डीजीपी ने गैंगरेप पीडि़ता पर भी उठाए सवाल, कहा- जांच हर पहलू से, पहले बयान से मुकर चुकी है
राेहतक गैंगरेप मामले में मोड़ आ गया है। डीजीपी ने मामले में कड़ी कार्रवाई करने की बात कहने के साथ पीडि़त लड़की पर भी सवाल उठाए हैं। महिला अायोग की टीम ने पीडि़ता से भेंट की।
रोहतक, [वेब डेस्क]। भिवानी की छात्रा काे अगवा कर उससे रोहतक में गैंगरेप के मामला मंगलवार को और गर्मा गया। इसमें नया मोड़ आ गया है। मामले में आरोपी तीन युवकों के परिजन पुलिस के समक्ष कुछ सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल पेश कर उनके बेगुनाह होने का दावा कर रहे हैं। दूसरी ओर, हरियाणा के पुलिस महानिदेशक केपी सिंह ने मामले में कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने पीडि़त लड़की पर भी सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने कहा कि छात्रा 2013 में हुई घटना के बाद अपने बयान से मुकर गई थी। दूसरी ओर, मंगलवार को राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने पीजीअाइ में दुष्कर्म पीडि़ता से बात की आैर उसका हालचाल जाना। महिला आयोग की अध्यक्ष कमलेश पांचाल ने कहा कि इस बात की पुष्टि हो गई है कि छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ है।
इससे पहले तीन आरोपियों ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया। उनके परिवार वाले भी उनके साथ थे। उन्हाेंने के साथ निष्पक्ष जांच की मांग को करते हुए तीन आरोपियों को लेकर खुद ही पुलिस के सामने पेश हो गए। उन्होंने खुद के निर्दोष होने का दावा किया है और इसके लिए सीसीटीवी फुटेज और सेलफोन लोकेशन की रिपोर्ट पेश की है।मंगलवार को महिला आयोग की अध्यक्ष कमलेश पांचाल व उपाध्यक्ष सुमन दहिया छात्रा को देखने के लिए पीजीआइ में पहुंची। उन्होंने छात्रा से मिलने के बाद मीडिया से कहा कि छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ है। उन्होंने कहा कि वह यह बयान डॉक्टरों की रिपोर्ट देखकर ही दे रही हैं। पीजीआइ में भर्ती छात्रा की सेहत में सुधार है और अब वह धारा 164 के बयान देने के लिए भी तैयार है।इस तरह महिला आयोग ने की पड़ताल
महिला आयोग की अध्यक्ष कमलेश पांचाल और उपाध्यक्ष सुमन दहिया मंगलवार की सुबह रोहतक में पहुंच गई थीं। सबसे पहले दोनों एसपी राकेश आर्य से मिलीं और मामले के बोर में अब तक हुई जांच पड़ताल के बारे में जानकार ली। इसके बाद महिला आयोग की टीम महिला थाने में पहुंची और यहां पर केस की जांच अधिकारी डीएसपी पुष्पा खत्री और इंस्पेक्टर गरिमा से केस के बारे में जानकारी ली।इसके बाद राज्य महिला आयोग की टीम पीजीआइ के वार्ड 26 में भर्ती छात्रा एवं उसके परिजनों से मिलने के लिए पहुंची। यहां पर करीब दो घंटे छात्रा के बयान लेने के बाद व डॉक्टरों की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद महिला आयोग की अध्यक्ष कमरे से बाहर निकलीं। दूसरी तरफ, छात्रा के परिवार वालों का कहना है कि मोबाइल की लोकेशन के आधार पर अभियुक्तों को बचाया जा रहा है। उनका कहना है कि हो सकता है अभियुक्तों ने अपने मोबाइल भिवानी में रखे हुए है और साजिश के तहत इस वारदात को अंजाम दिया हैै।डीएसपी के सामने हुए पेशसोमवार को जांच अधिकारी डीएसपी पुष्पा खत्री के पास सामूहिक दुष्कर्म में नामजद हुए भिवानी के प्रेमनगर निवासी जगमोहन, अमृत कालोनी निवासी अमित और तीसरा आरोपी संदीप अपने परिवार वालों के साथ पहुंच गए। पुलिस का कहना है कि जिस दिन यानी 13 जुलाई को छात्रा अपने साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात होना बता रही है।पढ़ें : हरियाणा में सुरक्षित नहीं बेटियां : शोभा ओझा उस दिन कथित अभियुक्त जगमोहन भिवानी के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में था और उसने छह लाख रुपये वहां से निकलवाए थे। उसकी सीसीटीवी फुटेज भी है। इसके अलावा अमित निवासी अमृत कालोनी की पुलिस ने फोन कॉल डिटेल निकलवाई तो उसकी लोकेशन 13 जुलाई की भिवानी के एक आटो शोरूम की है। जहां पर वह अपनी कार की सर्विस करा रहा था। वहीं संदीप की फोन लोकेशन कुरुक्षेत्र की निकली है।