक ही कामर्शियल साइट 1496 करोड़ रुपये में बेची गई।

फरीदाबाद में डूरेबल फैक्ट्री में अवैध निर्माण से लगा 80 करोड़ का फटका

फरीदाबाद में राष्ट्रीय राजमार्ग के एक तरफ से जा रही मेट्रो रेल लाइन के 500 मीटर क्षेत्र में एक भी लाइसेंस टीओडी पालिसी के तहत नहीं लिए जाने के पीछे का मुद्दा इस बार विधानसभा के बजट सत्र में भी उठा। कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने सदन में बताया कि फरीदाबाद में बंद पड़ी औद्योगिक ईकाइयों में प्रापर्टी डीलिंग की जा रही है। जिन उद्यमियों ने सस्ती दरों पर औद्योगिक ईकाई के लिए जमीन खरीदी थी वे अब जमीन महंगी होने पर अपनी ईकाई को दूसरी जगह सस्ती जमीन पर स्थानांतरित करके बेच रहे हैं।

यदि इन बंद औद्योगिक ईकाई में लाइसेंस लेकर वैध प्रोजेक्ट भी आए तो भी औद्योगिक शहर की शान बढ़ेगी मगर इन ईकाइयों को भू-माफिया राजनीतिक संरक्षण में खरीदकर अवैध प्लाटिंग कर बेच रहा है। अकेले डूरेबल फैक्ट्री में हुई प्लाटिंग से सरकार को 80 करोड़ का फटका लगा है। यदि इसमें टीओडी पालिसी के तहत लाइसेंस लिया जाता तो निश्चित तौर पर इससे 80 करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को मिलता।

गुरुग्राम में एक ही कामर्शियल साइट 1496 करोड़ में बिकी

गुरुग्राम में मेट्रो के दोनों ओर अवैध निर्माण रुके तो वहां एक ही कामर्शियल साइट को हरियाणा स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एचएसआइआइडीसी) ने 28 फरवरी 2018 को ई-नीलामी में 1496 करोड़ रुपये में बेचा। गुरुग्राम उद्योग विहार फेज-5 स्थित 11.76 एकड़ की इस कामर्शियल साइट का 686 करोड़ रुपये आरक्षित मूल्य था। यह हरियाणा की अब तक की सबसे महंगी एक कामर्शियल साइट की नीलामी हुई। साइट को डीएलएफ ग्रुप की कंपनी आधारशिनी रियल एस्टेट डेवलपर्स ने खरीदा था। इसे डीएलएफ ग्रुप टीओडी पालिसी के तहत निर्माण के लिए मंजूर 350 फीसद फ्लोर एरिया रेशाे में विकसित करेगा।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।