सावधान:ज्यादा साईकिल चलाने से हो सकती है मर्दाना कमजोरी
आम तौर पर एक अनुमान के मुताबिक, मर्दाना कमजोरी के 25 प्रतिशत मामले दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव की वजह से होते हैं।
सप्ताह में तीन घंटे से ज्यादा साइकिल चलाने से मर्दाना रूप से कमजोरी हो सकती है। खासकर मधुमेह, उच्च रक्तचाप, मोटापा, धूम्रपान, नशे का सेवन तथा दिल का रोग वाले लोगों को झुकी हुई अवस्था में साइकिल चलाना चाहिए न कि सीधे रह कर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के महासचिव एचसीएफआई के अध्यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल ने यह बात कही मर्दाना कमजोरी उस परिस्थिति को कहा जाता है, जब पुरुष का यौन अंग संबंध बनाने के लिए ऊर्जा नहीं जुटा पाता या बनाए नहीं रख पाता। हर पुरुष अपने जीवन में कभी न कभी इस तरह की समस्या से गुजरता है। मर्दाना कमजोरी दिल के रोगों का संकेत भी हो सकती है। मर्दाना कमजोरी से पीड़ित ऐसे पुरुष जिनमें पेल्विक ट्रॉमा और दिल के रोगों के कोई लक्षण नहीं हैं, उन्हें यौन कमजोरी का इलाज करवाने से पहले दिल के रोगों की जांच करवा लेनी चाहिए, क्योंकि यौन संबंधों से दिल के रोगों का संबंध होता है।
आम तौर पर एक अनुमान के मुताबिक, मर्दाना कमजोरी के 25 प्रतिशत मामले दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव की वजह से होते हैं। अवसाद, तनाव और इसके इलाज के लिए प्रयोग होने वाली दवाओं के असर से भी मर्दाना कमजोरी हो सकती है। स्ट्रोक, रीढ़ की हड्डी या पीठ की चोट, मल्टीपल स्क्लेरॉसिस और डिमेंशिया जैसे नाड़ीतंत्र के रोग भी मर्दाना कमजोरी का कारण बन सकते हैं। पेल्विक ट्रॉमा, प्रोस्टेट सर्जरी या प्रियपिसम से भी यह हो सकती है। जननांगों पर लगातार दबाव या मर्दाना अंग की धमनियों में रक्त का बहाव उचित तरीके से न होने से अंग में असंवेदनशीलता या नपुंसकता हो सकती है। प्रमुख तौर साइकिल चलाने की वजह से होने वाली मर्दाना कमजोरी साइक्लिंग से जुड़े पेशेवर लोगों में पाई गई है।पढ़ें- ज्यादा कॉफी पीना बना सकता है आपको बहरा-स्टडी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 540 किलोमीटर की साइकिल दौड़ में भाग लेने वाले नॉर्वे के एक पुरुष में यह समस्या पाई गई। मर्दाना अंग का सुन्न या असंवेदनशील होना लिंग की नसों पर दबाव होने की वजह से होता है, जबकि मर्दाना कमजोरी का कारण यौन अंगों की धमनियों में ऑक्सीजन की कमी होता है। शौकिया साइकिल चलाने वाले लोग, जो सप्ताह में तीन घंटे से कम साइकिल चलाते हैं और झुकी हुई अवस्था में साइकिल चलाने वाले लोगों के यौन अंग की नसों और धमनियों पर अनावश्यक दबाव नहीं पड़ता और उन में साइक्लिंग की वजह से होने वाले यौन दुष्प्रभाव की संभावना कम होती है। बिल्कुल सीधे रह कर लगातार साइकिल चलाने से अंग में ऑक्सीजन का बहाव कम हो सकता है, जो 10 मिनट तक कम रह सकता है।