नियम 134 ए का पेंच: बजट का नहीं प्रावधान
ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी: आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का निजी विद्यालयों में नियम 134ए के तहत निश्श
ज्ञान प्रसाद, रेवाड़ी:
आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों का निजी विद्यालयों में नियम 134ए के तहत निश्शुल्क प्रवेश दिलाने का मामला अभी सुलझता नजर नहीं आ रहा है। भले शिक्षा विभाग अभी बच्चों से निजी स्कूलों में दाखिला लेने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन मांग रहा हो लेकिन निजी स्कूलों को इन बच्चों को पढ़ाने के एवज में बजट का कोई प्रावधान नहीं है। बीतने जा रहे शैक्षणिक सत्र में भी यही समस्या थी, जिसकी वजह से जिले के सैकड़ों बच्चे निजी स्कूलों में प्रवेश पाने से वंचित हो गए थे। इस बार विभाग ने इन अभिभावकों से आवेदन तो सत्र आरंभ होने से पहले मंगाने शुरू कर दिए हैं, लेकिन पिछली बार की तरह बजट का प्रावधान नहीं होने से स्थिति असमंजस में है।
निजी स्कूल मांग रहे बजट:
निजी स्कूल संचालक नियम 134ए के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को पढ़ाने के एवज में बजट की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत बजट दे रही है लेकिन इस बजट का उपयोग नहीं हो रहा है, क्योंकि निजी स्कूलों में आरटीइ की आवश्यकता नहीं है। आरटीई के तहत दो किलोमीटर के दायरे में कोई सरकारी स्कूल नहीं है तो उस क्षेत्र का बच्चा उसके निकट स्थित निजी स्कूल में पहली से आठवीं कक्षा तक दाखिला ले सकता है।
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वर्तमान सत्र में भी यही समस्या थी जो आगामी सत्र में आने वाली है। उच्च न्यायालय द्वारा सरकार को इस मामले में भुगतान करने के आदेश देने के बाद भी भुगतान देने के बजाय मामला न्यायालय में लंबित छोड़ दिया था। इस कारण इस साल पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों का निजी स्कूलों में नियम 134ए के तहत दाखिला नहीं हो पाया था। अभी भी स्थिति वही है। सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम का बजट निजी स्कूलों में दे तो कोई समस्या ही नहीं रहेगी। इसके लिए सरकार को अतिरिक्त बजट की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इससे कोई निजी स्कूल इन बच्चों को पढ़ाने से इंकार नहीं करेगा।
सत्यवीर यादव, प्रधान, प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन रेवाड़ी।
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अभी दाखिलों के लिए आवेदन प्रक्रिया चल रही है। उम्मीद है बजट का प्रावधान भी हो जाएगा। आवेदन प्रक्रिया पूरी होने के बाद दाखिला आरंभ होगा। अभी उच्च विभाग की ओर से इस मामले में किसी प्रकार के बजट या भुगतान से संबंधित कोई निर्देश नहीं मिले हैं। अभी दाखिले के लिए आवेदन ही मांगे जा रहे हैं।
--धर्मवीर बल्डोदिया, जिला शिक्षा अधिकारी, रेवाड़ी।