इस महीने के अंत तक बहने लगेगी सरस्वती नदी
हरियाणा में ऐतिहासिक सरस्वती नदी की धारा इस महीने के अंत तक बहने की उम्मीद है। सरस्वती नदी की खुदाई का काम तेजी से चल रहा है।
By Test1 Test1Edited By: Updated: Wed, 20 Jul 2016 02:36 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में सरस्वती नदी के पुनरुद्वार की दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ा दिया गया है। यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व कैथल जिलों में नदी की आंतरिक सफाई व खुदाई का काम 30 जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऐसे में उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक सरस्वती की धारा बहने लगेगी।
दादूपुर फीडर से ऊंचा चंदाना और ऊंचा चंदाना से सरस्वती में पानी छोड़ा जाएगा। इसके अलावा, सरस्वती पर्यटन वृत्त पर एक नोट तैयार किया जा रहा है, ताकि यह धरोहर विश्व के लिए एक आकर्षक केंद्र बिंदु बन सकें। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की पंचकूला में इस बारे में बैठक हुई।पढ़ें : सिद्धू की तरह सभी सांसद बन जाएं तो देश के लिए होगा अच्छा : सांसद सैनी बोर्ड के डिप्टी चेयरमैन प्रशांत भारद्वाज की अध्यक्षता में हुई बैठक में जानकारी दी गई कि यमुनानगर जिले में 6 बोरवेल ओएनजीसी और 2 बोरवेल वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देहरादून करने जा रहे हैं। ये दो बोरवेल आदिबद्री और मुगलवाली में होंगे।
बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजयेंद्र कुमार ने कहा कि बोर्ड के उद्देश्य का मुख्य बिंदु सरस्वती नदी को धरा पर बहाना है। हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (हरसक ) हिसार इसके पेलियोचैनल का मैप तैयार कर रहा है। इससे बोरवेल के स्थान का सही चयन हो सकेगा। बैठक में सरस्वती पर हो रहे सभी वैज्ञानिक शोधों को बोर्ड की वेबसाइट पर डालने का निर्णय लिया गया।पढ़ें : गर्दन दबाकर आरक्षण ले लिया तो देश नहीं बचेगा : राजकुमार
इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने कहा कि सरस्वती धरोहर को पर्यटन के साथ जोडऩे की आवश्यकता है। सिंचाई विभाग के सेवानिवृत्त प्रधान सचिव रविंद्र नाथ पराशर ने बताया कि इस बात को भी समझना आवश्यक है कि हम वैदिक सरस्वती की बात कर रहे हैं या पौराणिक सरस्वती की। सरस्वती नदी शोध संस्थान के उपाध्यक्ष भारत भूषण भारती ने नदियों को जोडकऱ सरस्वती को बहाने पर बल दिया ।कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एआर चौधरी ने कहा और कलायत, भोरसैदां, मुगलवाली के अध्ययन से स्पष्ट हो जाता है कि यहां से एक विशाल नदी बहती थी और वर्तमान में भी उसके पेलियो चैनल मौजूद है । करनाल के उपायुक्त मनदीप बराड़ ने सुझाव देते हुए कहा कि एक नोडल एजेंसी बनाकर चार पांच स्थानों को विश्वस्तरीय सरस्वती तीर्थ बनाया जा सकता है।पढ़ें : मनोहर ने सुशासन सहयोगियों से साझा की मोदी की सीख वैपकोस के विशेषज्ञ हरमेल सिंह ने बताया कि यमुनानगर में सॉन्ब सरस्वती लिंक स्थापित कर दो डेम एवं एक सरस्वती सरोवर और पिहोवा के पास स्योंसर वन क्षेत्र में भी सरस्वती सरोवर बनाने की योजना तैयार की जा रही है। डिप्टी चेयरमैन प्रशांत भारद्वाज ने कहा कि आने वाले दिनों में सरस्वती पर निबंध प्रतियोगिता करवाई जाएगी।हरियाणा की ताजा और बड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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