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भूमि आवंटन मामले में पूर्व सीएम हुड्डा के घर समेत 24 ठिकानों पर सीबीआइ का छापा

हरियाणा के पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेद्र सिंह हुड्डा और कई पूर्व अफसरों के घर पर सीबीआइ ने छापा मारा है। यह छापा मानेसर के जमीन घोटाले और पंचकूला भूमि आबंटन मामले में मारा गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2016 08:41 PM (IST)

रोहतक, [वेब डेस्क]। गुड़गांव के भूमि साैदों पर जस्टिस एसएन ढींगरा आयोग द्वारा रिपोर्ट सौंपने के दो दिन बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर पर सीबीआइ ने छापा मारा है। सीबीआई ने यह छापेमारी मानेसर के जमीन घोटाले और पंचकूला भूमि आबंटन मामले में मारा गया है। सीबीआई ने हुड्डा के घर समेत करीब 24 ठिकानों पर छापेमारी की है।

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक छाेपमारी के दौरान सीबीआई ने हुड्डा के घर से कई दस्तावेज बरामद किए हैं। इनमें डेढ़ करोड़ रुपये के बैंक ट्रांजेक्शन के डॉक्यूमेंट भी शामिल हैं। इनके अलावा सीबीआई ने जमीन से जुड़े भी कई दस्तावेज बरामद किए हैं।

ANI केे ट्वीट

बताया जा रहा है कि छापा हुड्डा सरकार के समय तीन गांवों की करीब 400 एकड़ जमीन अधिग्रहण के बाद बिल्डरों को बेचने का मामले में मारा गया है। सितंबर 2015 में इस मामले में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में अधिग्रहण की प्रक्रिया चली थी। इस संबंध में पहले गुड़गांव पुलिस ने मामला दर्ज किया था। बाद में राज्य सरकार ने इसे सीबीआइ को सौंप दिया था। संबंधित अन्य खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

सीबीबाई की टीम ने तड़के करीब पांच बजे रोहतक में हुड्डा के घर पर छापा मारा। घर के मुख्य द्वार को बंद कर कार्रवाई की जा रही है। पूर्व सीएम हुड्डा के प्रधान सचिव रहे एमएल तायल, पूर्व प्रधान सचिव छत्तर सिंह चौहान और पूर्व सीपीएस रन सिंह मान के घरों पर भी छापेमारी की जा रही है।

राेहतक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के घर के बाहर तैनात पुलिस।

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सीबीआइ की टीम ने राेहतक में हु्ड्डा के घर के मुख्य दरवाजे करे बंद कर दिया अौर किसी को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। छापे की जानकारी के बाद हुड्डा के वकील व पूर्व विधायक संत कुमार सहित कई वकील भी वहां पहुंचे, लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया तो उनकी वहां तैनात पुलिसकर्मियों से बहस हो गई।

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संत कुमार ने कहा कि यह छापा गैर कानूनी है और सरकार ने राजनीतिक बदले की भावना से सीबीआइ के छापे डलवाए हैं। काफी संख्या में हुड्डा के समर्थक भी उनके जमे हुए हैं, लेकिन पुलिस ने उन्हें घर के अासपास नहीं आने दे रही है। लोग हुड्डा के घर के बाहर हंगामा कर रहे हैं।

बाद में कलानौर से कांग्रेस की विधायक शकुंतला खटक और पूर्व विधायक बीबी बत्रा वहां पहुंचे, लेकिन उन्हें भी अंदर नहीं जाने दिया गया। दोनों नेताअों ने कहा कि सीबाीआइ छापे राजनरतिक द्वेष के कारण मारे गए हैं। इसे किसी हालत में सहन नहीं किया जाएगा। शकुंतला खटक तो हुड्डा के घर के बाहर धरने पर बैठ गई हैं।

छापे के दौरान पुलिस ने ताला खोलने वाल एक मिस्ट्री को भी बुलाया। मिस्ट्री अशोक ने बताया कि सीबीआइ की टीम ने उससे घर में चार ताले खुलवाए। बताया जाता है कि रोहतक के अलावा, चंडीगढ़, पंचकूला और दिल्ली में भीकई पूर्व अफसरों के यहां भी सीबीआइ कह टीेमें जांच कर रही हैं। अभी जांच में क्या-क्या मिला है इस बारे में जानकारी नहीं मिल पाई है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पूर्व प्रधान सचिव एमएल तायल एवं पूर्व प्रधान सचिव छतर सिंह का भी निवास स्थान गुड़गांव में है। आरोप है कि हुड्डा सरकार के दौरान बिल्डरों द्वारा मानेसर, नखड़ौला एवं नौरंगपुर में 400 एकड़ जमीन साजिश के तहत खरीदी गई। बिल्डरों को तत्कालीन सरकार के अधिकारियों ने सहयोग किया था।

यह है मामला

2004 में चौटाला सरकार ने आइएमटी मानेसर के विस्तार के लिए 912 एकड़ जमीन प्रस्तावित की थी और अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की थी। इसमें से 400 एकड़ जमीन 2007 में हुड्डा सरकार ने रिलीज कर दी। तब तक यह जमीन निजी कंपनियां, नेता और बिल्डर किसानों से औने-पौने दाम पर खरीद चुके थे। जमीन मानेसर, लखनौला और नौरंगपुर गांवों की थी जो रिलीज होते ही मार्केट रेट से 15 गुना और अधिग्रहण रेट से लगभग 100 गुना महंगी हो गई।

किसान इसके खिलाफ इधर-उधर फरियाद कर रहे थे। आखिरकार 12 अगस्त 2015 को मानेसर थाने में इस बारे में एफआइआर दर्ज हुई। यह मामला गांव मानेसर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश ने दर्ज कराया था। सितंबर 2015 में ही मामला सीबीआइ के पास भेज दिया गया। निर्माण कार्य प्रभावित होते देख अक्टूबर 2015 में बिल्डर सुप्रीम कोर्ट चले गए जहां उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इनमें बड़ी कंपनियां भी शामिल है। इस मामले की जांच के दायरे में वे सभी लोग आ सकते है जिन्होंने रिलीज हुई 500 एकड़ में से जमीन खरीदी। इनमें कई अफसर, नेता और हुड्डा के करीबी बताए जा रहे हैं।

पूर्व सरपंच ओमप्रकाश के मुताबिक मानेसर, नखड़ौला एवं नौरंगपुर के किसानों को 912 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए 27 अगस्त 2004 को सेक्शन चार का नोटिस दिया गया।

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