परिजन बोले, वीआइपी के इशारे पर कर रही पुलिस कामपीजीआइ में भर्ती छात्रा के परिवार वालों का कहना है कि अभियुक्तों के पक्ष में एक वीआइपी आ रहा है, जिसके इशारे पर पुलिस काम कर रही है। डीएसपी पुष्पा खत्री का कहना है कि वह किसी के दबाव में काम नहीं कर रहे है।पढ़ें : गैंग रेप पीड़िता बोली- सॉरी पापा, मैं आपका सपना पूरा नहीं कर पाऊंगी... तीन साल पहले दुष्कर्म करने वालों पर ही फिर दुष्कर्म का आरोपदरअसल, छात्रा के साथ तीन साल पहले सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। उसमें पांच लोगों को नामजद किया गया था। दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और तीन को छोड़ दिया था। दोनों गिरफ्तार अभियुक्त जमानत के लिए हाईकोर्ट गए तो वहां से उन्हें जमानत मिल गई। लेकिन पुलिस ने जिन तीन युवकों को छोड़ दिया था, उन्हें भी केस की जांच में शामिल करने का आदेश दिया और तीनों को नोटिस जारी कर दिया।दुष्कर्म की घटना के बाद दो साल तक छात्रा ने पढ़ाई बंद रखी और साल भर पहले रोहतक में किराये पर कमरा लेकर पढ़ाई शुरू की। रोहतक में 13 जुलाई को उसका शहर के एक कॉलेज के सामने से फिर अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया।पढ़ें : हैलो! कंट्रोल रूम, मेरी पत्नी के साथ दुष्कर्म हो गया छात्रा के बयान के मुताबिक जिस कार से अपहरण किया गया, उस कार में वही पांच लोग थे जिन्होंने तीन साल पहले उसके साथ दुष्कर्म किया था। उन्होंने चलती कार में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। उसके बाद उसे शहर के सुखपुरा चौक के समीप पावर हाउस पर फेंक दिया।मंगलवार को छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोपी इन युवकों के परिजन पूरे दिन महिला थाने में डटे रहे और उन्होंने पुलिस को वह सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराई है, जिसमें आरोपी वारदात के समय दूसरे स्थान पर है। पुलिस का कहना है कि आरोपी पक्ष की तरफ से दी गई सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जा रही है। किस समय वारदात हुई और सीसीटीवी में किस समय वह आ रहे हैं।
संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनीमंगलवार को छात्रा से मिलने के लिए कई संगठन महिला थाने और पीजीआइ में पहुंचे। इन संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि आरोपी दो दिन के अंदर गिरफ्तार नहीं हुए तो वह चंडीगढ़ सीएम आफिस के बाहर धरना देंगे। दलित सामाजिक कार्यकर्ता के डॉक्टर बलजीत सिंह के नेतृत्व में डॉक्टर अंबेडकर स्टूडेंट फ्रंट, डॉक्टर अंबेडकर शिक्षा समिति और आम आदमी पार्टी के सैकड़ों लोग मंगलवार की दोपहर में महिला थाने में पहुंचे और उन्होंने हंगामा व प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। उनका कहना था कि पुलिस जानबूझकर आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। इसलिए वह चुप नहीं बैठेंगे। इन लोगों ने पुलिस अफसरों को चेतावनी दी है कि यदि दो दिन के अंदर आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए तो वह चंडीगढ़ पहुंचकर सीएम के आफिस के बाहर धरना देंगे। इस दौरान आम आदमी पार्टी के डॉक्टर अविनाश शास्त्री ने बताया कि पुलिस इस मामले को हल्के में ले रही है। यदि आरोपी जेल नहीं गए तो वह बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
पीजीआइ के वार्ड के बाहर दिया धरनाहिसार से पहुंचा राष्ट्रीय दलित महिला आंदोलन संगठन की प्रदेश संयोजक पूनम बोध, कैथल से आए प्रदेश अध्यक्ष सुरेश टांक, राष्ट्रीय दलित महासभा पानीपत के सतपाल सिंह, सोनीपत से आए उपाध्यक्ष हुकुमचंद को पुलिस ने वार्ड 26 में भर्ती छात्रा से नहीं मिलने दिया गया। जिसके बाद यह सभी लोग वार्ड के बाहर धरने पर बैठ गए। घंटों तक यह लोग धरने पर बैठे रहे। बाद में पीजीआइ के डॉक्टरों ने इन संगठन के लोगों को समझाया कि छात्रा के पास इसलिए नहीं जाने दिया जा रहा है ताकि छात्रा को कोई इनफेक्शन न हो। उसके बाद वह छात्रा की मां से बाहर ही मिले और उसे कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया।
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