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टीबी से मुकाबला कर सकती है ये हर्बल दवा

यह दवा एमटीबी के ऑक्सीजन सेंसर पर धावा बोलती है। इससे उनको ऑक्सीजन की जरूरत का पता नहीं चल पाता जिससे वे निष्क्रिय नहीं हो पाते हैं।

By Pratibha Kumari Edited By: Updated: Mon, 26 Dec 2016 07:32 PM (IST)
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मलेरिया के इलाज के लिए सदियों पहले चीनी शोधकर्ताओं ने जिस औषधि की खोज की थी उसकी अब एक और खूबी सामने आई है। वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे टीबी से भी मुकाबला किया जा सकता है।

अमेरिकी शोधकर्ताओं के अनुसार, दुनिया की एक तिहाई आबादी टीबी से पीडि़त है। 2015 में इससे 18 लाख लोगों की मौत हुई थी। मिशिगन यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर राबर्ट एब्रामाविट्च ने कहा कि टीबी के बैक्टीरिया माइकोबैक्टरियम ट्यूबरोक्लोसिस (एमटीबी) को शरीर में पनपने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इससे वे निष्क्रिय अवस्था में चले जाते हैं। इस स्थिति में बैक्टीरिया ताकतवर हो जाते हैं। उनकी एंटीबायोटिक रोधी क्षमता ज्यादा बढ़ जाती है।

शोध में पाया गया कि प्राचीन दावा आर्टीमिसिनिन एमटीबी को इस क्षमता को पाने से रोकती है। यह दवा एमटीबी के ऑक्सीजन सेंसर पर धावा बोलती है। इससे उनको ऑक्सीजन की जरूरत का पता नहीं चल पाता जिससे वे निष्क्रिय नहीं हो पाते हैं। ऐसा नहीं होने पर वे खत्म हो जाते हैं। इससे टीबी का इलाज जल्दी हो सकेगा।

आइएएनएस

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