बोर्ड रूम में फैसले बोल्ड
योग तन-मन को स्वस्थ रखता है। शांत दिमाग से फैसले लेने की क्षमता देता है। बोर्ड रूम में बैठी, नीतिगत मुद्दों पर सक्रिय रूप से अपने विचार व्यक्त करतीं महिलाएं भी यही मानती हैं।
By Babita kashyapEdited By: Updated: Sat, 18 Jun 2016 02:02 PM (IST)
सुबह-सवेरे की गई ब्रीदिंग एक्सरसाइज मुझे पूरे दिन एक्टिव रहने के लिए एनर्जी दे देती है। बहुत व्यस्त रहती हूं, लेकिन मात्र 15 मिनट का यह सेशन मुझे शांत भाव से सोचने और स्पष्ट फैसले लेने में सक्षम बना देता है। फिर मैं अपने काम बहुत अच्छी तरह से कर पाती हूं। हाल-फिलहाल कई कंपनियों के बोर्ड रूम में हूं। समझती हूं कि सारे दिन चुस्त और फुर्तीला रहने के लिए योग काफी कारगर साबित होता है।’ सांसों पर नियंत्रण के प्रयास के साथ दिन की शुरुआत करने वाली योजना आयोग की पूर्व सदस्य सचिव सुधा पिल्लई अपने छोटे से सेशन को दिन भर की ताजगी का आधार मानती हैं।
टारगेट और परिवार घर-परिवार की साज-संभाल और बच्चों की बेहतर परवरिश से लेकर बोर्ड रूम तक में अपनी पहचान बनाने वाली कॉरपोरेट सेक्टर की कॉन्फिडेंट महिलाओं के लिए योग नियमित दिनचर्या में शामिल है। उन्होंने योग को जाना, समझा और अपनाया है, जिसका उन्हें भरपूर लाभ मिला है। योग की मदद से खुद को फिट और एनर्जेटिक रखने वाली फनकार्ट डॉट कॉम की सीईओ रितिका नांगिया कहती भी हैं, ‘बिजनेस वुमन की जिंदगी आसान नहीं होती।डेडलाइंस पर काम करने से लेकर टारगेट पूरा करने तक, अनेक प्रकार के चैलेंजेज का सामना करना होता है हर दिन। उस पर से अगर फैमिली की जिम्मेदारी हो तो कई मौकों पर तनाव में आना स्वाभाविक है। ऐसे में योग ही चमत्कारिक फायदे देता है।’
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खुद पर नियंत्रण सिखाता है योग‘योग आपको अपने मन पर नियंत्रण करना सिखाता है, जिससे शांति और संतुष्टि दोनों मिलती है। मैं वर्किंग मदरहूं, इसलिए स्ट्रेस होना आम बात है, लेकिन योग ने मुझे पीछे हटना और रिएक्ट न करना सिखाया है।’ ओबेरॉयरियल्टी, मुंबई की सीएमओ रीमा कुंदनानी स्वयं पर नियंत्रण के लिए योग को अहम् मानती हैं।कारगर है विषम परिस्थितियों में प्रोफेशनल और पर्सनल उत्तरदायित्वों के बीच भी योग को अपनाना कितना मददगार होता है इस सवाल के जवाब में किंश डॉट कॉम की फाउंडर पायल जग्गी कहती हैं, ‘वर्किंग वूमेंस को बिजनेस के साथ-साथ फैमिली पर भी बराबर ध्यान देना पड़ता है। महिलाओं पर दोहरी जिम्मेदारी होतीहै, जहां उन्हें खुद को साबित करना होता है। फिर मैं तो सिंगल मदर हूं। इसीलिए मेरे साथ मुश्किलें और ज्यादा हैं, लेकिन इन सभी विषम परिस्थितियों से जूझने में योग ने काफी मदद की है। मुझे शांत और एकाग्रचित रहना सिखाया है।’ स्लो और बोरिंग मानकर छोड़ें नहीं पहली बार हरिद्वार-ऋषिकेश की एक ट्रिप के दौरान मुझे इस विधा के मकसद और उसके प्रभावों के बारे में जानने का अवसर मिला। इसके बाद तो यह मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया। बीते छह सालों से इंस्ट्रक्टर की निगरानी में मैं नियमित रूप से इसका अभ्यास करती हूं। प्राणायाम, मंत्रोच्चार, ध्यान, हठ योग से लेकरपश्चिमी देशों में लोकप्रिय यिन योग जैसी तमाम फॉम्र्स को आजमाती हूं। इससे हर दिन ऊर्जा से भरा होता है मेरा, जो लोग इसे स्लो और बोरिंग एक्सरसाइज मानकर बीच में ही छोड़ देते हैं, उनसे कहना चाहूंगी कि योग सिर्फ शारीरिक स्वस्थता ही प्रदान नहीं करता, बल्कि समग्र रूप से आपको स्वस्थ करता है। एक बार इस पर विश्वास करेंगे तो छोड़ने का विचार ही नहीं आएगा।