ये है हरियाणा का बनवाला गांव, महिला सरपंच सुमन ने कर दिखाया कमाल, किसान की जमीन उगल रही 'सोना'
हरियाणा के डबवाली खंड का गांव बनवाला की जमीन कभी पानी के लिए तरसती थी लेकिन महिला सरपंच के प्रयासों से न सिर्फ किसानों को फायदा पहुंचा बल्कि पंचायत भी आत्मनिर्भर हो गई। आज गांव में पंचायत खुद विकास कार्य करवा रही है।
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करीब 4000 फीट लंबी 14 इंंच आरसीसी पाइप लाइन बिछाकर पंचायती जमीन तक पानी पहुंचा दिया। किसानों की किस्मत खुल गई। पिछले तीन सालों से किसान गेहूं और कपास की खेती कर रहे हैं। 9 लाख रुपये ठेके पर छूटने वाली जमीन के बदले पंचायत के खाते में 30 लाख रुपये सालाना आने लगे। आत्मनिर्भर हुई पंचायत ने गांव के विकास के द्वार खोल दिए।
गांव में पंचायत द्वारा खुद बनवाई गई पक्की सड़क। जागरणआत्मनिर्भरता ने खोला तरक्की का रास्ताआत्मनिर्भरता की कसौटी पर पंचायत खरी उतरती प्रतीत हो रही है। खेत-पगडंडियां पक्की होती जा रही हैं। गांव बनवाला के तहत करीब 240 ढाणियां आती हैं। घुकांवाली, नुहियांवाली रोड पर 50-50 ढाणियां हैं, जबकि खारियां रोड पर सर्वाधिक करीब 120 ढाणियां स्थित हैं। इसके अलावा रत्ताखेड़ा, चक्कां, सादेवाला रोड पर 20 ढाणियां हैं। ढाणियों को जाने वाला रास्ता इंटरलॉक टाइल या फिर ईंटों से पक्का होने लगा है। अब ग्रामीणों को किसी कार्य के लिए कोई व्यक्ति सड़क पर नहीं बुलाता। न ही फसल की भरी ट्रॉली गड्ढे में फंसती है।यह भी पढ़ें : निशाने पर आए तो पूर्व क्रिकेटर योगराज सिंह ने दी सफाई, बोले- गलती से किया हिंदूू का जिक्र, माफी मांगता हूं
बनवाला की सरपंच सुमन देवी कासनियां का कहना है कि गांव के बीचोंबीच बने जोहड़ पर दो सबमर्सिबल लगाने से पंचायत की आमदनी करीब साढ़े तीन गुणा बढ़ गई। वहीं, छह रिचार्ज बोरवैल लगने से जोहड़ ओवरफ्लो की समस्या का समाधान हो गया। साथ ही बरसात के दिनों में गांव में पानी निकासी की समस्या समाप्त हो गई। वहीं भूमिगत जल स्तर स्थाई बना रहने में सहयोग मिला। जो आमदनी हुई, उससे पंचायत ने ढाणियों या खेतों के रास्ते पक्के करवाकर विकास में मील का पत्थर स्थापित किया। यह भी पढ़ें: Farmers Protest: पंजाब के किसान चाहते थे आढ़ती सिस्टम खात्मा, अब कृषि कानूनों के विरोध मेंपंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए