मारुति कार में कर रहे थे पशु तस्करी, एक दबोचा
जागरण संवाददाता, जगाधरी : जिस मारुति कार में चार लोग भी ठीक से बैठ कर सफर नहीं कर सक
By Edited By: Updated: Fri, 06 Jan 2017 02:38 AM (IST)
जागरण संवाददाता, जगाधरी : जिस मारुति कार में चार लोग भी ठीक से बैठ कर सफर नहीं कर सकते। उसमें पशु तस्कर एक गाय व बैल को भरकर वध के लिए उत्तर प्रदेश लेकर जा रहे थे। गोरक्षकों की टीम ने बुधवार देर रात गांव कैल के पास जब इस कार को रोका तो वे हैरान रह गए। गाय व बैल को रस्सी से बांध कर कार भरा हुआ था। गोरक्षकों व गोटास्क फोर्स ने एक पशु तस्कर को पकड़ लिया। कार से दो कारतूस भी बरामद हुए हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कैल के पास की नाकेबंदी गोरक्षा दल के अध्यक्ष धर्मेंद्र भारद्वाज ने बताया कि बुधवार रात सूचना मिली थी कि कुछ गोतस्कर अंबाला की तरफ से एक मारुति जैन कार में गोवंश को भरकर उन्हें वध के लिए जगाधरी रोड से उत्तर प्रदेश लेकर जाएंगे। उन्होंने इसकी सूचना गोटास्क फोर्स को दी। गोटास्क फोर्स व गोरक्षा दल ने मिलकर जगाधरी में कैल गांव के पास नाकाबंदी कर दी। उन्होंने वाहनों की जांच शुरू कर दी। कार चढ़ाने का किया प्रयास
गोरक्षा दल के सदस्य प्रदीप शर्मा ने बताया कि कुछ देर के बाद जैन कार वहां पर पहुंची। उसने कार को रोकने के लिए इशारा किया तो ड्राइवर ने स्पीड बढ़ा दी और उसके ऊपर कार चढ़ाने का प्रयास किया। उसने एक तरफ कूद कर खुद को बचाया। आरोपी कार को लेकर फरार हो गया। इसके बाद टीम के सदस्यों ने कार का पीछा किया। कार पेड़ से टकराई, आरोपी फरार
शर्मा के अनुसार जब वे कार का पीछा कर रहे थे तो आगे जाम लगा हुआ था। भागने के चक्कर में चालक कार पर नियंत्रण नहीं रख सका। तभी कार सड़क किनारे खड़े एक पेड़ से टकरा गई। कार आगे से क्षतिग्रस्त हो गई और उसका शीशा भी टूट गया। गाड़ी से उतर कर पशु तस्कर फरार हो गए। प्रदीप ने बताया कि उसने एक तस्कर का पीछा किया। उसने एक तस्कर को पकड़ लिया। आरोपी की पहचान रइस के तौर पर हुई। पशुओं को ढक रखा था चादर स पेड़ से टकराने के बाद जब कार की जांच की गई तो उसमें एक गाय व एक बैल मिला। दोनों को रस्सी से बुरी तरह से बांध कर पीछे लिटाया हुआ था। आरोपियों ने मारुति की पिछली सीट निकाली हुई थी। दोनों पशुओं के ऊपर चादर गिराई हुई थी ताकि किसी की नजर उन पर न पड़े। इसके अलावा कार के शीशों पर भी पर्दे लगाए हुए थे। कार से दो कारतूस भी मिले। पशुओं को गोशाला में भेज दिया गया और कार को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। दो माह से थी तलाश प्रदीप ने बताया कि उन्हें दो माह से सूचना मिल रही थी कि एक मारुति कार में पशुओं की तस्करी हो रही है। तब से वे इस कार की तलाश में थे। सूचना मिलने पर कई बार नाकाबंदी भी की गई। परंतु हर बार आरोपी गोरक्षकों व गोटास्क फोर्स को चकमा देकर दूसरे रास्ते से निकल जाता था। लेकिन इस बार आरोपी पकड़ में आ गए। पुलिस को अब उसके फरार साथियों की तलाश है। सड़क से उठा लेते थे पशुओं को जांच में पता चला है कि पशु तस्कर रात के समय कार को लेकर निकलते थे। घूम कर देखते थे कि किस सुनसान इलाके में गाय व बैल आवारा फिर रहे हैं। एक कार में तीन से चार तस्कर निकलते थे। फिर मौका पाकर आवारा पशुओं को पकड़ कर पहले उन्हें रस्सी से बांध कर नीचे गिराते थे। फिर गाड़ी में भर कर उत्तर प्रदेश ले जाते थे। गत वर्ष स्कॉर्पियो पकड़ी थी : पशु तस्कर गोतस्करी का हाइटेक तरीके अपनाते जा रहे हैं। अब तक तस्कर म¨हद्रा पिकअप जैसी गाडिय़ों का तो प्रयोग करते थे। इस बार मारूति कार पकड़ी गई है। जबकि गत वर्ष तो गोरक्षकों ने स्कॉर्पियो गाड़ी पकड़ी गई थी। इस कार में भी सीट निकाल कर गाय को बेरहमी से बांध कर लिटाया हुआ था।
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