रीमा कुंदनानी, सीएमओ, ओबेरॉय रियल्टी, मुंबइब्राइट फील करती हूंमैं सुबह-सुबह ध्यान लगाती हूं। जिससे मेरी सुबह शांत होती है, टास्क बेस्ड नहीं होती। उठते ही मैं दिन भर के कामों की लिस्ट नहीं बनाती। योग और ध्यान से दिमाग को जो शांति मिलती है, उसके चलते मैं बोर्ड रूम में हर फैसले के नुकसान और फायदे सोच पाती हूं। सभी की बात सुनने की हिम्मत रखती हूं। मुझे यह नहीं लगता कि मैं फटाफट अपनी बात बोल दूं। ब्राइट फील करती हूं। काम की चिंताएं उसी दिन सुलझा लेती हूं।निष्ठा सत्यम, हेड, स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप्स एंड पॉलिसी इंपैक्ट, यूएन वूमन पॉजिटिव बना दियामुझे नींद न आने की समस्या थी। रात में तीन-चार घंटे नींद की वजह से बुरे सपने भी आते और सुबह बोझिल भीहोती। इसका असर काम पर पड़ता। मन के साथ-साथ कई बार शरीर तक सपोर्ट करना बंद कर देता। जब मैंने योग और ध्यान का सहारा लिया तो चमत्कार हो गया। प्राणायाम और आसनों ने मुझे पहले से कहीं अधिक पॉजिटिव बना दिया। नींद भी पूरी आती है। स्ट्रेस गायब हो चुका है। व्यस्तता के बावजूद हर दिन एक घंटा योग और ध्यान के लिए निकाल ही लेती हूं। संगीता देवनी, डिप्टीमैनेजर, नैसकॉम एवं फाउंडर, स्टार्टअप फ्रीक डॉट कॉम, बेंगलुरु पढ़ें: नमाज पढऩे में छिपा है सेहत का राज योग से बढ़ती है एनर्जीयोग से हमारी एकाग्रता और एनर्जी बढ़ती है। तनाव कम हो जाता है। किसी भी व्यक्ति के जीवन में योग का काफी महत्व है। आप चाहे कितना भी नाम और धन कमा लें, लेकिन अगर स्वास्थ्य न हो तो सब बेकार साबित हो जाता है। योग लोगों को स्वस्थ रख सकता है। अरुंधति भट्टाचार्य, चेयरपर्सन, स्टेट बैंक ऑफ इंडियाफ्यूचर का इनवेस्टमेंट है योगमैं पावर योगा करती हूं, जो काफी इंटेंसिव है। कम समय में इसका अधिक प्रभाव होता है। चूंकि समय कम होता है और ट्रैवल भी करती हूं इसलिए नियमित योग नहीं कर पाती, लेकिन दो-दो महीने के कोर्स कर लेती हूं। कर्नल पिता के साथ योग बचपन से जुड़ा रहा। मुझे इतने आसन आते थे कि मैं घर में ही योग कर लेती थी, लेकिन सीनियर मैनेजमेंट पोजीशन पर आने के बाद जब तनाव ज्यादा हो गए तो मैंने कक्षाएं लेनी शुरू कर दीं। योग से ‘सेंस ऑफ परपज’ मिलता है। हम जान जाते हैं कि आज के लिए योग नहीं कर रहे हैं, बल्कि कल के स्वास्थ्य के लिए कर रहे हैं। फ्यूचर का इनवेस्टमेंट है यह। दूसरे, इससे इंस्टैंट एनर्जी मिलती है। एनर्जी इस तरह से शूट करती है कि जैसे बैटरी पूरी चार्ज हो गई। सुबह के समय चार्ज हुई यह बैटरी दिन भर एक्टिव रखती है व मानसिक खुशी मिलती है। सबसे बड़ी बात यह कि दिन तनाव रहित गुजरता है। रुचि अग्रवाल, डायरेक्टर, पार्टनर स्ट्रैटेजी एंड मार्केटिंग, माइक्रोसॉफ्टरिलैक्स रहती हूंबोर्ड रूम की मीटिंग्स में हर दिन एक नए चैलेंज का सामना करना पड़ता है। सैकड़ों लोगों को हैंडल करना, उनको समझाना आसान नहीं होता। ऐसे में गुस्सा और तनाव होना लाजिमी है। योग ने मुझे गुस्से पर नियंत्रण करना सिखाया है। मुझे गुस्सा बहुत आता था, लेकिन जब से मैंने रुटीन लाइफ में योग को शामिल किया मैं रिलैक्स रहती हूं। मैं अब किसी भी चीज पर एग्रेसिव अंदाज में रिएक्ट नहीं करती हूं। योग की मदद से पूरे दिन मैं बहुत कूल होकर काम कर पाती हूं। चाहे जितनी बिजी रहूं, लेकिन कुछ वक्त प्राणायाम व अन्य आसनों के लिएनिकाल ही लेती हूं।पायल जग्गी, फाउंडर, किंश डॉट कॉमकाम पर बढ़ा फोकसयोग शुरू करने से पहले मुझे छोटी-छोटी बातें बेचैन कर देती थीं। रोजाना एक घंटा योग, ध्यान और प्राणायाम करने से न सिर्फ काम पर फोकस बढ़ गया है, बल्कि खुद को कहीं अधिक आजाद महसूस करने लगी हूं। फ्लेक्सिबिलिटी लेवल बढ़ गया है। एरोबिक्स के मुकाबले योग की प्रक्रिया धीमी है, लेकिन आज के एकरस जीवन में इसे दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि इससे बेहतर स्ट्रेस बस्टर या पॉजिटिव एनर्जी बिल्डर कुछ और नहीं।रितिका नांगिया, सीईओ, फनकार्ट डॉट कॉम यशा माथुरइनपुट: अंशु सिंह और नंदिनी दुबे पढ़ें: बिजी हैं! घूमते-फिरते करें पेट की चर्बी कम