12 बजे रात तक गुरुजी को मिले मंदिर
जागरण संवाददाता, पानीपत : रात के 12:30 बजे थे। जूनियर बेसिक टीचर जीटी रोड स्थित मॉडल संस्कृ
By JagranEdited By: Updated: Sun, 16 Jul 2017 02:19 AM (IST)
जागरण संवाददाता, पानीपत : रात के 12:30 बजे थे। जूनियर बेसिक टीचर जीटी रोड स्थित मॉडल संस्कृति स्कूल में डटे थे। दरअसल, इन्हें इस समय तक भी स्कूल स्टेशन दिए गए। अभ्यर्थियों की संख्या 446 होने से लगभग 13 घंटे तक प्रक्रिया चली।
मई व जून 2017 में बहाल किए गए जूनियर बेसिक टीचरो को स्कूल नहीं मिलने से परेशानी हो रही थी। शिक्षा विभाग व डाइट के कार्यालय में 150-200 किलोमीटर दूर से केवल हाजिरी लगाने आते थे। मौलिक शिक्षा निदेशालय ने मेरिट के आधार ऑनलाइन काउंसलिंग की रूपरेखा तैयार की। इस प्रक्रिया में प्रथम वरीयता दिव्यांग को मिली। पुरुष व महिला वर्ग में 20 दिव्यांग जेबीटी को स्टेशन दिया गया। दूसरे स्थान पर महिलाओं को रखा गया। रात 10 बजे तक 306 महिलाओं की काउंसलिंग चलती रही। सबसे अंत में पुरुषों की बारी आई। पारदर्शिता बरती गई : धर्मवीर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी धर्मवीर कादियान ने बताया कि पानीपत जिले में कुल 446 जेबीटी को स्टेशन दिए गए। इनमें से 20 जेबीटी दिव्यांग जेबीटी हैं। सर्वप्रथम उन्हें पसंद का स्टेशन अलॉट किए गए। ऑनलाइन पारदर्शी प्रक्रिया में सभी अभ्यार्थी संतुष्ट होकर चले गए।
डीईईओ कार्यालय का अमला जुटा रहा जेबीटी की काउंसलिंग व स्टेशन अलॉट करने में सहायक डीईईओ संजीव कुमार, अशोक भारद्वाज, कुलदीप अनूप मलिक, राजेश राठी व ज्योति भाटिया ने मध्य रात्रि तक डयूटी दी। लंबी कानूनी लड़ाई व इंतजार के बाद स्कूल मिलने से जेबीटी के चेहरों पर मुस्कान दिखाई दी।
देर से शुरू हुई प्रक्रिया : तय कार्यक्रम के मुताबिक सुबह 9 बजे काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होनी थी। शिक्षा विभाग की टीम लैपटॉप, प्रोजेक्टर व स्क्रीन लेकर विद्यालय पहुंचे। सिस्टम को चालू करने में करीब दो घंटे लगे। लगभग 11 बजे काउंसिलिंग शुरू हुई। रोहतक की अंजू का पहला नंबर : दिव्यांग फीमेल वर्ग में रोहतक की अंजू की मेरिट आधार पर सबसे पहले काउंसिलिंग की गई। दिव्यांग मेल वर्ग में पानीपत के यशवीर का प्रथम नंबर रहा। जीटी रोड से सटे स्कूल ज्यादा पंसद दूसरे जिलों से आए जेबीटी की पहली पसंद जीटी रोड से सटे स्कूल रहे। खासकर, पानीपत व समालखा के स्कूल में सभी नियुक्ति की आस लगाए रहे। ज्यादातर अभ्यर्थियों का कहना था कि ग्रामीणांचल स्थित स्कूलों तक पहुंचने के लिए यातायात के साधन ठीक नहीं हैं। इसके चलते समय पर स्कूल पहुंचना मुश्किल होगा। इवनिंग शिफ्ट से भी परहेज मेरिट लिस्ट में जैसे-जैसे जेबीटी नीचे खिसकते गए, स्कूलों के ऑप्शन भी