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मां बन सकती हैं आप, अब नही होगा बार-बार गर्भपात

लैप्रोस्कोपिक इनसरक्लेज प्रकिया के प्रचलन में आने के बाद कई शारीरिक कारणों से होने वाली गर्भपात की स्थितियों को कारगर ढंग से दूर किया जाता है...

By Babita kashyapEdited By: Updated: Tue, 28 Jun 2016 04:31 PM (IST)
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मां बनने की चाह रखने वाली महिला के लिए बार-बार गर्भपात होना एक बड़ी त्रासदी है। इस त्रासदी का असर पिता बनने की चाह रखने वाले वाले व्यक्ति पर भी पड़ता है, लेकिन लैप्रोस्कोपिक इनसरक्लेज प्रक्रिया कई कारणों से बार-बार गर्भपात होने की समस्या से निजात दिलाने में कारगर है।

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समस्या क्या है...

गर्भपात ऐक ऐसी स्थिति है, जिसमें भू्रण के ठीक तरीके से विकसित होने के पहले ही गर्भ अचानकगिर जाता है। गर्भावस्था के दौरान लगभग 22 से 25 प्रतिशत मामलों में गर्भपात होता है। उम्र बढऩे से बार-बार गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।

एक नजर कारणों पर गर्भपात हार्मोन संबंधी समस्याओं, संक्रमण या रक्त में थ्रॉम्बोफीलिया जैसी कुछ समस्याओं या आनुवांशिक विकृति आदि की वजह से हो सकता है। थ्रॉम्बोफीलिया की स्थिति में मां के शरीर से बच्चे को सही मात्रा में रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती। वहीं संरचनात्मक (एनाटॉमिकल) समस्या के कारण भी गर्भपात हो सकता है। गर्भपात के कुछ अन्य कारण हो सकते हैं...

शारीरिक समस्याएं

- गर्भाशय में फाइब्रॉयड का होना।

- गर्भाशय की कैविटी में सेप्टम का होना।

- गर्भाशय में 'पॉलिप- या किसी भी अन्य प्रकार की ग्रोथ होना।

- सरवाइकल अक्षमता की स्थिति में प्रसव

(डिलीवरी) के दौरान गर्भाशय मुख के खुलने की बजाय यह समय (बच्चे का कार्यकाल पूरा होने से पहले) से पहले खुल जाता है। इस स्थिति में या तो गर्भपात हो सकता है या समय से बहुत

पहले ही बच्चे के जन्म का खतरा बढ़ जाता है।

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परंपरागत उपचार

अतीत में इन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान गर्भाशय के मुंह (वेजाइनल इनसरक्लेज) से नीचे टांका लगाकर इलाज किया जाता था। दुर्भाग्य से यह प्रक्रिया खतरे से पूरी तरह मुक्त नहीं थी। ऐसे ज्यादातर मामलों में वेजाइनल इनसेलक्लेज कारगर नहीं होता था और ऐसी अधिकतर महिलाओं में गर्भपात होना तब भी जारी रहता था। लेकिन अब ऐसी महिलाओं के लिए हमने एक नई प्रक्रिया शुरू की है, जिसे लैप्रोस्कोपिक इनसरक्लेज कहा जाता है।

अन्य लाभ

फाइब्रॉयड, पॉलिप, सेप्टम या गर्भाशय में किसी भी प्रकार की अन्य शारीरिक समस्या होने के कारण होने वाले गर्भपात के अन्य मामलों का भी इलाज दूरबीन विधि से संभव है।

यह है नवीनतम इलाज

लैप्रोस्कोपिक इनसरक्लेज के अंतर्गत गर्भाशय के मुंह को लैप्रोस्कोपी के जरिये ऊपर से बांध दिया जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि यह प्रक्रिया उन महिलाओं के लिए कारगर है, जिन्हें बार-बार गर्भपात होता है या जो महिलाएं अपरिपक्व (निर्धारित अवधि से पहले) बच्चों को जन्म देती हैं।

डॉ. निकिता त्रेहन स्त्रीरोग विशेषज्ञ

लैप्रोस्कोपिक सर्जन, सनराइज अस्पताल, दिल्ली

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