क्या अखरोट के इस गुण के बारे में जानते हैं आप?
हर सप्ताह 1-2 बार एक चौथाई कप अखरोट खाने वाली महिलाओं में शारीरिक परेशानियां पैदा होने की संभावना घट जाती है।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Thu, 30 Jun 2016 10:40 AM (IST)
न्यूयॉर्क । अखरोट एक ड्राई फ्रूट है, जो कि बाहरी भाग कठोर होता है और इसे मुख्य व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है। मिठाई और सलाद आदि में प्रयोग किया जाता है। यह प्रोटीन का अच्छा स्रोत होता है। यही नहीं अखरोट बॉडी से बुरी कोलेस्ट्रॉल को निकालने में मदद करता है। यह ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है. इसमें एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण होते हैं, जो ब्लड प्रेशर के खतरे को कम करने में सहायक होता है।
इन सब के अलावा, अखरोट और फल-सब्जियों सहित स्वास्थ्य खानपान वाली महिलाएं बुढ़ापे में भी शारीरिक रूप से स्वस्थ्य और सक्षम रह सकती हैं। यह बात एक नए अध्ययन में कही गई। अध्ययन के मुताबिक, हर सप्ताह 1-2 बार एक चौथाई कप अखरोट खाने वाली महिलाओं में शारीरिक परेशानियां पैदा होने की संभावना घट जाती है।
सभी प्रकार के नट (फलियों) में अखरोट (वालनट) का विशेष स्थान है। इसमें पॉलीअनसेचुरेटेड वसा (फैट) पाया जाता है, जिसमें वनस्पति आधारित आमेगा-3 फैटी अम्ल 'अल्फा-लिनोलेनिक अम्ल' (एएलए) शामिल है।
अध्ययन के मुताबिक, एक औंस (28.5 ग्राम) अखरोट में 2.5 ग्राम एएलए पाया जाता है।पढ़ें: चौंका देते हैं प्याज के ये फायदेअमेरिका में ब्रिघम एंड वुमंस हॉस्पीटल एंड हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के प्रोफेसर फ्रांसीन ग्रोडस्टीन ने कहा, 'ज्यादातर शोध वृद्धावस्था में मधुमेह और हृदय रोग जैसी समस्याओं पर अध्ययन से जुड़े होते हैं। कम ही शोध ऐसे होते हैं, जो वृद्धावस्था में जीवन की गुणवत्ता और आत्मनिर्भरता बनाए रखने की क्षमता पर केंद्रित होता है।अध्ययन के मुताबिक, इसके अलावा फल और सब्जियां अधिक खाने, चीनी मिले पेय पदार्थ, ट्रांस वसा और सोडियम कम मात्रा में लेने और शराब का कम उपयोग करने से बुढ़ापे में शरीर असमर्थ होने की संभावना कम होती है। खाद्य पदार्थो नारंगी, नारंगी का रस, सेब, नाशपाती, रोमेन या लीफ लेट्यूस और अखरोट का वृद्धावस्था में बेहतर स्वास्थ्य के साथ मजबूत संबंध का पता चला।पढ़ें: मुसीबत न बन जाए हाई हीलशोध पत्रिका 'जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन' में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कोई एक खाद्य पदार्थ नहीं, बल्कि समग्र खानपान की गुणवत्ता की शारीरिक कार्य प्रणाली को बेहतर बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है।इस 'नर्सेस हेल्थ स्टडी' अध्ययन में शोधार्थियों ने 54,762 महिलाओं का 30 साल से अधिक समय तक अध्ययन किया।
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