कम होते गए। अनेक महिला जेबीटी ऐसी रहीं, जिनके पास शहर के इवनिंग शिफ्ट वाले स्कूलों को चुनने का कोई विकल्प नहीं बचा। खासकर, देहात से परहेज करने वालों के लिए ज्यादा दिक्कतें हुई। लड़ाई का अभी नहीं अंत जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की मानें तो जेबीटी का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है। लो-मेरिट वालों को लिस्ट में शामिल किया जाएगा अथवा नहीं, इसका निर्णय कोर्ट करेगी। शिक्षकों की भी बड़ी कमी विभाग को खल रही है। इसके चलते मेरिट आधार पर स्टेशन दिए जाने का निर्णय लिया गया। भविष्य में कोर्ट का जो भी निर्णय आएगा, शिक्षा विभाग अमल करेगा। मेल का फीमेल होने से लॉटरी : पानीपत के गांव नवादा आर निवासी ¨रकू राणा का मेरिट में 5293 वां नंबर था। शिक्षा विभाग की चूक से उनका नाम फीमेल जेबीटी की लिस्ट में शामिल हो गया। ¨रकू ने विरोध किया तो उसे बताया कि सूची दुरुस्त करने पर नंबर देर से आएगा। चलता रहा जलपान का दौर जेबीटी का माडल संस्कृति विद्यालय पहुंचने का सिलसिला सुबह 8 बजे ही शुरू हो गया था। दोपहर होते ही जेबीटी भूख-प्यास से विचलित होने शुरू हो गए। इसके बाद सभी ने एक-एक कर छोले-भूटरे, समोसा-पकोड़ी, कोल्ड डि्रंक-चाय और बिस्किट खाकर, पेट भरा। रात्रि पहर में जेबीटी को ज्यादा दिक्कतें आई। एसइपीओ की परीक्षा आज शिक्षा विभाग की मानें तो रविवार को कई विद्यालयों में सोशल इंपावरमेंट ऑफ पंचायत ऑफिसर का एग्जाम होना है। राजकीय माडल संस्कृति विद्यालय में भी सेंटर है। इसके चलते जेबीटी को स्टेशन अलॉट करना शनिवार की देर रात्रि तक जरूरी माना गया। हालांकि, जेबीटी ने देर सायं करीब सात बजे से ही प्रक्रिया बंद करने की अपील शुरू कर दी थी। ज्यादातर चाहते थे की बाकी प्रक्रिया सोमवार की सुबह पूरी की जाए। नौनिहालों को संभालती दिखीं जेबीटी : सोनीपत निवासी पूनम भाटिया 8 माह के पुत्र अनंत को गोद में लेकर माडल संस्कृति स्कूल पहुंची। मेरिट में उनका 6174 वां नंबर था। तेज गर्मी व उमस के कारण अनंत का रो-रोकर बेहाल था। पूनम अपने बच्चे को कभी मोबाइल फोन तो कभी पेन देकर बहलाती दिखी। सोनीपत निवासी मीना कुमारी का मेरिट में 5206 वां नंबर था। वह भी अपने नवजात बच्चे (20 दिन) के बच्चे को गोद मे संभालती दिखी। हालांकि, भारतीय वायु सेना के जवान, उनके पति पवन कुमार पत्नी की मदद के लिए आए हुए थे। भिवानी से आई सुशीला का काउंसिलिंग में सबसे आखिरी नंबर आया। रिसालू स्टेशन दिया गया। दैनिक जागरण से बातचीत में सुशीला ने बताया कि उनके पति संजीव कुमार दिल्ली पुलिस में हैं। बच्चों का पीटीएम होने से घर पर पति के पास छोड़ कर अकेले पानीपत आई थी। मध्य रात्रि में घर लौट जाएगी।
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