Move to Jagran APP

जाट आंदोलन में हिंसा से पहले ही कर ली थी वित्तमंत्री की कोठी फूंकने की तैयारी

जाट आरक्षण आंदाेलन के दौरान भड़की हिंसा में हरियाण्‍ाा के वित्‍त मंत्री कैप्‍टन अभिमन्‍यू की कोठी को जलाने की साजिश पहले ही रच ली गई थी। यह खुलासा एसआइटी ने किया।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 30 Aug 2016 09:11 AM (IST)

जागरण संवाददाता, रोहतक। इसी वर्ष फरवरी में जाट आरक्षण के दौरान हुई हिंसा से पहले ही प्रदेश के वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यू की कोठी को निशाना बनाने की साजिश रच ली गई थी। इसके लिए सारी तैयारी हिंसा शुरू होने से दो दिन पहले ही कर ली गई थी। वित्त मंत्री का आवास जलाने के लिए पूरी साजिश रच ली थी। यही नहीं उनके परिवार पर भी हमला किया गया था। परिवार ने भागकर अपनी जान बचाई थी।

यह खुलासा इस घटना की जांच के लिए गठित एसआइटी ने सोमवार को यहां किया। यहां प्रेस कांफेंस में एसआइटी के प्रभारी व डीएसपी सिद्धार्थ ढांडा ने बताया कि इस मामले में 40 आरोपियों से पूछताछ की गई है। सभी ने एक ही बात बताई है कि कैप्टन अभिमन्यू की कोठी को जलाने अौर उनके परिवार पर हमले की साजिश पहले ही रच ली गई थी।

दो दिन पहले भरकर रख ली थी पेट्रोल की कई कैन

डीएसपी सिद्धार्थ ढांडा ने कहा कि उपद्रवियों ने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने से दो दिन पहले ही दर्जनों कैन में पेट्रोल भरकर रख लिया गया था। हालांकि ये कैन कहां रखी गईं, इसका अभी खुलासा नहीं किया गया है। यहीं नहीं गांवों से आरोपियों ने लाठियों समेत धारदार हथियार और अवैध पिस्तौल भी मंगाई थी। ताकि वित्त मंत्री की कोठी पर मौजूद पुलिस का डटकर मुकाबला किया जाएगा। हुआ भी कुछ ऐसा ही था।

पढ़ें : जैन मुनि पर टिप्पण्ाी का विवाद हरियाणा विस में गूंजा, निंदा प्रस्ताव पेश

उन्होंने बताया कि वित्तमंत्री की कोठी पर मौजूद पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की गई थी और हालात ऐस हो गए कि उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई थी। एसआइटी के अनुसार 19 और 20 फरवरी को मंत्री के स्कूल और कोठी पर आगजनी की गई, लेकिन कैनों में पेट्रोल भरकर 17 फरवरी को ही रख लिए गए थे।

अभी तक यह समझ रही थी पुलिस

वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु की कोठी जलाने का कारण अभी तक एसआइटी आइजी आवास से उपद्रवियों पर गोली चलाना मान रही थी। पुलिस का अब तक मानना था कि भीड़ पर गोली चली तो उन्होंने मंत्री को निशाना बनाया। लेकिन, एसअाइटी की आरोपियों से हुई पूछताछ में साफ हो गया कि आइजी ऑफिस पर जिन उपद्रवियों पर गोली चलाई गई, उनमें से अधिकतर तो अस्पताल में पहुंच गए थे और बाकी भाग गए थे। वित्त मंत्री की कोठी पर दूसरी भीड़ आई और उन्होंने दोनों कोठियों को निशाना बनाया।

पढ़ें : और भड़का जैन मुनि पर टिप्पणी का विवाद, तरुण सागर से मिले दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन


कुछ इस तरह से हुआ था कांड

19 फरवरी को पहले आइजी ऑफिस पर उपद्रवियों पर गोली चलाई गई। इसके कुछ देर के बाद भीड़ ने वित्त मंत्री के सेक्टर-14 स्थित आवास पर हमला कर आग लगा दी और सभी गाडिय़ों को भी फूंक दिया। यही नहीं परिवार के सदस्यों पर भी हमला बोला गया। परिवार के लोगों ने भागकर जान बचाई थी। इस मामले की एफआइआर में राजेश कुमार रूखी, जोङ्क्षगद्र उर्फ जोगा निवासी बालन्द, महेंद्र सिंह समेत अन्य 40 उपद्रवियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

पढ़ें : जैन मुनि तरुण सागर पर टिप्पणी से सियासत में उबाल, निशाने पर 'आप'

इंडस स्कूल में कुछ इस तरह हुई वारदात

19 फरवरी को ही उग्र भीड़ ने दिल्ली रोड स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में एक बस को तेल छिड़ककर आग लगा दी गई और कार्यालय में तोडफ़ोड़ और आगजनी की गई। स्टॉफ ने बडी मुश्किल से भाग कर जान बचाई। 20 फरवरी की शाम को दोबारा भीड़ ने रात 12 बजे स्कूल में तांडव मचाते हुए 13 बस समेत दो ट्रैक्टर को खाक कर दिया। वे एक बाइक लूट ली गई। इसके अलावा स्कूल में भी लूटपाट की गई।

पढ़ें : वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु के परिवार को जिंदा जलाने का हुआ था प्रयास

इस मामले में अर्बन एस्टेट थाने में 26 फरवरी को एफआइआर नम्बर 102 दर्ज की गई। इसमें सोनू, संजय, योगानंद, जितेंद्र, प्रदीप, हरदीप, प्रोमी, संजय, अनिल और सोनू को आरोपी नामजद कराया गया। पुलिस ने इस मामले में खेड़ी साध निवासी प्रदीप उर्फ टिंडा, नसीब उर्फ ढिला, नवीन, बलियाना के पूर्व सरपंच योगानंद और खेड़ी साध निवासी हरदीप को गिरफ्तार किया।

------

पढ़ें : आरक्षण की आग में झुलसा हरियाणा, 8 जिलों में सेना तैनात, गृहमंत्री ने की समीक्षा

'' अब तक यह मानकर चल रहे थे कि 19 फरवरी को सर्किट हाऊस पर गोली चलने के बाद उग्र हुई भीड़ ने वित्त मंत्री का आवास जलाया था। लेकिन, आरोपियों से पूछताछ में सामने आया है कि यह सब सुनियोजित था और इसकी तैयारियां पहले ही कर ली गई थी। आरोपियों के पास पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल, तेजधार हथियार और अन्य सामान था। अभी इस मामले में और भी खुलासा होगा। जैसे ज्वलनशील सामग्री को कहा पर रखा गया था और किसने भीड़ को उकसाकर मंत्री के आवास पर भेजा था
-डीएसपी सिद्धार्थ ढांडा, एसआइटी प्रभारी।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।